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रांची: बीएयू में एकीकृत कृषि प्रणाली को लेकर हुई बैठक, मॉडल विकसित करने पर चर्चा - परियोजना अन्वेषक की योजनाओं पर चर्चा

रांची में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में एकीकृत कृषि प्रणाली आधारित सेंटर फॉर एडवांस्ड हायर एजुकेशन के तहत दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया. जहां कृषि प्रणाली मॉडल विकसित किये जाने पर चर्चा की गई. वहीं परियोजना अन्वेषक की उपलब्धियों पर चर्चा की गई.

Meeting held on integrated farming system in ranchi
रांची में परियोजना अन्वेंषक की उपलब्धियों पर चर्चा
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Published : Oct 16, 2020, 8:07 AM IST

रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में एकीकृत कृषि प्रणाली आधारित सेंटर फॉर एडवांस्ड हायर एजुकेशन (कास्ट) प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट आईसीएआर की राष्ट्रीय उच्चतर कृषि शिक्षा नीति (नाहेप) के तहत विश्व बैंक से प्रायोजित है. इसके तहत झारखंड राज्य में एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल का प्रमाणीकरण किया जाना हैं. राज्य के सभी 24 जिलों की स्थानीय परिस्थिति और मौसम के अनुरूप एक-एक एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल विकसित किया जाना है.

कुलपति डॉ. ओंकार सिंह के मार्गदर्शन में योजना संचालन के सबंध में दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया. बैठक के पहले दिन की अध्यक्षता कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने की. उन्होंने प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों को परंपरागत मॉडल की अपेक्षा आर्थिक दृष्टि से किसानों के लिए अधिक फायदेमंद तकनीकों को बढ़ावा देने पर बल दिया.

परियोजना अन्वेषक की बैठक
कुलपति के निर्देश पर दूसरे दिन विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारियों और प्रोजेक्ट से जुड़े परियोजना अन्वेषक या सह परियोजना अन्वेषक की बैठक हुई. परियोजना उपलब्धियों पर चर्चा की गई. डीन एग्रीकल्चर डॉ. एमएस यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में योजना को झारखंड में प्रभावी तरीके से लागू करने पर विचार किया गया. बैठक में झारखंड राज्य के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल विकसित करने पर जोर दिया गया.

तकनीकी गतिविधियों के विकास पर फोकस
बैठक में राज्य के 24 जिलों के अनुरूप एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल को विकसित करने में किसानों से प्रश्नोतरी आधारित जानकारी प्राप्त करने का निर्णय लिया गया. साथ ही कृषि प्रणाली को लागू करने में किसानों की समस्याओं को साझा करने और समस्या समाधान को प्राथमिकता के लिए केवीके के सहयोग पर बल दिया गया. मॉडल में खाद्यान उत्पादन से लेकर पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, बीज उत्पादन और कृषि वानिकी आदि से जुड़ी तकनीकी गतिविधियों के विकास पर फोकस करने पर जोर दिया गया.

इसे भी पढ़ें-एम्स में इलाज के बहाने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव घूम रहे थे दिल्ली-हरियाणा, सुरक्षा में तैनात 6 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड


ये लोग रहे मौजूद
बैठक का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन परियोजना अन्वेषक डॉ एमएस मल्लिक ने किया. आयोजन वेटनरी संकाय के एलपीएम विभाग के सभागार में किया गया. बैठक में डीन वेटनरी डॉ. सुशील प्रसाद, डीन पीजी डॉ. एमके गुप्ता, एसोसिएट डीन डॉ. एके सिंह, सह परियोजना अन्वेषक डॉ. बीके अग्रवाल सहित प्रोजेक्ट से जुड़े सभी सह परियोजना अन्वेषक मौजूद रहे.

रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में एकीकृत कृषि प्रणाली आधारित सेंटर फॉर एडवांस्ड हायर एजुकेशन (कास्ट) प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट आईसीएआर की राष्ट्रीय उच्चतर कृषि शिक्षा नीति (नाहेप) के तहत विश्व बैंक से प्रायोजित है. इसके तहत झारखंड राज्य में एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल का प्रमाणीकरण किया जाना हैं. राज्य के सभी 24 जिलों की स्थानीय परिस्थिति और मौसम के अनुरूप एक-एक एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल विकसित किया जाना है.

कुलपति डॉ. ओंकार सिंह के मार्गदर्शन में योजना संचालन के सबंध में दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया. बैठक के पहले दिन की अध्यक्षता कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने की. उन्होंने प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों को परंपरागत मॉडल की अपेक्षा आर्थिक दृष्टि से किसानों के लिए अधिक फायदेमंद तकनीकों को बढ़ावा देने पर बल दिया.

परियोजना अन्वेषक की बैठक
कुलपति के निर्देश पर दूसरे दिन विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारियों और प्रोजेक्ट से जुड़े परियोजना अन्वेषक या सह परियोजना अन्वेषक की बैठक हुई. परियोजना उपलब्धियों पर चर्चा की गई. डीन एग्रीकल्चर डॉ. एमएस यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में योजना को झारखंड में प्रभावी तरीके से लागू करने पर विचार किया गया. बैठक में झारखंड राज्य के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल विकसित करने पर जोर दिया गया.

तकनीकी गतिविधियों के विकास पर फोकस
बैठक में राज्य के 24 जिलों के अनुरूप एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल को विकसित करने में किसानों से प्रश्नोतरी आधारित जानकारी प्राप्त करने का निर्णय लिया गया. साथ ही कृषि प्रणाली को लागू करने में किसानों की समस्याओं को साझा करने और समस्या समाधान को प्राथमिकता के लिए केवीके के सहयोग पर बल दिया गया. मॉडल में खाद्यान उत्पादन से लेकर पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, बीज उत्पादन और कृषि वानिकी आदि से जुड़ी तकनीकी गतिविधियों के विकास पर फोकस करने पर जोर दिया गया.

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ये लोग रहे मौजूद
बैठक का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन परियोजना अन्वेषक डॉ एमएस मल्लिक ने किया. आयोजन वेटनरी संकाय के एलपीएम विभाग के सभागार में किया गया. बैठक में डीन वेटनरी डॉ. सुशील प्रसाद, डीन पीजी डॉ. एमके गुप्ता, एसोसिएट डीन डॉ. एके सिंह, सह परियोजना अन्वेषक डॉ. बीके अग्रवाल सहित प्रोजेक्ट से जुड़े सभी सह परियोजना अन्वेषक मौजूद रहे.

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