रांचीः फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की मंगलवार को व्यापार खुदरा उप समिति के चेयरमैन योगेंद्र प्रसाद पोद्दार की अध्यक्षता में बैठक की गई. चैंबर का मानना है कि खुदरा दुकानदारों को ट्रेड लाइसेंस के नाम पर परेशान किया जा रहा है. नगर निगम के कर्मचारी दुकान में चेकिंग के दौरान लाइसेंस की मांग करते हैं. लाइसेंस नहीं होने पर फाइन काटने के लिए तैयार हो जाते हैं. जबकि पहले निगम के कर्मचारी दुकान-दुकान जाकर लाइसेंस का पैसा लेकर लाइसेंस इशू करते थे, लेकिन अब यह कार्य नगर निगम की ओर से ठप है.
ट्रेड लाइसेंस सरल प्रक्रिया के तहत
चैंबर का कहना है कि खुदरा दुकानदार ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, कभी-कभी कुछ पेपर मांगे जाते हैं और कई बार कोई दुकानदार पेपर देने में असमर्थ होते हैं, क्योंकि कई दुकानदार भाड़े पर रहते हैं. मकान मालिक होल्डिंग टैक्स या बिजली बिल देना नहीं चाहते हैं, इस परिस्थिति में चैंबर ने नगर आयुक्त से अनुरोध किया है कि ट्रेड लाइसेंस को खुदरा दुकानदारों के लिए सरल प्रक्रिया के तहत दिया जाए. ताकि शहर के सभी व्यापारी ट्रेड लाइसेंस ले सके, जिससे नगर निगम को भी रेवेन्यू की बढ़ोतरी होगी.
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विभाग ने की प्रोफेशनल टैक्स की मांग
वहीं, विभाग प्रोफेशनल की मांग कर रही है. चैंबर की ओर से पहले इसका विरोध किया गया था. जिसके बाद इसकी मांग बंद कर दी गयी थी, लेकिन फिर से वर्तमान सरकार में सेल टैक्स विभाग छोटे-छोटे व्यापारियों से प्रोफेशनल टैक्स की मांग कर रहा है, जो अव्यवहारिक है. ऐसे में चैंबर ने राज्य सरकार से मांग की है कि फिर से खुदरा दुकानदारों से प्रोफेशनल टैक्स न लिया जाए.
पैकिंग आटा, मैदा, सूजी प्रत्येक पैकेट में कम वजन
बैठक में थोक व्यापारियों की ओर से पैकिंग आटा, मैदा, सूजी प्रत्येक पैकेट में कम वजन में पैकिंग किए जाने की चर्चा की गई. कम वजन की वजह से ग्राहक खुदरा दुकानदारों से शिकायत करते है और इससे ग्राहक का विश्वास घट जाता है. इसलिए निर्णय लिया गया है कि माप तौल विभाग की ओर से थोक व्यापारियों या मील वाले के पास पैकिंग प्रोडक्ट का चेकिंग कराई जाए और अगर कम वजन पाया जाए तो उस पर कार्रवाई की जाए.