रांचीः भ्रष्टाचार के मामले में संभवत: यह पहला केस है जिसमें 6 लाख 28 हजार 698 रुपये की अधिक संपत्ति अर्जित करने पर तीन साल की सजा और तीन लाख का जुर्माना लगाया गया हो. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में ट्रायल फेस कर रहे पूर्व मंत्री और मांडर से कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया है. कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है. सीबीआई कोर्ट ने Prevention of Corruption Act. 13(2)13(1) 13 (3) धाराओं में दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा, 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की को अदालत के इस फैसले से बड़ा झटका लगा है. सजा सुनाए जाने के कुछ देर बाद कोर्ट ने 25-25 हजार के दो निजी मुचलकों पर उन्हें जमानत मिल गई.
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बता दें कि पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के खिलाफ आय से 6 लाख 28 हजार 698 रुपये अधिक अर्जित करने का आरोप है और इस मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही थी. जबकि मांडर विधायक सह पूर्व मंत्री बंधु तिर्की जमानत पर चल रहे थे. इधर, इस मामले में अदालत की सख्ती के बाद 24 फरवरी से बहस शुरू हुई. बंधु तिर्की की ओर से अदालत में 8 गवाह पेश किए गए. वहीं सीबीआई की ओर से 21 लोगों ने गवाही दी. इसके बाद 16 मार्च को हुई सुनवाई में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने दोनों पक्षों की अंतिम दलील सुनने के बाद फैसले की तारीख निर्धारित कर दी थी. अब सोमवार को अदालत ने इस मामले में सजा सुनाई.
इस मामले में कब क्या हुआः विधायक बंधु तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में सीबीआई ने 11 अगस्त 2010 को प्राथमिकी दर्ज की. सीबीआई ने अवैध संपत्ति को लेकर मई 2005 से 30 जून 2009 तक की अवधि को सेपरेट मानते हुए जांच शुरू की. इस दौरान सीबीआई ने बंधु तिर्की की आय 13 लाख 37 हजार रुपये आंका था. इस मामले में बंधु तिर्की जेल भी जा चुके हैं और जमानत पर बाहर हैं.
बंधु तिर्की का सियासी सफर
- जन्म- 1960 में रांची में दहिसोत बन्होरा
- 11 अगस्त 2010 को सीबीआई ने दर्ज की थी आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी
- 2019 में जेवीएम (प्रजातांत्रिक) के टिकट पर मांडर से विधायक चुने गए
- 2020 में तिर्की ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली
- 25 अगस्त 2021 को झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बने