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छठी JPSC का विरोध जारी, जेपीएससी कार्यालय के समक्ष अनशन पर डटे कई छात्र

छठी जेपीएससी के विरोध में कई दिनों से अभ्यर्थी सड़कों पर है. अभ्यर्थी जेपीएससी कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठ गए हैं और लगातार इसके विरोध में स्वर बुलंद कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि इसमें बाहरी लोगों को फायदा पहुंचाया गया है. वहीेंं, सरकार को अल्टीमेटम दिया है. अभ्यर्थियों की मानें तो अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो किसी भी हालत में जेपीएससी मुख्य परीक्षा का इंटरव्यू नहीं होने दिया जाएगा.

many students fasting in front of JPSC office against  Sixth JPSC
जेपीएससी मुख्यालय
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Published : Feb 22, 2020, 7:21 PM IST

रांची: छठी जेपीएससी का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार मुख्य परीक्षा परिणाम के विरोध में अभ्यर्थी सड़कों पर है. इसी कड़ी में अभ्यर्थी जेपीएससी कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठ गए हैं और लगातार इसके विरोध में स्वर बुलंद कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

अभ्यर्थियों की मानें तो इसी के विरोध में एक छात्र पर गोली भी चली थी. वह छात्र भी इसका विरोध कर रहा है, क्योंकि उसका कहना है कि छठी जेपीएससी में अनियमितता बरती गई है और बाहरी लोगों को इसका फायदा पहुंचाया गया है. वहीं, उन्होंने हेमंत सरकार पर भी तंज कसते हुए कहा कि सरकार भी इसका समर्धन कर रही है, जो काफी दुखद है.

ये भी देखें- तीन दिवसीय राजकीय इटखोरी महोत्सव संपन्न, कई यादें छोड़ गई

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही छठी जेपीएससी के मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी किया गए हैं. जिसमें 990 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं, लेकिन इसके विरोध में अब सड़कों पर आंदोलन शुरू हो चुका है. लगातार सफल अभ्यर्थियों के एक गुट इसके विरोध में आंदोलनरत है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले को लेकर दोषी ठहरा रहे हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि हेमंत सोरेन छठी जेपीएससी का हमेशा विरोध करते थे, लेकिन अब सत्ता मिलने के बाद हेमंत भी रघुवर सरकार के नक्शे कदम पर चलने लगी है.

इसी के तहत अभ्यर्थियों ने लगातार आंदोलन की शुरुआत की है. जेपीएससी कार्यालय के समक्ष भी इन अभ्यर्थियों ने शनिवार को जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही आमरण अनशन की शुरुआत कर दी है. अभ्यर्थियों ने सड़कों पर भी निकल कर इसके विरोध में स्वर बुलंद किया है.

वहीं, हेमंत सरकार को अल्टीमेटम दिया है. अभ्यर्थियों की मानें तो अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो किसी भी हालत में जेपीएससी मुख्य परीक्षा का इंटरव्यू नहीं होने दिया जाएगा और परिणाम घोषित नहीं करने दिया जाएगा.

रांची: छठी जेपीएससी का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार मुख्य परीक्षा परिणाम के विरोध में अभ्यर्थी सड़कों पर है. इसी कड़ी में अभ्यर्थी जेपीएससी कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठ गए हैं और लगातार इसके विरोध में स्वर बुलंद कर रहे हैं.

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अभ्यर्थियों की मानें तो इसी के विरोध में एक छात्र पर गोली भी चली थी. वह छात्र भी इसका विरोध कर रहा है, क्योंकि उसका कहना है कि छठी जेपीएससी में अनियमितता बरती गई है और बाहरी लोगों को इसका फायदा पहुंचाया गया है. वहीं, उन्होंने हेमंत सरकार पर भी तंज कसते हुए कहा कि सरकार भी इसका समर्धन कर रही है, जो काफी दुखद है.

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही छठी जेपीएससी के मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी किया गए हैं. जिसमें 990 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं, लेकिन इसके विरोध में अब सड़कों पर आंदोलन शुरू हो चुका है. लगातार सफल अभ्यर्थियों के एक गुट इसके विरोध में आंदोलनरत है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले को लेकर दोषी ठहरा रहे हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि हेमंत सोरेन छठी जेपीएससी का हमेशा विरोध करते थे, लेकिन अब सत्ता मिलने के बाद हेमंत भी रघुवर सरकार के नक्शे कदम पर चलने लगी है.

इसी के तहत अभ्यर्थियों ने लगातार आंदोलन की शुरुआत की है. जेपीएससी कार्यालय के समक्ष भी इन अभ्यर्थियों ने शनिवार को जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही आमरण अनशन की शुरुआत कर दी है. अभ्यर्थियों ने सड़कों पर भी निकल कर इसके विरोध में स्वर बुलंद किया है.

वहीं, हेमंत सरकार को अल्टीमेटम दिया है. अभ्यर्थियों की मानें तो अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो किसी भी हालत में जेपीएससी मुख्य परीक्षा का इंटरव्यू नहीं होने दिया जाएगा और परिणाम घोषित नहीं करने दिया जाएगा.

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