रांची: पुलिस ने बुढ़मू में हुई माओवादी संतोष लोहरा हत्याकांड का खुलासा कर लिया है. इस मामले में टीएसपीसी का कुख्यात नक्सली अर्जुन करमाली गिरफ्तार किया गया है. संतोष लोहरा की हत्या लेवी वसूली के विवाद और वर्चस्व की लड़ाई में की गई थी.
एके 47 से मारी थी गोलियां
अर्जुन करमाली ने नक्सली कमांडर पहाड़ी जी के साथ मिलकर संतोष लोहरा को एके-47 जैसे घातक हथियार से भून दिया था. संतोष लोहरा माओवादी संगठन से जुड़ा था. वह मोहन यादव दस्ते का सक्रिय नक्सली था. इलाके से लेवी वसूली के बाद मोहन यादव को देता था. इलाके में एकछत्र राज के लिए अर्जुन करमाली और टीएसपीसी के एरिया कमांडर पहाड़ी जी उर्फ रमेश महतो ने संतोष को रास्ते से हटा दिया. 21 जून को संतोष के हत्या के बाद 5 जुलाई को पहाड़ी जी ने मोहन यादव की भी हत्या कर दी थी. ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सोमवार को पूरे मामले का खुलासा किया. ग्रामीण एसपी ने कहा है कि जल्द ही पहाड़ी को भी पुलिस गिरफ्तार कर लेगी और एके-47 राइफल भी बरामद किया जाएगा.
गांव आने की सूचना पर पुलिस ने धावा बोला
बुढ़मू थाना पुलिस ने रविवार की रात थाना क्षेत्र के मक्का गांव से टीएसपीसी के अर्जुन करमाली को गिरफ्तार किया. पुलिस को सूचना मिली थी कि अर्जुन करमाली मक्का गांव आया हुआ है. सूचना मिलने के बाद रविवार की रात में मक्का गांव से पुलिस ने अर्जुन करमाली को गिरफ्तार किया.
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21 जून को सरेआम गोली मारकर हत्या
जानकारी के अनुसार अर्जुन करमाली ने 21 जून 2020 की शाम में थाना क्षेत्र के कंडेर मोड़ में एके-47 से गोली मार कर महुडर निवासी संतोष लोहरा की हत्या कर दी थी. हत्या के बाद एसएसपी रांची ने डीएसपी के नेतृत्व में एसआइटी टीम का गठन किया गया था. टीम ने 30 जून को केरेडारी थाना क्षेत्र के बुंडू टोला में अर्जुन करमाली के घर से हत्या करने में प्रयोग में लाई गई पल्सर मोटरसाइकिल को जब्त किया. इसके बाद 23 अगस्त को रात में मक्का गांव से अर्जुन करमाली को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में अर्जुन करमाली ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि संतोष लोहरा की हत्या में उसके अलावा टीएसपीसी के एरिया कमांडर पहाड़ी जी उर्फ रमेश महतो और खलील जी उर्फ राहुल गंझू शामिल थे.
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माओवादी मोहन यादव को भी मार डाला था
पांच जुलाई की देर रात कुख्यात माओवादी मोहन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. देर रात बुढ़मू थाना क्षेत्र के जंगली इलाका एरुद गांव के उत्तर और उमेडंडा के पूरब क्षेत्र में मोहन यादव की लाश बरामद की गई थी. मोहन की हत्या पहाड़ी जी और अर्जुन करमाली सहित अन्य नक्सलियों ने मिलकर की थी. शव के पास से मैगजीन, गोलियां, पाउच, नक्सल साहित्य बरामद किया गया था. अर्जुन करमाली कि विरुद्ध पतरातू थाने में दो और पिपरवार थाना में दो मामले दर्ज हैं.