रांची. रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने प्रवासियों की देखरेख के लिए जिला प्रशासन द्वारा अभियंताओं और सुपरवाइजर की प्रतिनियुक्ति इंसीडेंट कमांडर के रूप में किए जाने पर आपत्ति जताते हुए नगर आयुक्त को बुधवार को पत्र लिखकर रोक लगाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान में कोविड-19 के कारण रांची नगर निगम के पास कर्मचारियों का आभाव है. साफ-सफाई, सेनेटाइजेशन का काम चल रहा है. इसमे अभियंता, सुपरवाइजर और अन्य अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है.
ऐसे में नगर निगम के किसी भी कर्मचारी को निगम के अलावा किसी अन्य कार्य पर नहीं लगाए जाने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने हिंदपीढ़ी क्षेत्र के कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किए जाने को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि रेड जोन से ऑरेंज जोन में पहुंचने के बाद राज्य सरकार अब निश्चिंत हो चुकी है. लेकिन हिंदपीढ़ी क्षेत्र के 3 वार्डों में 8000 घरों की स्क्रीनिंग करने के लिए मेडिकल टीम प्रतिनियुक्त की गई थी. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अब तक कितने लोगों की स्क्रीनिंग की गई. इसकी जानकारी नहीं दी गई है.
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ऐसे में जिला प्रशासन ने किस आधार पर हिंदपीढ़ी के कुछ क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन से मुक्त कर दिया यहा समझ से परे है. उन्होंने कहा है कि हिंदपीढ़ी क्षेत्र को 31 मई से पहले कंटेनमेंट जोन से मुक्त नहीं करने के लिए उनके द्वारा कई बार पत्र भी लिखा गया. फिर भी जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने का निर्णय ले लिया है. जबकि कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने की घोषणा से पहले जिला प्रशासन के मेडिकल टीम की स्क्रीनिंग रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए थी. साथ ही 60 से 70 हजार की आबादी वाले क्षेत्र में सभी व्यक्तियों की जांच होनी चाहिए थी, ताकि शहर के लोग करोना संक्रमण से भयमुक्त होकर बाहर निकल सके.