रांचीः मांडर विधायक बंधु तिर्की ने सोमवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति नंद कुमार यादव के नियमों के विरुद्ध अपने करीबी रिश्तेदारों, आरएसएस कार्यकर्ताओं और करीबियों की नियुक्ति की जांच कर कार्रवाई का आग्रह किया है. उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से बातचीत कर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. साथ ही राज्य में हुई नियुक्तियों में अनियमितताओं की जांच की जाए.
मन, वचन और कर्म में एकरूपता नहींबंधु तिर्की ने अपने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मानस सनातन भारतीय जनता पार्टी जिसे विश्व हिंदू परिषद, वनवासी कल्याण केंद्र, प्रज्ञा भारती, भारतीय मजदूर संघ सरीखे अनेक संगठनों ने लालन-पालन कर बड़ा किया है. जब केंद्र में अपनी सरकार बनाकर जनजाति मंत्रालय की स्थापना की गई तो लगा कि यह सचमुच जनजातियों के उत्थान के लिए समर्पित है, जनजातीय क्षेत्र स्थापित केंद्र सरकार के संस्थानों में जिस तरह जनजातियों को दरकिनार कर गैर आदिवासी आरएसएस के दलालों को भरने का काम किया गया और किया जा रहा है. उससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी के मन, वचन और कर्म में एकरूपता नहीं है, वर्तमान केंद्र सरकार का आदिवासी प्रेम मात्र दिखावा है.
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बंधु ने कहा है कि झारखंड में पिछले 5 वर्षों की आरएसएस पोषित भाजपा की स्थाई सरकार में जमीन संबंधी गड़बड़ियों भी हुई है, जिसे गहन जांच का विषय बताया है. उन्होंने कहा है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार की ओर से जनजातियों के उत्थान के लिए बनाई गई संस्थान जनजातीय कल्याण शोध संस्थान, जनजातीय सहकारिता विकास निगम को कमजोर कर जिस प्रकार केंद्र की भाजपा सरकार जनजातीय क्षेत्रों में स्थापित केंद्र सरकार के संस्थाओं में आरएसएस के कार्यकर्ताओं को स्थान दिया गया है, वह जांच का विषय है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए.