रांची: झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम और राजद के बीच बना महागठबंधन मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी) और सीपीआई को खूब रास आ रही है. इन दोनों पार्टियों के एक-एक विधायक भी हैं. लिहाजा दोनों पार्टियां इस जुगत में लगी हैं कि महागठबंधन में उन्हें भी जगह मिल जाए. इसी सिलसिले में मंगलवार को निरसा से एमसीसी विधायक अरूप चटर्जी और सीपीआई के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद द्विवेदी ने जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की.
गठबंधन में शामिल होने से मिलेगी मजबूती
हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए अरूप चटर्जी ने दोनों पार्टियों के महागठबंधन में शामिल होने से होने वाले फायदे बताए. खास बात यह है कि महागठबंधन की तरफ से अभी तक निरसा और धनवार के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं हुई है. वहीं गिरिडीह और बगोदर सीट पर सीपीआई और निरसा सीट पर एमसीसी की जबर्दस्त पकड़ मानी जाती है. इसलिए दोनों पार्टियों के नेताओं को लगता है कि गठबंधन में शामिल होने से इन्हें और ज्यादा मजबूती मिलेगी.
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जल्द ही महागठबंधन में हो सकते हैं शामिल
इन दोनों नेताओं ने हेमंत सोरेन से मुलाकात भले की हो लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि हेमंत सोरेन दोनों दलों को उनकी मांग के मुताबिक पहले से तय गठबंधन की सीटों में कटौती करने के लिए पहल करेंगे या नहीं. हालांकि यह माना जा रहा है कि बिना किसी संकेत के नेताओं ने हेमंत सोरेन से मुलाकात नहीं की होगी. ऐसे में संभव है कि आने वाले समय में एमसीसी और सीपीआई भी महागठबंधन में शामिल हो जाए.