रांची: सदर अस्पताल के कोविड आईसीयू में ऑक्सीजन बाधित होने से तीन मरीजों की मौत मामले में राज्य सरकार ने जांच कराने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शुक्रवार को जांच के आदेश दे दिए. बन्ना गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर विभागीय जांच और इसके साथ ही उपायुक्त से पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया है.
यह भी पढ़ें: रांचीः ऑक्सीजन सप्लाई में खराबी से तीन की मौत, प्रशासन में मचा हड़कंप
बन्ना गुप्ता ने बताया कि इस घटना में जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि कुछ जगह यह खबर चल रही है कि ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के कारण मौत हुई है. यह सही नहीं है. बन्ना गुप्ता का कहना है कि उनके सूत्रों के मुताबिक मौत किसी अन्य कारणों से हुई है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने जांच कराने का निर्णय लिया है.
सिविल सर्जन बोले-ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई मौत
प्रभारी सिविल सर्जन ने डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि गुरुवार सुबह ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली मैनीफोल्ड मशीन का वॉल्व अचानक खुल जाने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेशर कम हो गया था. लेकिन जैसे ही ऑक्सीजन प्रेशर कम होने लगा तुरंत ड्यूटी में तैनात डॉक्टर और टेक्नीशियन ने आईसीयू और वेंटिलेटर में भर्ती मरीजों का ऑक्सीजन कनेक्शन जंबो सिलेंडर से जोड़ दिया. इससे दोबारा उनका ऑक्सीजन लेवल सामान्य हो गया और उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई. उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोरोना का जो स्ट्रेन है वह बेहद खतरनाक है. लोगों के फेफड़े को 24 से 48 घंटे में पूरी तरह खराब कर देता है और इसी वजह से लोगों की मौत हो जाती है. सदर अस्पताल में जो मौत हुई उन मरीजों की हालत गंभीर थी.
क्या है पूरा मामला?
रांची के सदर अस्पताल में तकनीकी खराबी की वजह से लगभग एक घंटे तक ऑक्सीजन सप्लाई बाधित रही और इस वजह से 3 मरीजों ने दम तोड़ दिया. ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने की वजह से मरीज के परिजनों ने आनन-फानन में जंबो सिलेंडर लगाकर अपने परिजनों की जान बचाई लेकिन कई लोगों को सिलेंडर बदलना नहीं आता था, इस वजह से उनकी मौत हो गई. हालांकि, मरीजों की मौत को लेकर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सभी पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. अब जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि मरीजों की मौत किन कारणों से हुई है.