रांचीः झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद की महागठबंधन की सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही है. सरकार के अस्तित्व में आने के बाद से ही कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा में अंदरूनी कलह की खबरें आने लगी थीं. अब झामुमो के विधायक लोबिन हेंब्रम और सीता सोरेन ने अपनी ही सरकार के मुखालफत शुरू कर दी है. दूसरी ओर कांग्रेस में भी पूर्व में दबी जुबान से जो विधायक आलाकमान, अपने मंत्रियों और सरकार के खिलाफ कुछ बोलते थे. वह अब खुलकर विरोध के स्वर को तेज कर दिया है. गुरुवार को विधायक इरफान अंसारी की बैठक इसी की बानगी थी.
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कांग्रेस में कलह कोई आम बात नहीं है. गाहे-बगाहे पार्टी नेताओं में मतभेद की बातें सामने आती ही रहती हैं. गुरुवार को जामताड़ा से कांग्रेस विधायक ने भी ऐसा ही बयान दिया. डॉ. इरफान अंसारी सहित विक्सल कोंगाड़ी, उमाशंकर अकेला और राजेश कच्छप ने JSCA स्टेडियम में अलग से बैठक की. उसके बाद डॉ. इरफान अंसारी ने कांग्रेस कोटे के मंत्रियों पर कई तरह के आरोप लगाते हुए हल्ला बोल दिया. इतना ही नहीं इशारे इशारे में डॉ. इरफान अंसारी यह कहने से भी नहीं चूके कि उन्हें 09 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
कांग्रेस विधायक दल के नेता की नसीहतः कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जब से सरकार बनी है तब से एक दो लोग के ही द्वारा बार-बार इस तरह की बयानबाजी मीडिया में की जाती रही है. ऐसे विधायकों को उनकी नसीहत और सलाह है कि अगर उनको सरकार में शामिल मंत्रियों या पार्टी संगठन से किसी तरह की नाराजगी है तो अपनी बात सार्वजनिक मंच से कहने की जगह पार्टी के प्लेटफार्म पर कहें.
उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से कांग्रेस कमजोर होती है, इसका ख्याल सभी विधायकों को रखना चाहिए. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कौन सरकार में मंत्री रहेगा, कौन पार्टी संगठन का नेतृत्व करेगा, इसका फैसला आलाकमान करती है और हम सब उसका पालन करते हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि भले ही कांग्रेस के कुछ विधायक अलग बैठक किए हो या बयानबाजी किए हैं. लेकिन कांग्रेस विधायक दल के नेता होने के नाते वह मजबूती से यह कह सकते हैं कि कांग्रेस विधायकों में मतभेद हो सकता है मन भेद नहीं है और जरूरत पड़ने पर सभी विधायक एकजुट होकर काम करेंगे.
दल की मर्यादा का ख्याल रखना जरूरी- झामुमोः जेएमएम के केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडे ने कांग्रेस और झामुमो के विधायकों के बगावती तेवर के सवाल पर कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से बात कहने का सबको अधिकार है. लेकिन यह ख्याल भी नेताओं को रखना चाहिए कि वो दल की मर्यादा का ख्याल रखें और लिमिट क्रॉस नहीं करें. जेएमएम नेता मनोज पांडे ने कहा कि जरूरत है कि ऐसे सभी विधायक जो अपने नेतृत्व और अपने मंत्रियों के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, वो पहले अपनी अंतरात्मा में झांकें. झामुमो ने कहा कि कांग्रेस के चार विधायकों की अलग बैठक और बयानबाजी पर क्या करना है, यह कांग्रेस का मामला है.
बेचैनी में कांग्रेस और झामुमो के कई विधायक- भाजपाः कांग्रेस के चार विधायकों का गुट बनाकर अलग बैठक और अपने ही मंत्रियों के खिलाफ हल्ला बोल देने पर बीजेपी ने तंज कसा है.प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के ज्यादातर विधायक बेचैनी में हैं. सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है, विधायकों की कोई सुन नहीं रहा है, विकास कार्यों को लेकर विधायकों पर दवाब है. ऐसे में भाजपा की शह पर नहीं बल्कि जनता के दवाब की वजह से झामुमो-कांग्रेस के विधायकों का सब्र टूट रहा है.