रांची: पारा मेडिकल में डिग्री हासिल करने के बाद भी ऐसे कई विद्यार्थी हैं, जो धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. कल्याण विभाग की ओर से संचालित योजना के तहत एक निजी संस्थान की ओर से प्रशिक्षित किए गए पारा मेडिकल के विद्यार्थी नौकरी के लिए बल्कि दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. इनकी डिग्री को झारखंड पारा मेडिकल काउंसिल ने फर्जी बताया है और उसके बाद विद्यार्थी धरने पर बैठ गए हैं.
ये भी पढ़ें- फिर से चालू हो माइका उद्योग- धरना देकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत ने उठाई मांग
कल्याण विभाग कार्यालय के सामने धरना
मंगलवार को कई विद्यार्थी मोरहाबादी स्थित कल्याण विभाग कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं और कार्यालय के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी है.
क्या है पूरा मामला
सत्र 2017-19 के बीच कल्याण विभाग की ओर से वाईवीएन यूनिवर्सिटी को पारा मेडिकल में कोर्स कराने की जिम्मेदारी दी गई थी. इस दौरान 190 विद्यार्थियों को पारा मेडिकल में विश्वविद्यालय की ओर से 2 वर्ष पढ़ाने के बाद डिग्री प्रदान कर दिया गया. अब इनकी डिग्री को झारखंड पारा मेडिकल काउंसिल फर्जी बता दिया गया है. इससे आक्रोशित होकर इस सेशन में पास आउट हुए तमाम विद्यार्थी प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.
ये भी पढ़ें- धनबाद में BCCL कोलडंप विवाद में फायरिंग और पत्थरबाजी, गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा इलाका
अभ्यर्थियों का आरोप
अभ्यर्थियों का आरोप है कि कल्याण विभाग की ओर से ही इन्हें निजी संस्थान में ट्रेनिंग और इस कोर्स को लेकर भेजा गया था. 2 साल पढ़ने के बाद डिग्री भी प्रदान कर दी गई, जब नौकरी की बात आई तो इनकी डिग्री को फर्जी बता दिया गया है. मामले को लेकर जब कॉलेज के निदेशक के पास विद्यार्थी पहुंचे तो उस दौरान उन्हें आश्वासन दिया गया. वैसे इस मामले से कल्याण विभाग के पदाधिकारी भी अवगत है, आज तक इस परेशानी को दूर नहीं किया गया. ऐसे में इन विद्यार्थियों के पास डिग्री होने का कोई फायदा नहीं है. विद्यार्थी लगातार झारखंड पारा मेडिकल काउंसिल, कल्याण विभाग और यूनिवर्सिटी का चक्कर काट रहे हैं.
कल्याण विभाग के निदेशक ने दिया आश्वासन
मौके पर पहुंचे कल्याण विभाग के निदेशक अजय कुमार झा ने कहा है कि 24 घंटे के अंदर इस पूरे मामले की जांच की जाएगी. एक जांच कमेटी का गठन होगा, जो भी दोषी होंगे, उनपर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.