रांची: AICC के आदेश पर शुरू हुए कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की जनसुनवाई का आज तीसरा सोमवार है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय भवन में कांग्रेस विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने जनसुनवाई की. इसमें बड़ी संख्या में राज्य के अलग-अलग जिलों से समस्याएं लेकर फरियादी जनसुनवाई में पहुंचे.
यह भी पढ़ें: सरायकेला में स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता ने जन समस्याओं को लेकर की सुनवाई, अधिकारियों को तत्काल दिए निदान का निर्देश
इस जनसुनवाई में रामगढ़ जिले में अगस्त महीने में हुए शमशाद की हत्या मामले को लेकर उनके परिजन भी पहुंचे. इस दौरान मृतक शमशाद की पत्नी ने मंत्री आलमगीर आलम से पति की हत्या को मॉब लिंचिंग बताते हुए मदद की गुहार लगाई. शमशाद की पत्नी ने दोषियों पर कार्रवाई और सरकार से मदद दिलाने की विनती की. उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी बलदेव ठाकुर की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. पीड़ित के परिजनों ने कहा कि शमशाद तकादा करने के लिए घर से निकले थे. जिन्हें 40-50 लोगों ने मिलकर उन्हें चोर बताकर मार दिया. पुलिस घटना को मॉब लिंचिंग नहीं मान रही है.
वहीं इस जनसुनवाई में पलामू जिले से एक बुजुर्ग भी अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में पहुंचे. उन्होंने मंत्री से गुहार लगाई कि उन्होंने 2018 में 39 लाख रुपये की लकड़ी वन विभाग को बेची थी, पर आज तक एक फूटी कौड़ी भी वन विभाग ने उन्हें नहीं दी. वहीं पारा शिक्षकों, पंचायत सचिवों ने भी अपनी-अपनी समस्याएं जनसुनवाई में मंत्री आलमगीर आलम को सुनाई और उसके निदान की गुहार लगाई.
जनता की समस्याओं का त्वरित निदान उद्देश्य-आलमगीर आलम: कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम ने जनसुनवाई के बाद कहा कि आज 50 से अधिक फरियादी राज्य के अलग-अलग जिले से पहुंचे हैं. ज्यादातर लोगों की समस्याओं का त्वरित निदान करने के लिए मौके पर ही समाधान की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग के शिकार हुए रामगढ़ के सिकनी गांव के शमशाद की विधवा भी पहुंची थीं. उन्होंने कहा कि उस घटना के आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार द्वारा क्या मदद पीड़ित परिवार को मिल सकता है, उस पर वह जल्द फैसला लेंगे.