रांची: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों का शहीद सप्ताह मंगलवार से शुरू हो गया है. शहीद सप्ताह के दौरान नक्सली अपनी उपस्थिति को दर्ज करवाने के लिए किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं. यही वजह है कि झारखंड पुलिस मुख्यालय ने नक्सल प्रभावित जिले में विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है.
कोरोना संक्रमण और पुलिस के दबिश की वजह से बैकफूट नक्सली संगठन भाकपा माओवादी शहीद सप्ताह के दौरान संगठन को मजबूत करने की प्लानिंग में है. पुलिस को शक है कि वे ऐसे इलाके जहां पुलिस की पहुंच नहीं है, वहां वे फिर से अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर सकते हैं. इसलिए मुख्यालय के तरफ से नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थित सभी थानों और पिकेट को अलर्ट कर दिया है. सभी जगहों पर लगातार ऑपरेशन चलाने की बात कही गई है, ताकि नक्सली शहीदी सप्ताह के दौरान किसी तरह का हमला ना कर सकें. हालांकि, नक्सलियों ने कई इलाकों में बैनर और पोस्टर लगाकर अपनी मौजूदगी दिखा दी है.
क्यों मनाते हैं शहीदी सप्ताह
भाकपा माओवादी पुलिस के साथ मुठभेड़ या फिर दूसरे कारणों से मारे गए अपने नक्सली साथियों की याद में हर साल शहीदी सप्ताह का आयोजन करते हैं. इस दौरान अपने साथियों को श्रद्धांजलि देकर उनकी याद में शहीद स्मारक का निर्माण भी करते हैं.
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कोरोना और नक्सलियों से एक साथ लड़ेंगे जवान
झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ जंग लगातर जारी है, लेकिन कोरोना के कहर से अभियान पर भी प्रभाव पड़ रहा है. जिला पुलिस और केंद्रीय बलों के कई जवान कोरोना से संक्रमित भी हो गए हैं. झारखंड के अलग-अलग इलाके में इस तरह के मामले सामने आए हैं. ऐसे में अब जवानों को एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ नक्सलियों से भी जूझना पड़ रहा है.
नक्सलियों का 'शहीदी दिवस सप्ताह' शुरू हो गया है. 3 जुलाई तक मनाये जाने वाले इस सप्ताह के दौरान नक्सली हिंसक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं. ऐसे में सरकारी प्रतिष्ठानों, रेल, पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमले की आशंका है. इसे देखते हुए हर तरफ अलर्ट जारी किया गया है. इस दौरान सीआरपीएफ, राज्य पुलिस और रेलवे पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. माओवादियों की ओर से कुछ जिलों में पर्चे-पोस्टर बांटे गए हैं. ऐसे में झारखंड का अभियान लगतार जारी है, उनके हर मूवमेंट पर पुलिस की नजर है.