रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है. इसके बावजूद कांग्रेस में सब ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के खिलाफ पार्टी नेताओं में मतभेद बढ़ते जा रहा है. आए दिन नेताओं के बयान सामने आते रहते हैं. जिससे साफ पता चलता है कि पार्टी में भीतरखाने घमासान मचा है. पूर्व सांसद फुरकान अंसारी तो खुलेआम गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं.
फुरकान अंसारी ने आला कमान को राहुल गांधी के मैनेजमेंट गुरुओं से घिरे रहने और संस्कृति में सुधार लाने की बात कही थी. जिसके बाद प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव उस समय बीमार थे, इसलिए उनसे विमर्श कर कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के हस्ताक्षर से नोटिस जारी किया गया था, जिसमें फुरकान अंसारी से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा था, लेकिन आज तक उन्होंने जवाब नहीं दिया. हालांकि पार्टी ने भी उनके खिलाफ कुछ कार्रवाई नहीं की. फुरकान अंसारी लगातार कांग्रेस की मजबूती की वकालत करते रहे हैं और पार्टी के लिए जोर शोर से काम भी कर रहे हैं. वो लगातार नई कमेटी के गठन नहीं होने को लेकर भी सवाल खड़े करते रहे हैं.
राज्यसभा चुनाव लड़ना चाहते थे फुरकान अंसारी
जानकारी के अनुसार फुरकान अंसारी राज्यसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन माना जाता है कि प्रदेश प्रभारी के कारण ही उन्हें टिकट नहीं दिया गया. जिसके बाद से उनमें काफी आक्रोश है. कांग्रेस के केंद्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलकर फुरकान अंसारी ने आरपीएन सिंह की भी शिकायत की है. उन्होंने केसी वेणुगोपाल से कहा कि प्रदेश में चार साल से कांग्रेस की नई कमेटी नहीं बनी है, जिसके लिए झारखंड प्रभारी जिम्मेदार हैं.
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रामेश्वर उरांव ने दी प्रतिक्रिया
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी की ओर से प्रदेश प्रभारी के खिलाफ दिए गए बयान पर रामेश्वर उरांव ने भी प्रतिक्रिया दी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाते रामेश्वर उरांव ने कहा कि आलाकमान का स्पष्ट निर्देश है कि किसी को किसी बात पर आपत्ति है तो वह उचित प्लेटफार्म पर ही अपनी बात रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में बहुत कम ऐसे नेता हैं, जो इस तरह की बयानबाजी करते हैं, पूर्व में भी फुरकान अंसारी को शो-कॉज नोटिस जारी हुआ था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, इस मामले में भी वह आला कमान को अवगत कराएंगे. यह पूछे जाने पर कि पिछले दिनों कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कुछ विधायक क्यों अनुपस्थित थे, क्या यह माना जाए कि प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बैठक में कांग्रेस के सभी चारों मंत्री के अलावा सिर्फ तीन चार विधायक को छोड़कर सभी विधायक मौजूद थे, जो लोग नहीं आए थे वह सभी दिल्ली में थे और इसकी उन्हें जानकारी दी गई थी.