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रिम्स में मेडिकल हॉस्टल जर्जरः भविष्य के डॉक्टर्स डर के साए में जीने को मजबूर - building construction department

झारखंड की राजधानी के रिम्स में भविष्य के डॉक्टर्स डर के साए में जीने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं वो टूटी छत और पीने का गंदा पानी के बीच गुजारा कर रहे हैं. मेडिकल छात्रों के साथ ऐसा इसलिए है क्योंकि रिम्स के मेडिकल हॉस्टल जर्जर हालत (hostel of RIMS in dilapidated condition) में है. लगातार शिकायतों के बाद भी अब तक उनकी सुनी नहीं गयी.

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रिम्स
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Published : May 28, 2022, 10:39 AM IST

रांची: राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स राज्य भर के गरीब मरीजों के लिए एक उम्मीद है. क्योंकि यहां पर गरीब मरीजों को सस्ते दर पर अच्छा इलाज हो पाता है. लेकिन राज्य के गरीब मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सक ही इस अस्पताल में डर के साए में जीने को मजबूर हैं. क्योंकि रिम्स के मेडिकल हॉस्टल जर्जर हालत में है.

इसे भी पढ़ें- वाह रे रिम्स! पुराने इमरजेंसी में मरीजों के लिए बेड नहीं, ट्रॉमा सेंटर के हाईटेक व्यवस्था में मरीज नहीं


राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान एवं अस्पताल (RIMS) में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों के लिए जो हॉस्टल बनाए गए हैं. उस हॉस्टल की स्थिति दिन प्रतिदिन जर्जर (RIMS hostel in bad condition) होती जा रही है. हॉस्टल की छत से पानी टपक रहा है तो बाथरूम की दीवारों पर सीलन होने के कारण प्लास्टर उखड़ रहा है. हॉस्टल नंबर 4 में रहने वाले मेडिकल छात्र डॉक्टर मिंटू कुमार बताते हैं छत से प्लास्टर टूटकर गिरते हैं कई बार छात्रों को चोटें भी आई हैं. उन्होंने बताया कि सिर्फ यही नहीं बल्कि हॉस्टल में पीने के पानी भी उपलब्ध नहीं है. जिस कारण पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने हॉस्टल नंबर 4 का जायजा लिया है. यहां हमने भी देखा कि हॉस्टल में व्यवस्था बद से बदतर है.

देखें पूरी खबर

इस पूरे मामले पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर विकास बताते हैं कि इस तरह की परिस्थिति वर्षों से है लेकिन रिम्स प्रबंधन इस को लेकर गंभीर नहीं है. इसी को देखते हुए जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने हॉस्टल में रह रहे जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों के लिए निदेशक और हॉस्टल के डीन से वार्ता की है. वार्ता में रिम्स प्रबंधन की ओर से आश्वासन मिला है कि जल्द से जल्द हॉस्टल की सारी कमियों को दूर कर दिया जाएगा ताकि हॉस्टल में रह रहे छात्रों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो.

Medical hostel of RIMS in dilapidated condition in Ranchi
मेडिकल हॉस्टल की टूटती छत

रिम्स प्रबंधन की ओर से रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा बताते हैं कि हॉस्टल की समस्या को लेकर मैनेजमेंट गंभीर है. कुछ दिन पहले भी भवन निर्माण विभाग (building construction department) से बात कर हॉस्पिटल को दुरुस्त करने की चर्चा रिम्स के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा की गयी थी. उन्होंने बताया कि छात्रों के लिए जल्द से जल्द हॉस्टल में बेहतर सुविधा उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

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सीलन से भरी बाथरूम की छत
रिम्स सिर्फ अस्पताल ही नहीं बल्कि बहुत बड़ा मेडिकल कॉलेज भी है. जहां पर मेडिकल की पढ़ाई कर छात्र-छात्राएं बड़े-बड़े डॉक्टर बनते हैं. लेकिन वैसे भविष्य के चिकित्सकों को अगर हॉस्टल में ही बेहतर सुविधा ना दी जाए तो आने वाले समय में रिम्स में छात्र पढ़ाई करने नहीं आना चाहेंगे. जिससे कहीं ना कहीं रिम्स प्रबंधन और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवाल खड़े होंगे.
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जर्जर हालत में हॉस्टल की दीवार

रांची: राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स राज्य भर के गरीब मरीजों के लिए एक उम्मीद है. क्योंकि यहां पर गरीब मरीजों को सस्ते दर पर अच्छा इलाज हो पाता है. लेकिन राज्य के गरीब मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सक ही इस अस्पताल में डर के साए में जीने को मजबूर हैं. क्योंकि रिम्स के मेडिकल हॉस्टल जर्जर हालत में है.

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राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान एवं अस्पताल (RIMS) में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों के लिए जो हॉस्टल बनाए गए हैं. उस हॉस्टल की स्थिति दिन प्रतिदिन जर्जर (RIMS hostel in bad condition) होती जा रही है. हॉस्टल की छत से पानी टपक रहा है तो बाथरूम की दीवारों पर सीलन होने के कारण प्लास्टर उखड़ रहा है. हॉस्टल नंबर 4 में रहने वाले मेडिकल छात्र डॉक्टर मिंटू कुमार बताते हैं छत से प्लास्टर टूटकर गिरते हैं कई बार छात्रों को चोटें भी आई हैं. उन्होंने बताया कि सिर्फ यही नहीं बल्कि हॉस्टल में पीने के पानी भी उपलब्ध नहीं है. जिस कारण पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने हॉस्टल नंबर 4 का जायजा लिया है. यहां हमने भी देखा कि हॉस्टल में व्यवस्था बद से बदतर है.

देखें पूरी खबर

इस पूरे मामले पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर विकास बताते हैं कि इस तरह की परिस्थिति वर्षों से है लेकिन रिम्स प्रबंधन इस को लेकर गंभीर नहीं है. इसी को देखते हुए जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने हॉस्टल में रह रहे जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों के लिए निदेशक और हॉस्टल के डीन से वार्ता की है. वार्ता में रिम्स प्रबंधन की ओर से आश्वासन मिला है कि जल्द से जल्द हॉस्टल की सारी कमियों को दूर कर दिया जाएगा ताकि हॉस्टल में रह रहे छात्रों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो.

Medical hostel of RIMS in dilapidated condition in Ranchi
मेडिकल हॉस्टल की टूटती छत

रिम्स प्रबंधन की ओर से रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा बताते हैं कि हॉस्टल की समस्या को लेकर मैनेजमेंट गंभीर है. कुछ दिन पहले भी भवन निर्माण विभाग (building construction department) से बात कर हॉस्पिटल को दुरुस्त करने की चर्चा रिम्स के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा की गयी थी. उन्होंने बताया कि छात्रों के लिए जल्द से जल्द हॉस्टल में बेहतर सुविधा उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

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सीलन से भरी बाथरूम की छत
रिम्स सिर्फ अस्पताल ही नहीं बल्कि बहुत बड़ा मेडिकल कॉलेज भी है. जहां पर मेडिकल की पढ़ाई कर छात्र-छात्राएं बड़े-बड़े डॉक्टर बनते हैं. लेकिन वैसे भविष्य के चिकित्सकों को अगर हॉस्टल में ही बेहतर सुविधा ना दी जाए तो आने वाले समय में रिम्स में छात्र पढ़ाई करने नहीं आना चाहेंगे. जिससे कहीं ना कहीं रिम्स प्रबंधन और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवाल खड़े होंगे.
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जर्जर हालत में हॉस्टल की दीवार
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