रांची: झारखंड कांग्रेस के कई विधायक यहां की व्यवस्था से नाराज चल रहे हैं. पार्टी में लगातार हो रही अनदेखी से आहत तीन विधायक दिल्ली दरबार में दस्तक भी दे आए हैं. जानकारी के मुताबिक विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और उमाशंकर अकेला 28 जुलाई को दिल्ली गए थे. वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और गुलाबनबी आजाद से मिलकर अपनी बात रखी है. विधायकों का साफ कहना है कि सम्मान से समझौता नहीं हो सकता है. जनप्रतिनिधियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. इसकी वजह से कांग्रेस के नौ विधायक ऐसे हैं जो नाराज चल रहे हैं और नाराजगी गहराती जा रही है.
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ईटीवी भारत को बताया गया कि दिल्ली में आला नेताओं ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना है. बकरीद के बाद झारखंड के नौ कांग्रेसी विधायक एकजुटता के साथ दिल्ली जाएंगे. 29 जुलाई को रांची लौटने के बाद से तीनों विधायक क्वॉरेंटाइन में हैं. इनका साफ कहना है कि पार्टी में वन मैन वन पोस्ट होना चाहिए. नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि सरकार में एक सीट क्यों खाली रखी गई है. अगर रखी भी गई है तो संख्या बल के हिसाब से सरकार में कांग्रेस की भागीदारी कम क्यों है. जाहिर है अगर इन तीन विधायकों के दावों के मुताबिक छह और विधायकों की नाराजगी की बात सही निकली तो सरकार की सेहत पर असर पड़ सकता है.
राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू ने संभाली कमान
बताया जा रहा है कि राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू ने सरकार पर दबाव बढ़ाने के मुहिम की कमान संभाली है. उनके नेतृत्व में जामताड़ा के विधायक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी, बरही के विधायक उमाशंकर अकेला और खिजरी के विधायक राजेश कच्छप ने दिल्ली में हेमंत सरकार के खिलाफ कई शिकायत की है. जानकारी के मुताबिक, अगर इनकी मांग पर विचार नहीं हुआ तो ये दलबदल तक कर सकते हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने हाल ही में यह खुलासा किया था कि भाजपा सरकार गिराने के लिए पार्टी के विधायकों को प्रलोभन दे रही है.
विधायक ने मंत्री पद के लिए पेश की दावेदारी
वहीं, विधायक उमाशंकर अकेला ने सरकार में खाली पड़े मंत्री के 12वें पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. उन्होंने अपने भावनाओं को आलाकमान से अवगत कराया है. उन्होंने कहा है कि वह उत्तरी छोटानागपुर से आते हैं और उस क्षेत्र में यादव जाति की आबादी ज्यादा है. ऐसे में यादव समुदाय से उन्हें मंत्री पद दिया जाना चाहिए. इस मामले पर विधायक राजेश कच्छप ने कहा है कि यह घर की लड़ाई है. घर में बर्तन टकराएंगे तो आवाज होगी ही. उन्होंने कहा कि सरकार से कोई नाराजगी नहीं है. सबका अपना-अपना काम करने का तरीका है. हम लोग भी चाहते हैं कि जनता के अनुरूप हर काम को धरातल पर उतार सकें. कोविड 19 की वजह से थोड़ी परेशानी हो रही है, लेकिन गठबंधन सरकार का 6 महीना बीत चुका है. ऐसे में जनता को जो लाभ मिलना चाहिए वह देना पड़ेगा. उन्होंने आलाकमान से कहा है कि तमाम नए विधायकों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. रघुवर सरकार के समय से जितने अधिकारी कुंडली मार कर के बैठे हुए हैं. वह विधायकों की भी नही सुनते, जबकि सभी को आगे आकर काम करने की जरूरत है.