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सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कई संगठनों की बैठक, 6 दिसंबर को रेल और सड़क जाम करने का ऐलान

रांची में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों की प्रतिनिधियों ने बैठक की. बैठक में सर्वसम्मति से 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रोड और रेल चक्का जाम का ऐलान किया गया. राज्य सरकार की पहल पर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास करने को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का इन संगठनों ने स्वागत किया है.

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सरना धर्म कोड की मांग
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Published : Nov 8, 2020, 9:23 PM IST

रांची: आदिवासी सेंगल अभियान के बैनर तले सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों की प्रतिनिधियों ने बैठक की, जिसमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक में सर्वसम्मति से 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रोड और रेल चक्का जाम का ऐलान किया गया.

देखें पूरी खबर
राज्य सरकार की पहल पर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास करने को लेकर बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र का इन संगठनों ने स्वागत किया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि संकल्प पत्र में आदिवासी/सरना कोड के प्रस्ताव को खारिज कर सरना कोड का प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा जाए. आदिवासी सेंगल अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी शब्द से जाति का बोध होता है और सरना से धर्म का, आदिवासी समाज धार्मिक पहचान की मांग कर रहा है, न की जाति का, इसलिए राज्य सरकार से धार्मिक पहचान के लिए सरना कोड के प्रस्ताव की मांग की जा रही है.इसे भी पढे़ं:- नोटबंदी के चार साल पूरे, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा- मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था किया चौपटवहीं उन्होंने कहा कि 11 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष सत्र बुलाए जाने की घोषणा की है, जिसमें आदिवासियों की पहचान पर प्रस्ताव पास किया जाएगा, मुख्यमंत्री से निवेदन है कि सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजा जाए. उन्होंने कहा कि उसके बाद सभी संगठन केंद्र के खिलाफ आंदोलन करेंगे, क्योंकि धार्मिक पहचान की मांग अब आंदोलन से ही मिलेगी.

रांची: आदिवासी सेंगल अभियान के बैनर तले सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों की प्रतिनिधियों ने बैठक की, जिसमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक में सर्वसम्मति से 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रोड और रेल चक्का जाम का ऐलान किया गया.

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राज्य सरकार की पहल पर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास करने को लेकर बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र का इन संगठनों ने स्वागत किया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि संकल्प पत्र में आदिवासी/सरना कोड के प्रस्ताव को खारिज कर सरना कोड का प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा जाए. आदिवासी सेंगल अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी शब्द से जाति का बोध होता है और सरना से धर्म का, आदिवासी समाज धार्मिक पहचान की मांग कर रहा है, न की जाति का, इसलिए राज्य सरकार से धार्मिक पहचान के लिए सरना कोड के प्रस्ताव की मांग की जा रही है.इसे भी पढे़ं:- नोटबंदी के चार साल पूरे, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा- मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था किया चौपटवहीं उन्होंने कहा कि 11 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष सत्र बुलाए जाने की घोषणा की है, जिसमें आदिवासियों की पहचान पर प्रस्ताव पास किया जाएगा, मुख्यमंत्री से निवेदन है कि सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजा जाए. उन्होंने कहा कि उसके बाद सभी संगठन केंद्र के खिलाफ आंदोलन करेंगे, क्योंकि धार्मिक पहचान की मांग अब आंदोलन से ही मिलेगी.
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