रांची: पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव में इस बार झारखंड के राजनेताओं की ज्याफ एंट्री होनी है. सभी राजनीतिक दलों की अपनी-अपनी राहें हैं, जिसमें सभी लोग जोर लगा रहे हैं. ऐसे में झारखंड की सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के अलावा मंत्री, विधायक और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई है. पार्टी के कई नेता अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए पड़ोसी राज्यों में चुनाव प्रचार में जुट गए हैं.
अनुदान मांग पर सदन में चर्चा
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने इस बाबत कहा कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र अभी चल रहा है. बजट सत्र में कई विभागों की अनुदान मांग पर सदन में चर्चा हो रही है. ऐसे में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम की सभा में उपस्थिति जरूरी है, लेकिन बजट सत्र समाप्त होते ही दोनों नेता पड़ोसी राज्य में कैंप कर पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सत्र के बाद 24 मार्च से असम में डिब्रूगढ़ और टी बागान क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे, जहां बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं. वे पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार, पुरलिया समेत अन्य क्षेत्रों में भी जाएंगे, जहां ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और अन्य क्षेत्रों के बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं.
पार्टी की जीत सुनिश्चित कराने की कोशिश
वहीं, प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने बताया कि इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए पार्टी पर्यवेक्षक बनाया गया है. वह वहां का दौरा कर चुके हैं और लगातार क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से संपर्क कर चुनाव प्रचार की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. दूसरी तरफ कृषि मंत्री बादल भी अपने विधानसभा क्षेत्र से लगे पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करने जाएंगे. इसके अलावा विधायक दीपिका पांडे सिंह, अनूप सिंह और अन्य नेता भी कैंप कर पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित कराने की कोशिश करेंगे.