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कोबरा, रसल वाइपर और बैंडेड करैत से रहें सावधान, झाड़-फूंक की बजाय मरीज को तुरंत ले जाएं अस्पताल - झारखंड में जहरीली सांपों की प्रजाति

बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्प दंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ग्रामीण इलाकों में मौत की घटनाएं ज्यादा होती हैं. इसके पीछे मुख्य वजह है कि लोग मरीज को अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़-फूंक कराने ले जाते हैं. झारखंड में मुख्यतः तीन तरह के जहरीले सांप होते हैं जिसमें कोबरा, रसल वाइपर और बैंडेड करैत शामिल हैं. लोगों को इन सांपों से सावधान रहने की जरूरत है.

Incidents of snakebite in Jharkhand
झारखंड में सर्प दंश की घटनाएं
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Published : Jul 13, 2021, 5:17 AM IST

Updated : Jul 13, 2021, 5:31 AM IST

रांची: बरसात का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं. खासतौर पर जून-जुलाई के मौसम में सांप काटने की घटनाएं ज्यादा होती है. इसके पीछे वजह है कि मई से जुलाई के दौरान सांप अंडे देते हैं और भोजन की तलाश में बिल से बाहर निकलते हैं. बारिश के दौरान कई सांप पानी में रहते हैं लेकिन कई सांप सूखे जगह की तलाश में रहते हैं. इसके कारण कई बार सांप घरों में भी घुस जाते है. इस दौरान कई बार सर्पदंश की घटनाएं होती है और कई बार लोग सांप को देखते ही मार देते हैं.

यह भी पढ़ें: तीन महीने विशेष अलर्ट: सांप काटने पर घबराएं नहीं, ऐसे बच सकती है आपकी जान

झाड़-फूंक के चक्कर में हो जाती है मौत

सांप काटने से मौत की ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में होती है. इसके पीछे वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सांप काटने के बाद व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़-फूंक के लिए ले जाते हैं. झाड़-फूंक से जब कुछ नहीं होता तब आखिरी में लोग मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचते हैं. इलाज में देरी होने से मरीज की मौत हो जाती है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

झारखंड में सांपों की 27 प्रजाति, ज्यादातर सांप जहरीले नहीं

सांपों का रेस्क्यू करने वाले रमेश कुमार बताते हैं कि झारखंड में अब तक सांपों के करीब 27 प्रजातियों की पुष्टि हुई है. ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते हैं. कोबरा, रसल वाइपर और बैंडेड करैत ही सबसे खतरनाक और जहरीला होता है. रमेश का कहना है कि कई बार लोग सांप काटने से नहीं मरते बल्कि सांप देखकर हार्ट अटैक से लोगों की मौत हो जाती है. घर में सांप देखने पर ज्यादातर लोग उसे मार देते हैं. इससे ईको-सिस्टम पर भी असर पड़ता है. सांप से बचने के लिए घर और आसपास के क्षेत्र की साफ सफाई करें. नियमित रूप से केरोसिन, ब्लीचिंग पाउडर या फिनायल का छिड़काव करें ताकि कोई भी विषैला जीव घर के अंदर प्रवेश न करें.

रसल वाइपर सबसे खतरनाक, बचने की संभावना सिर्फ 2%

सभी सांपों के लक्षण अलग-अलग होते हैं. किसी व्यक्ति को कोबरा या गेहुअन सांप काटता है तो उस स्थान पर त्वचा का रंग बदलने लगता है और आसपास सूजन होने लगती है. इस दौरान शरीर में कमजोरी, आंखें झपकना, मुंह से लार गिरना शुरू हो जाता है. शरीर से पसीना निकलने लगता है और सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है.

रसल वाइपर का हमला बहुत तीव्र और घातक होता है. इसके जबड़े दूसरे सांपों की तुलना में सबसे ज्यादा शक्तिशाली होते हैं. इसके काटने के बाद भयंकर दर्द होता है. पेट में दर्द के साथ शरीर में तेजी के साथ जहर फैलने लगता है. पेशाब के रास्ते खून आने लगता है. रसल वाइपर के काटने के बाद मरीज के बचने की संभावना सिर्फ एक से दो प्रतिशत तक होती है. बैंडेड करैत का लक्षण कोबरा की तरह होता है. शरीर में अधिक जलन, पेट में ऐंठन और जोड़ों में दर्द होने लगता है. इसका विष कोबरा से 7 गुना अधिक शक्तिशाली होता है.

measures to be taken after snake bite
इन उपायों से बच सकती है जान.

सांप काटने पर क्या करें?

डॉक्टर माया के मुताबिक जिस व्यक्ति को सांप ने डंसा है उसे चलने फिरने नहीं देना चाहिए. जिस जगह सांप ने डंसा है उसके ऊपर रस्सी को घुमा-घुमाकर बांध देना चाहिए. इस दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि रस्सी ज्यादा कसकर नहीं बांधें. रस्सी बांधने से खून का संचार धीमा हो जाता है और शरीर में जहर तेजी से नहीं फैलता है. सांप काटने के बाद लोग तुरंत परेशान हो जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक रूप से आत्मबल बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए. विष निकालने के लिए मुंह नहीं लगाना चाहिए. इससे जान का खतरा हो सकता है. मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल लेकर पहुंचें और एंटी-वेनोम इंजेक्शन लगवाएं. सांप काटने के बाद मरीज को बचाने का यही एकमात्र उपाय है.

रांची: बरसात का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं. खासतौर पर जून-जुलाई के मौसम में सांप काटने की घटनाएं ज्यादा होती है. इसके पीछे वजह है कि मई से जुलाई के दौरान सांप अंडे देते हैं और भोजन की तलाश में बिल से बाहर निकलते हैं. बारिश के दौरान कई सांप पानी में रहते हैं लेकिन कई सांप सूखे जगह की तलाश में रहते हैं. इसके कारण कई बार सांप घरों में भी घुस जाते है. इस दौरान कई बार सर्पदंश की घटनाएं होती है और कई बार लोग सांप को देखते ही मार देते हैं.

यह भी पढ़ें: तीन महीने विशेष अलर्ट: सांप काटने पर घबराएं नहीं, ऐसे बच सकती है आपकी जान

झाड़-फूंक के चक्कर में हो जाती है मौत

सांप काटने से मौत की ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में होती है. इसके पीछे वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सांप काटने के बाद व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़-फूंक के लिए ले जाते हैं. झाड़-फूंक से जब कुछ नहीं होता तब आखिरी में लोग मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचते हैं. इलाज में देरी होने से मरीज की मौत हो जाती है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

झारखंड में सांपों की 27 प्रजाति, ज्यादातर सांप जहरीले नहीं

सांपों का रेस्क्यू करने वाले रमेश कुमार बताते हैं कि झारखंड में अब तक सांपों के करीब 27 प्रजातियों की पुष्टि हुई है. ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते हैं. कोबरा, रसल वाइपर और बैंडेड करैत ही सबसे खतरनाक और जहरीला होता है. रमेश का कहना है कि कई बार लोग सांप काटने से नहीं मरते बल्कि सांप देखकर हार्ट अटैक से लोगों की मौत हो जाती है. घर में सांप देखने पर ज्यादातर लोग उसे मार देते हैं. इससे ईको-सिस्टम पर भी असर पड़ता है. सांप से बचने के लिए घर और आसपास के क्षेत्र की साफ सफाई करें. नियमित रूप से केरोसिन, ब्लीचिंग पाउडर या फिनायल का छिड़काव करें ताकि कोई भी विषैला जीव घर के अंदर प्रवेश न करें.

रसल वाइपर सबसे खतरनाक, बचने की संभावना सिर्फ 2%

सभी सांपों के लक्षण अलग-अलग होते हैं. किसी व्यक्ति को कोबरा या गेहुअन सांप काटता है तो उस स्थान पर त्वचा का रंग बदलने लगता है और आसपास सूजन होने लगती है. इस दौरान शरीर में कमजोरी, आंखें झपकना, मुंह से लार गिरना शुरू हो जाता है. शरीर से पसीना निकलने लगता है और सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है.

रसल वाइपर का हमला बहुत तीव्र और घातक होता है. इसके जबड़े दूसरे सांपों की तुलना में सबसे ज्यादा शक्तिशाली होते हैं. इसके काटने के बाद भयंकर दर्द होता है. पेट में दर्द के साथ शरीर में तेजी के साथ जहर फैलने लगता है. पेशाब के रास्ते खून आने लगता है. रसल वाइपर के काटने के बाद मरीज के बचने की संभावना सिर्फ एक से दो प्रतिशत तक होती है. बैंडेड करैत का लक्षण कोबरा की तरह होता है. शरीर में अधिक जलन, पेट में ऐंठन और जोड़ों में दर्द होने लगता है. इसका विष कोबरा से 7 गुना अधिक शक्तिशाली होता है.

measures to be taken after snake bite
इन उपायों से बच सकती है जान.

सांप काटने पर क्या करें?

डॉक्टर माया के मुताबिक जिस व्यक्ति को सांप ने डंसा है उसे चलने फिरने नहीं देना चाहिए. जिस जगह सांप ने डंसा है उसके ऊपर रस्सी को घुमा-घुमाकर बांध देना चाहिए. इस दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि रस्सी ज्यादा कसकर नहीं बांधें. रस्सी बांधने से खून का संचार धीमा हो जाता है और शरीर में जहर तेजी से नहीं फैलता है. सांप काटने के बाद लोग तुरंत परेशान हो जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक रूप से आत्मबल बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए. विष निकालने के लिए मुंह नहीं लगाना चाहिए. इससे जान का खतरा हो सकता है. मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल लेकर पहुंचें और एंटी-वेनोम इंजेक्शन लगवाएं. सांप काटने के बाद मरीज को बचाने का यही एकमात्र उपाय है.

Last Updated : Jul 13, 2021, 5:31 AM IST
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