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रांची में किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे कई कलाकार, धनबाद में थाली बजाकर कृषि कानून का किया विरोध

झारखंड में अलग-अलग अंदाज में नए कृषि कानून का विरोध किया गया. कहीं लेखक और कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से इस कानून का विरोध किया तो कहीं थाली पीटकर.

Many artists came out in favour of farmer's protest in Jharkhand
रांची में किसान आंदोलन के विरोध में उतरे कई कलाकार
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Published : Dec 27, 2020, 6:44 PM IST

रांची,धनबाद: झारखंड के कई जगहों पर रविवार को कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया गया. रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर लेखक और कलाकारों ने अपनी कविता, स्लोगन और पेंटिंग के माध्यम से इस कानून का विरोध किया. वहीं, धनबाद में थाली पीटकर इस कानून को वापस लेने की मांग की गई.

ये भी पढ़ें-सिमडेगा में PLFI ने की पोस्टरबाजी, सुरक्षा पर उठ रहे सवाल


सांस्कृति अभियान का आयोजन


किसान आंदोलन के समर्थन में इस सांस्कृति अभियान का आयोजन प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृतिक मंच, जनवादी लेखक संघ, इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन और अन्य सहधर्मी संगठनों की ओर से किया गया था. लेखक और कलाकार के इस अभियान में बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी देखी गई, साथ ही एआईएसएफ, एआईडीएस जैसे छात्र संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए. युवा चित्रकारों ने किसान आंदोलन के समर्थन में पेंटिंग बनाया. इस संस्कृतिक अभियान में कथाकार पंकज मित्रा, अजय वर्मा, मिथिलेश, रमेंद्र रेनू प्रकाश, अमजद खान, ललित सोनी और तिरिया जेवियर कुजूर सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.

धनबाद में थाली पीटकर कृषि कानून बिल का विरोध

इधर, धनबाद में भी कृषि कानून बिल को वापस लिए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन एकता और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने रविवार को रणधीर वर्मा चौक पर थाली पीट कर विरोध जताया. कांग्रेस जिला अध्यक्ष ब्रजेन्द्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से लागू कृषि कानून बिल के खिलाफ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत कई स्थानों पर किसान पिछले कई दिनों से आंदोलनरत हैं. ऐसे में कई किसानों की अब तक मौत भी हो चुकी है. इसके बावजूद केंद्र की भाजपा सरकार किसी बात को सुनने को तैयार नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कर रहे है. ऐसे में पीएम मोदी मन की बात के बजाय किसानों की बात करें और इसी बात को बताने के लिए देशव्यापी स्तर पर रविवार को थाली पीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान तक किसानों की आवाज को पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है.

रांची,धनबाद: झारखंड के कई जगहों पर रविवार को कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया गया. रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर लेखक और कलाकारों ने अपनी कविता, स्लोगन और पेंटिंग के माध्यम से इस कानून का विरोध किया. वहीं, धनबाद में थाली पीटकर इस कानून को वापस लेने की मांग की गई.

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सांस्कृति अभियान का आयोजन


किसान आंदोलन के समर्थन में इस सांस्कृति अभियान का आयोजन प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृतिक मंच, जनवादी लेखक संघ, इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन और अन्य सहधर्मी संगठनों की ओर से किया गया था. लेखक और कलाकार के इस अभियान में बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी देखी गई, साथ ही एआईएसएफ, एआईडीएस जैसे छात्र संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए. युवा चित्रकारों ने किसान आंदोलन के समर्थन में पेंटिंग बनाया. इस संस्कृतिक अभियान में कथाकार पंकज मित्रा, अजय वर्मा, मिथिलेश, रमेंद्र रेनू प्रकाश, अमजद खान, ललित सोनी और तिरिया जेवियर कुजूर सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.

धनबाद में थाली पीटकर कृषि कानून बिल का विरोध

इधर, धनबाद में भी कृषि कानून बिल को वापस लिए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन एकता और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने रविवार को रणधीर वर्मा चौक पर थाली पीट कर विरोध जताया. कांग्रेस जिला अध्यक्ष ब्रजेन्द्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से लागू कृषि कानून बिल के खिलाफ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत कई स्थानों पर किसान पिछले कई दिनों से आंदोलनरत हैं. ऐसे में कई किसानों की अब तक मौत भी हो चुकी है. इसके बावजूद केंद्र की भाजपा सरकार किसी बात को सुनने को तैयार नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कर रहे है. ऐसे में पीएम मोदी मन की बात के बजाय किसानों की बात करें और इसी बात को बताने के लिए देशव्यापी स्तर पर रविवार को थाली पीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान तक किसानों की आवाज को पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है.

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