रांची: कोरोना की दूसरी लहर में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है लेकिन इसके बावजूद झारखंड में स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है. सदर अस्पताल में पीपीई किट, ग्लव्स, दवा, इंजेक्शन और इसी तरह कई मेडिकल वेस्टेज खुले में फेंके हुए हैं. इससे संक्रमण फैलने का खतरा है लेकिन कोई इस पर सुध नहीं ले रहा है.
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डॉक्टर्स को भी संक्रमण का खतरा
सदर अस्पताल में इस तरह की लापरवाही ज्यादा खतरनाक इसलिए है क्योंकि इस अस्पताल में 200 बेड का कोरोना केयर हॉस्पिटल चल रहा है और बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है. यहां कोविड जांच भी होती है. मेडिकल वेस्टेज का सही तरीके से निपटारा नहीं होने से एक तरफ जहां आम लोगों को खतरा है वहीं सदर अस्पताल में सेवा दे रहे डॉक्टर्स को भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है.
सदर अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ. पंकज का कहना है कि मेडिकल वेस्टेज का सही तरीके से निपटारा होना चाहिए. इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सव्यसाची मंडल का कहना है कि एंबुलेंसकर्मी पीपीपी किट इधर-उधर फेंक देते हैं. अन्य मेडिकल वेस्टेज के निपटारे के लिए एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई है. मेडिकल वेस्टेज के निपटारे के लिए गाइडलाइन भी बनी है लेकिन इस पर कोई अमल नहीं करा रहा है. ऐसे में सदर अस्पताल में ऐसी लापरवाही गंभीर मामला है.