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झारखंडः प्रवासी मजदूरों को खेती के जरिए मिलेगा रोजगार, कृषि मंत्री ने उपायुक्तों को दिए ये निर्देश

झारखंड में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य के सभी उपायुक्तों की बैठक कर प्रवासी मजदूरों को कृषि से जोड़कर रोजगार देने के निर्देश दिए हैं.

प्रवासी मजदूरों को खेती के जरिए मिलेगा रोजगार
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Published : Jun 12, 2020, 10:53 AM IST

रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हुए लॉक डाउन से पूरा देश संकट से गुजर रहा है. ऐसे में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने सभी जिला के उपायुक्तों को 3 दिन में प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बीज वितरण शुरू करने का निर्देश दिया है.

प्रवासी मजदूरों को मिलेगा रोजगार.

नेपाल हाउस सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कृषि मंत्री ने सभी उपायुक्तों से वार्ता के दौरान कहा कि किसानों और प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया करने के लिए मिशन मोड में काम करें.

बाहर राज्य से लौटे प्रवासी मजदूरों को कृषि से जोड़ने पर विशेष विशेष फोकस किया है. प्रवासी मजदूरों को पंचायत स्तर की को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जोड़ा जाएगा, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके.

मंत्री ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि ओलावृष्टि और साइक्लोन की क्षतिपूर्ति रिपोर्ट 3 दिन के अंदर सौंपी जाए ताकि किसानों को राहत दी जा सके.

वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पलामू उपायुक्त से बातचीत में बताया कि 500 हेक्टेयर में पहली बार जिले में स्ट्राबेरी की खेती की जा रही है. अगर पलामू में इसका एक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित हो जाए तो किसानों को फायदा होगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख कि प्रस्ताव भेज दिया है. जल्द से जल्द प्रक्रिया पूर्ण कर काम कराया जाएगा.

मेघा डेयरी के प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर जोर

वहीं जामताड़ा में काजू प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की भी बात भी कही. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि झारखंड के अपने प्रोडक्ट मेघा डेयरी के इस्तेमाल पर फोकस करने की जरूरत है, ताकि दूध उत्पादन से जुड़े किसानों को लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि अगर सरकारी कार्यक्रमों में मेघ डेयरी में बने दूध छाछ, पेड़ा आदि का इस्तेमाल किया जाएगा तो मेघा डेयरी से जुड़े किसानों को भी लाभ होगा.

रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हुए लॉक डाउन से पूरा देश संकट से गुजर रहा है. ऐसे में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने सभी जिला के उपायुक्तों को 3 दिन में प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बीज वितरण शुरू करने का निर्देश दिया है.

प्रवासी मजदूरों को मिलेगा रोजगार.

नेपाल हाउस सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कृषि मंत्री ने सभी उपायुक्तों से वार्ता के दौरान कहा कि किसानों और प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया करने के लिए मिशन मोड में काम करें.

बाहर राज्य से लौटे प्रवासी मजदूरों को कृषि से जोड़ने पर विशेष विशेष फोकस किया है. प्रवासी मजदूरों को पंचायत स्तर की को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जोड़ा जाएगा, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके.

मंत्री ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि ओलावृष्टि और साइक्लोन की क्षतिपूर्ति रिपोर्ट 3 दिन के अंदर सौंपी जाए ताकि किसानों को राहत दी जा सके.

वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पलामू उपायुक्त से बातचीत में बताया कि 500 हेक्टेयर में पहली बार जिले में स्ट्राबेरी की खेती की जा रही है. अगर पलामू में इसका एक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित हो जाए तो किसानों को फायदा होगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख कि प्रस्ताव भेज दिया है. जल्द से जल्द प्रक्रिया पूर्ण कर काम कराया जाएगा.

मेघा डेयरी के प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर जोर

वहीं जामताड़ा में काजू प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की भी बात भी कही. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि झारखंड के अपने प्रोडक्ट मेघा डेयरी के इस्तेमाल पर फोकस करने की जरूरत है, ताकि दूध उत्पादन से जुड़े किसानों को लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि अगर सरकारी कार्यक्रमों में मेघ डेयरी में बने दूध छाछ, पेड़ा आदि का इस्तेमाल किया जाएगा तो मेघा डेयरी से जुड़े किसानों को भी लाभ होगा.

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