रांची: नशे के खिलाफ झारखंड पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की कार्रवाई में पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. नशा के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के आंकड़े सीआईडी ने जारी किए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 के नवंबर महीने तक हुई कार्रवाई पर ही गौर करें तो नशे के खिलाफ न सिर्फ सर्वाधिक मामले दर्ज हुए हैं, बल्कि नारकोटिक्स के केस में सर्वाधिक गिरफ्तारी भी साल 2020 में हुई है.
सबसे ज्यादा अफीम की फसल नष्ट
झारखंड में बीते दस सालों में सर्वाधिक 1838.72 एकड़ जमीन से अफीम की खेती नष्ट की गई है. हालांकि अफीम नष्ट करने के मामले में आंकड़े साल 2016 और 2017 से कम हैं. साल 2021 में भी झारखंड के कई जिलों से अफीम की फसल उगाई जाने की सूचना पुलिस को मिली है, जिसके बाद पुलिस उन्हें नष्ट करने में लगी हुई है. सीआईडी के एडीजी अनिल पालटा के अनुसार अफीम के खिलाफ लगातार पुलिस करवाई कर रही है, वर्तमान में सेंट्रल से कुछ फंड भी जारी किया गया है जो सिर्फ और सिर्फ अफीम के खिलाफ प्रयोग किया जाएगा.
सर्वाधिक नशे का सामान जब्त
साल 2020 में अफीम सहित दूसरे तरह के तमाम नशे के सामान भी जब्त किए गए थे. यह आंकड़ा की पुलिस की उपलब्धि को दर्शाता है. साल 2020 में 63 क्विंटल 81 किलोग्राम गांजा, नौ टन से अधिक डोडा समेत नशे के शिरप, 1649 किलोग्राम पोस्ता समेत अन्य चीजें बरामद की गई. साल 2019 में 152 क्विंटल गांजा, साल 2018 में 80 क्विंटल गांजा बरामद किया गया था. साल 2017 या उससे पहले कभी भी 40 क्विंटल से अधिक गांजा बरामद नहीं किया गया.
नशे की वजह से दुष्कर्म की वारदात
पुलिस ने दुष्कर्म के मामलों को लेकर एक जानकारी राज्य के सभी जिलों से जुटाई थी, जिसमें यह तथ्य सामने आया था कि 90 फीसदी से अधिक दुष्कर्म के मामलों में आरोपी ने शराब के नशे में वारदात को अंजाम दिया, या वह शराब का आदि था. दुष्कर्म के वारदातों पर लगाम कसने के लिहाज से अवैध नशे के कारोबार पर पुलिस ने शिकंजा कसने के लिए अभियान शुरू किया था. नशे के खिलाफ अभियान को खुद झारखंड के डीजीपी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
नशे के खिलाफ कार्रवाई
नशे के खिलाफ अब तक कई बार पुलिस ने कार्रवाई की है. साल 2011 से अब तक 1730 केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 2217 आरोपी की गिरफ्तारी भी की गई है. वहीं पुलिस ने कई एकड़ खेतों में लगे अफीम को नष्ट किया है. झारखंड पुलिस नशे के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है.