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रांचीः आदिवासी सांस्कृतिक सरना धर्म रक्षा अभियान की बैठक, सीएम के बयान पर जताई असहमति

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Published : Sep 23, 2020, 5:09 PM IST

रांची के बरियातू में धर्मगुरु बंधन तिग्गा की अध्यक्षता में सरना धर्म कोड की मांग संबंधी आकस्मिक बैठक संपन्न हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान को अगले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले या सत्र में पारित कर धर्मकोड संबंधी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजने की बात कही गयी है.

meeting of sarna dharm raksha abhiyan in ranchi, आदिवासी सांस्कृतिक सरना धर्म रक्षा अभियान की हुई की बैठक
बैठक में शामिल लोग

रांचीः आदिवासी संस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वावधान में सरना स्थल तेतर टोली बरियातू रांची में सरना धर्म कोड की मांग संबंधी आकस्मिक बैठक धर्मगुरु बंधन तिग्गा की अध्यक्षता में संपन्न हुई. आदिवासी सांस्कृतिक सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वधान में हुए इस आकस्मिक बैठक में निम्नलिखित प्रस्ताव और रणनीति सुनिश्चित की गई.

1. मानसून विधानसभा में सरना धर्म कोड संबंधी प्रस्ताव पारित न होने से समस्त सरना धर्मावलंबी आदिवासी समाज में घोर निराशा, क्षोम है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति कहा गया.

2. सरना धर्म कोड पर राज्य सरकार का कदम अपने ही लोगों के प्रति दगा जैसा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान कि अगले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले या सत्र में पारित कर धर्मकोड संबंधी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजने की बात कही गयी है. इससे समस्त आदिवासी समाज संतुष्ट नहीं है और भ्रम और संदेह की भावना से लोग ग्रसित हैं .

3. झारखंड विधानसभा में पारित न होना समस्त आदिवासी समाज के जन भावना, जन आकांक्षा और उनके उम्मीदों पर सीधा आघात है.

4. राज्य सरकार से अनुरोध किया गया कि तुरंत विशेष झारखंड विधानसभा का सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड संबंधित प्रस्ताव पारित कर के केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजें, चूंकि 2021 में जनगणना होना है समय कम है और जनगणना परिपत्र में सरना धर्म कोड में शामिल होने संबंधी निर्णय केंद्र सरकार ले सके.

5. स्थानीय एवं नियोजन नीति संबंधी झारखंड हाई कोर्ट के निर्णय से अनुसूचित क्षेत्र के लोग प्रभावित होतें हैं , हजारों नियुक्त शिक्षकों के भविष्य का सवाल है राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस पर निर्णय हेतु एसएलपी(SLP) दायर करे.

और पढ़ें- बेरमो उपचुनाव में कांग्रेस से हो सकते हैं अनूप सिंह उम्मीदवार, नाम पर आलाकमान का फैसला होगा अंतिम

6. यह भी निर्णय हुआ कि सरना धर्म कोड संबंधी आंदोलन तेज होगा और जो भी क्रमिक आंदोलन की घोषणा की गई है. वह आयोजित होंगें जिसमें शीतकालीन विधानसभा को न चलने देने का निर्णय भी शामिल है.

7. यह भी निर्णय लिया गया सरना धर्म कोड का आंदोलन झारखंड की धरती से लेकर अन्य प्रदेशों के साथ निकट भविष्य में दिल्ली में दस्तक देगी और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, आदिवासी मामले के मंत्री और जनजातीय आयोग को स्मरण पत्र देने का निर्णय लिया गया जिसमें राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी जन परिषद, झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा, आदिवासी सेना झारखंड, आदिवासी संघर्ष मोर्चा और आदिवासी विकास परिषद के शीर्ष नेता उपस्थित हुए.

रांचीः आदिवासी संस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वावधान में सरना स्थल तेतर टोली बरियातू रांची में सरना धर्म कोड की मांग संबंधी आकस्मिक बैठक धर्मगुरु बंधन तिग्गा की अध्यक्षता में संपन्न हुई. आदिवासी सांस्कृतिक सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वधान में हुए इस आकस्मिक बैठक में निम्नलिखित प्रस्ताव और रणनीति सुनिश्चित की गई.

1. मानसून विधानसभा में सरना धर्म कोड संबंधी प्रस्ताव पारित न होने से समस्त सरना धर्मावलंबी आदिवासी समाज में घोर निराशा, क्षोम है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति कहा गया.

2. सरना धर्म कोड पर राज्य सरकार का कदम अपने ही लोगों के प्रति दगा जैसा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान कि अगले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले या सत्र में पारित कर धर्मकोड संबंधी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजने की बात कही गयी है. इससे समस्त आदिवासी समाज संतुष्ट नहीं है और भ्रम और संदेह की भावना से लोग ग्रसित हैं .

3. झारखंड विधानसभा में पारित न होना समस्त आदिवासी समाज के जन भावना, जन आकांक्षा और उनके उम्मीदों पर सीधा आघात है.

4. राज्य सरकार से अनुरोध किया गया कि तुरंत विशेष झारखंड विधानसभा का सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड संबंधित प्रस्ताव पारित कर के केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजें, चूंकि 2021 में जनगणना होना है समय कम है और जनगणना परिपत्र में सरना धर्म कोड में शामिल होने संबंधी निर्णय केंद्र सरकार ले सके.

5. स्थानीय एवं नियोजन नीति संबंधी झारखंड हाई कोर्ट के निर्णय से अनुसूचित क्षेत्र के लोग प्रभावित होतें हैं , हजारों नियुक्त शिक्षकों के भविष्य का सवाल है राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस पर निर्णय हेतु एसएलपी(SLP) दायर करे.

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6. यह भी निर्णय हुआ कि सरना धर्म कोड संबंधी आंदोलन तेज होगा और जो भी क्रमिक आंदोलन की घोषणा की गई है. वह आयोजित होंगें जिसमें शीतकालीन विधानसभा को न चलने देने का निर्णय भी शामिल है.

7. यह भी निर्णय लिया गया सरना धर्म कोड का आंदोलन झारखंड की धरती से लेकर अन्य प्रदेशों के साथ निकट भविष्य में दिल्ली में दस्तक देगी और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, आदिवासी मामले के मंत्री और जनजातीय आयोग को स्मरण पत्र देने का निर्णय लिया गया जिसमें राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी जन परिषद, झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा, आदिवासी सेना झारखंड, आदिवासी संघर्ष मोर्चा और आदिवासी विकास परिषद के शीर्ष नेता उपस्थित हुए.

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