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मानसून सत्र को लेकर तैयारियों में जुटा सत्ताधारी दल, गुरुवार को इंडिया विधायक दल की संयुक्त बैठक - झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर सभी पार्टियां तैयारी में लग गई हैं. झामुमो और कांग्रेस ने भी अपनी-अपनी रणनीति साफ कर दी है. सरकार की ओर से राजभवन से लौटाए गए विधेयक को दोबारा विधानसभा के पटल पर लाने की तैयारी है.

meeting of ruling MLAs in cm house
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Published : Jul 26, 2023, 9:51 PM IST

नेताओं के बयान

रांची: 28 जुलाई से झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. मानसून सत्र के दौरान सदन के अंदर सरकार को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी और आजसू के नेता रणनीति बनाने में लगे हैं. वहीं सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल राजभवन से पूर्व में लौटाए गए कई विधेयक को फिर से सदन के पटल पर लाने की तैयारी में हैं. मानसून सत्र से पहले कल रांची में कांग्रेस विधायक दल की बैठक दोपहर में और सत्ताधारी विधायक दल की संयुक्त बैठक मुख्यमंत्री आवास पर शाम में होगी.

यह भी पढ़ें: विधानसभा के पटल पर हिन्दी में सरकार रखेगी विधेयक, जानिए इसके पीछे का राज, क्या यह संवैधानिक रुप से है सही

कांग्रेस का ओबीसी आरक्षण और मॉब लिंचिंग विधेयक पर जोर: कांग्रेस ने इसी सत्र के दौरान ओबीसी को 27% आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयक और मॉब लिंचिंग विधेयक को दोबारा विधानसभा से पारित कराकर राजभवन भेजने की बात कही है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने खतियान आधारित स्थानीय नीति को दोबारा विधानसभा से पास कराने की ओर इशारा किया है. कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य गठन के बाद से अबतक अन्य पिछड़े वर्ग(OBC) को 27% आरक्षण मिल जाना चाहिए था. प्रदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि इसी सत्र में फिर से ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित कर राजभवन भेजा जाए.

वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से पूर्व की भाजपा सरकार में निर्दोषों की मॉब लिंचिंग हुई, उस समय पूरा राज्य शर्मसार हुआ था. अब झारखंड की महागठबंधन की सरकार राज्य के ऊपर लगे उसी दाग को धोना चाहती है. इसलिए कांग्रेस चाहती है कि फिर से मॉब लिंचिंग रोकने वाला विधेयक विधानसभा से पास कराकर राजभवन भेजा जाए.

1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर अड़ी झामुमो: झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि खतियान ही हमारी पहचान है. ऐसे में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. झामुमो नेता ने कहा कि मानसून सत्र आनेवाले है, इंतजार कीजिये.

नेताओं के बयान

रांची: 28 जुलाई से झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. मानसून सत्र के दौरान सदन के अंदर सरकार को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी और आजसू के नेता रणनीति बनाने में लगे हैं. वहीं सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल राजभवन से पूर्व में लौटाए गए कई विधेयक को फिर से सदन के पटल पर लाने की तैयारी में हैं. मानसून सत्र से पहले कल रांची में कांग्रेस विधायक दल की बैठक दोपहर में और सत्ताधारी विधायक दल की संयुक्त बैठक मुख्यमंत्री आवास पर शाम में होगी.

यह भी पढ़ें: विधानसभा के पटल पर हिन्दी में सरकार रखेगी विधेयक, जानिए इसके पीछे का राज, क्या यह संवैधानिक रुप से है सही

कांग्रेस का ओबीसी आरक्षण और मॉब लिंचिंग विधेयक पर जोर: कांग्रेस ने इसी सत्र के दौरान ओबीसी को 27% आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयक और मॉब लिंचिंग विधेयक को दोबारा विधानसभा से पारित कराकर राजभवन भेजने की बात कही है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने खतियान आधारित स्थानीय नीति को दोबारा विधानसभा से पास कराने की ओर इशारा किया है. कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य गठन के बाद से अबतक अन्य पिछड़े वर्ग(OBC) को 27% आरक्षण मिल जाना चाहिए था. प्रदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि इसी सत्र में फिर से ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित कर राजभवन भेजा जाए.

वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से पूर्व की भाजपा सरकार में निर्दोषों की मॉब लिंचिंग हुई, उस समय पूरा राज्य शर्मसार हुआ था. अब झारखंड की महागठबंधन की सरकार राज्य के ऊपर लगे उसी दाग को धोना चाहती है. इसलिए कांग्रेस चाहती है कि फिर से मॉब लिंचिंग रोकने वाला विधेयक विधानसभा से पास कराकर राजभवन भेजा जाए.

1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर अड़ी झामुमो: झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि खतियान ही हमारी पहचान है. ऐसे में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. झामुमो नेता ने कहा कि मानसून सत्र आनेवाले है, इंतजार कीजिये.

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