रांचीः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की बिगुल बजते ही चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. प्रत्याशी अपने खेमे में जीत की दावेदारी कर रहे हैं. झारखंड में पंचायत चुनाव का मतदान चार चरणों किया जाना है. वहीं कांके प्रखंड में दूसरे चरण पर मतदान किया जाएगा. दूसरे चरण मतदान के लिए प्रत्याशी नामांकन कर रहे हैं लेकिन इसी बीच कई ऐसे चौंकानेवाले तथ्य सामने आए हैं जिसको सुनकर प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने के सपने भर पानी फिरता नजर आ रहा है.
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रांची में पंचायत चुनाव से पहले पूर्व मुखिया, पूर्व उप मुखिया सहित कई का मतदान सूची से नाम विलोपित कर दिया गया है. इससे वो चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे. इसको लेकर पूर्व में मुखिया रह चुके या फिर उप मुखिया रह चुके ऐसे प्रत्याशियों का वोटर लिस्ट से नाम गायब हो गया या दूसरे वार्ड में नाम शामिल होने से चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे हैं. जिसके बाद प्रत्याशियों द्वारा जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों पर जानबूझकर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया है. वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी से जांच कर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.
कांके विधानसभा मतदाता सूची भाग संख्या 195 के क्रमांक 371 में से कोकदोरो पंचायत के पूर्व मुखिया खेमचंद्र पहान, सुकुरहुट्टू उत्तरी पंचायत के पूर्व मुखिया प्रभात भूषण का नाम विलोपित किए जाने पर नामांकन करने से वंचित हो गए हैं. इस संबंध में पूर्व मुखिया ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त रांची को आवेदन दिया है. उन्होंने इसकी जांच कर संबंधित निर्वाचन कर्मचारी के ऊपर विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की है. साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था कराकर पंचायत चुनाव में नामांकन की अनुमित मांगी है.
पूर्व मुखिया खेमचंद्र पहान और प्रभात भूषण ने आरोप लगाया है कि कूटनीति के तहत मतदाता सूची से मेरा नाम विलोपित किया गया है. इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग होनी चाहिए और दोषी पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस संबंध में सीओ दिवाकर सी द्विवेदी ने कहा कि भुक्तभोगी द्वारा शिकायत मिली है, जिसमें संबंधित बीएलओ से 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है. साथ ही कांके पूर्वी मध्य-19 से प्रत्याशी लवली कुमारी के साथ भी ऐसा ही हुआ है जिससे वो चुनाव लड़ने से वंचित हो गयी हैं.