रांची: नवनिर्मित झारखंड विधानसभा और हाई कोर्ट भवन के निर्माण में पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं लेने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से जुर्माना लगाए जाने के मामले पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पूरा कारनामा पूर्ववर्ती सरकार का है, उसी वक्त सरकार को फैसला लेना चाहिए था, यह समझ से परे है कि तत्कालीन रघुवर सरकार ने कैसे प्रधानमंत्री के हाथों नवनिर्मित झारखंड विधानसभा भवन का उद्घाटन करा दिया था.
मंत्री आलमगीर आलम से यह पूछे जाने पर कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जो जुर्माना लगाया है, वह राशि कौन देगा, क्योंकि विधायक सरयू राय ने इसी मुद्दे पर सवाल खड़ा किया है कि जुर्माने की राशि एक विभाग से लेकर दूसरे विभाग को दे देना कोई सोल्यूशन नहीं है. इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी नहीं है, इस पर सरकार को फैसला लेना है.
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वहीं राज्य पिछड़ा आयोग ने आबादी के लिहाज से पिछड़ों को आरक्षण देने की अनुशंसा सरकार से की है. इस पर उन्होंने कहा कि सरकार इससे वाकिफ हैं, झारखंड में ओबीसी की जनसंख्या करीब 55% है, आयोग की तरफ से अनुशंसा आई है और इस पर सरकार विधि सम्मत विचार करेगी, दूसरे राज्यों में लागू आरक्षण का भी अध्ययन किया जाएगा, इस आधार पर सरकार आगे कोई फैसला लेगी.