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2020 में साइबर अपराधी और पुलिस के बीच लुकाछिपी का खेल रहा जारी, कई राज्यों की पुलिस को भी आना पड़ा झारखंड

झारखंड में साल 2020 में पूरे साल साइबर अपराधियों और पुलिस के बीच लुकाछिपी का खेल जारी रहा. साइबर अपराध पर लगाम लगाने और लोगों को जागरूक करने के लिए जामताड़ा जिले में 2 आईपीएस अधिकारियों की तैनाती की गई. जामताड़ा, धनबाद और देवघर जिले में साइबर अपराधियों के गैंग सक्रिय रहे. इनको रोकने के लिए पुलिस ने स्पेशल टीम का गठन करते हुए साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी भी की.

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साइबर अपराध
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Published : Dec 27, 2020, 5:20 AM IST

रांची: झारखंड देश भर में अपने खनिज संपदाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल के दिनों में साइबर अपराध को लेकर झारखंड पूरे देश भर में बदनाम हुआ है. देश का शायद ही ऐसा कोई कोना बाकी हो जहां झारखंड के साइबर अपराधियों की पहुंच.

देखें पूरी खबर


जामताड़ा से शुरू हुआ साइबर अपराधियों का कारोबार
झारखंड के जामताड़ा जिले से शुरू हुआ साइबर अपराधियों का कारोबार पूरे देश में फल फूल रहा है. 2 सालों में पुलिस ने 1500 से अधिक साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया इसके बावजूद साइबर अपराध की वारदातें लगातार सामने आ रही है. एक आंकड़े के अनुसार झारखंड में सक्रिय साइबर अपराधी हर दिन पांच लोगों को अपना शिकार बनाते हैं.


साइबर अपराधियों के गैंग सक्रिय
झारखंड के जामताड़ा, धनबाद और देवघर जिले में साइबर अपराधियों के दो दर्जन आए ज्यादा गैंग सक्रिय है. इनमें से सबसे ज्यादा जामताड़ा साइबर अपराधियों के लिए विख्यात है. झारखंड में साइबर अपराध की शुरुआत जामताड़ा जिले के करमाटांड़ इलाके से हुई थी. मात्र एक आईटी ग्रेजुएट लड़के ने जामताड़ा से साइबर अपराध की शुरुआत की जो धीरे-धीरे झारखंड के कई शहरों में फैल गया. झारखंड का जामताड़ा भारत का ऐसा पहला शहर है. जहां देश के हर स्टेट की पुलिस ने समय-समय पर छापेमारी की है. जामताड़ा के ऊपर हाल में ही एक फिल्म भी बनी है, जिसके जरिए लोगों को यह दिखाया गया है कि जामताड़ा में रहने वाले साइबर अपराधी किस तरह लोगों के खातों से पैसे उड़ाते हैं.

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झारखंड में हुई साइबर अराध की घटनाएं
500 से ज्यादा साइबर अपराधी सक्रियसीआईडी के आंकड़ों के अनुसार झारखंड के जामताड़ा ,धनबाद गिरिडीह ,रांची और देवघर जैसे शहरों में 500 से ज्यादा साइबर अपराधी सक्रिय हैं. जामताड़ा और देवघर हाल के दिनों में साइबर अपराधियों के ठिकाने बने हुए हैं, हालांकि जामताड़ा और देवघर में पुलिस की दबिश की वजह से कुछ साइबर अपराधियों ने बिहार और बंगाल का विरोध कर लिया है. वहीं पर बैठकर बे साइबर ठगी का काम कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-नर्सिंग एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट जारी, 24 दिसंबर से शुरू होगी काउंसिलिंग



साइबर अपराधियों के पास एक्सपर्ट टेक्निकल टीम
झारखंड के साइबर अपराधियों के पास एक एक्सपर्ट टेक्निकल टीम है, जिसमें आईटी के जानकार भी शामिल है. साइबर अपराधियों की आईटी एक्सपर्ट झारखंड के जामताड़ा देवघर और गिरिडीह जिले में साइबर फ्रॉड करने के तरीके वहां के युवाओं को सिखाते है. पुलिस की छापेमारी में कई बार ऐसे साइबर अपराधी भी गिरफ्तार किए गए है. जो आईटी एक्सपर्ट थे और अच्छे कॉलेज में उन्होंने पढ़ाई की थी, लेकिन पैसे के लालच में आकर उन्होंने साइबर अपराधियों के साथ जुड़ गए.


600 से ज्यादा साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी
झारखंड में अपराधियों और नक्सली से ज्यादा गिरफ्तारी साइबर अपराध की हुई है. सीआईडी से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में 600 से ज्यादा साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी झारखंड के अलग-अलग जिलों से हुई है. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि सबसे ज्यादा साइबर अपराध में गिरफ्तारी देवघर जिले से हुई है. देवघर जिले से अब तक 400 से अधिक साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनके पास से फर्जी डॉक्यूमेंट और हजारों की संख्या में आधार कार्ड बरामद किए गए हैं.

साइबर अपराधियों के खिलाफ जागरूकता अभियान
साइबर अपराधियों खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के लिए सीआईडी की टीम ने साल 2020 में हिंदी और अंग्रेजी में एक बुकलेट भी जारी किया है. बुकलेट में साइबर अपराधी किस तरह के दांव पेच अपनाते है और कैसे लोगों को अपना शिकार बनाते है इसकी जानकारी तो दी ही गई है. इसके अलावा उनसे बचने के लिए क्या-क्या कदम उठाने हैं इसकी भी विस्तृत रूप से जानकारी दी गई है.

ऑनलाइन साइबर अपराध
झारखंड में साइबर अपराधी ऑनलाइन के जरिए होने वाले हर ट्रांजैक्शन पर ठगी का जाल बुनते है, जो इन में फंसता है. उसके खाते से पैसे खाली हो जाते है. झारखंड में साइबर अपराधी सबसे ज्यादा ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देते है. इनमें फोन बंद करने की धमकी, खाता बंद करने की धमकी के अलावा दूसरे तरह के ऑनलाइन खातों को बंद करने की धमकी देकर लोगों से उनके बैंक डिटेल ले लेते है और खातों से पैसे उड़ा देते है. लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधियों के निशाने पर सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे आए ऑनलाइन क्लासेज के चक्कर में कई गार्जियन के खाते खाली हो गए.


इसे भी पढ़ें-पुलिस या सेना में नौकरी करना चाहता था पुनई, नाकाम रहने के बाद थामा हथियार और बन गया उग्रवादी



झारखंड पुलिस कर रही लोगों को जागरूक
साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए झारखंड पुलिस लगातार जागरूकता अभियान तो चला ही रही है. यह पहली बार हुआ है कि जब जामताड़ा जिले में 2 आईपीएस अधिकारियों को तैनात कर साइबर अपराधियों से निपटने की जिम्मेदारी दी गई है. दोनों आईपीएस अधिकारी सिर्फ और सिर्फ साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए जामताड़ा जिले में काम कर रहे है. हाल के दिनों में साइबर अपराधियों ने ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भी अपना शिकार बनाना शुरू किया है, जिसके बाद अब झारखंड पुलिस मुखिया और सहिया को साइबर अपराध से निपटने के तरीके सिखा रही है, ताकि वह गांव-गांव जाकर लोगों को साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता ला सकें.

रांची: झारखंड देश भर में अपने खनिज संपदाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल के दिनों में साइबर अपराध को लेकर झारखंड पूरे देश भर में बदनाम हुआ है. देश का शायद ही ऐसा कोई कोना बाकी हो जहां झारखंड के साइबर अपराधियों की पहुंच.

देखें पूरी खबर


जामताड़ा से शुरू हुआ साइबर अपराधियों का कारोबार
झारखंड के जामताड़ा जिले से शुरू हुआ साइबर अपराधियों का कारोबार पूरे देश में फल फूल रहा है. 2 सालों में पुलिस ने 1500 से अधिक साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया इसके बावजूद साइबर अपराध की वारदातें लगातार सामने आ रही है. एक आंकड़े के अनुसार झारखंड में सक्रिय साइबर अपराधी हर दिन पांच लोगों को अपना शिकार बनाते हैं.


साइबर अपराधियों के गैंग सक्रिय
झारखंड के जामताड़ा, धनबाद और देवघर जिले में साइबर अपराधियों के दो दर्जन आए ज्यादा गैंग सक्रिय है. इनमें से सबसे ज्यादा जामताड़ा साइबर अपराधियों के लिए विख्यात है. झारखंड में साइबर अपराध की शुरुआत जामताड़ा जिले के करमाटांड़ इलाके से हुई थी. मात्र एक आईटी ग्रेजुएट लड़के ने जामताड़ा से साइबर अपराध की शुरुआत की जो धीरे-धीरे झारखंड के कई शहरों में फैल गया. झारखंड का जामताड़ा भारत का ऐसा पहला शहर है. जहां देश के हर स्टेट की पुलिस ने समय-समय पर छापेमारी की है. जामताड़ा के ऊपर हाल में ही एक फिल्म भी बनी है, जिसके जरिए लोगों को यह दिखाया गया है कि जामताड़ा में रहने वाले साइबर अपराधी किस तरह लोगों के खातों से पैसे उड़ाते हैं.

major-cyber-crime-activities-of-2020-in-jharkhand
झारखंड में हुई साइबर अराध की घटनाएं
500 से ज्यादा साइबर अपराधी सक्रियसीआईडी के आंकड़ों के अनुसार झारखंड के जामताड़ा ,धनबाद गिरिडीह ,रांची और देवघर जैसे शहरों में 500 से ज्यादा साइबर अपराधी सक्रिय हैं. जामताड़ा और देवघर हाल के दिनों में साइबर अपराधियों के ठिकाने बने हुए हैं, हालांकि जामताड़ा और देवघर में पुलिस की दबिश की वजह से कुछ साइबर अपराधियों ने बिहार और बंगाल का विरोध कर लिया है. वहीं पर बैठकर बे साइबर ठगी का काम कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-नर्सिंग एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट जारी, 24 दिसंबर से शुरू होगी काउंसिलिंग



साइबर अपराधियों के पास एक्सपर्ट टेक्निकल टीम
झारखंड के साइबर अपराधियों के पास एक एक्सपर्ट टेक्निकल टीम है, जिसमें आईटी के जानकार भी शामिल है. साइबर अपराधियों की आईटी एक्सपर्ट झारखंड के जामताड़ा देवघर और गिरिडीह जिले में साइबर फ्रॉड करने के तरीके वहां के युवाओं को सिखाते है. पुलिस की छापेमारी में कई बार ऐसे साइबर अपराधी भी गिरफ्तार किए गए है. जो आईटी एक्सपर्ट थे और अच्छे कॉलेज में उन्होंने पढ़ाई की थी, लेकिन पैसे के लालच में आकर उन्होंने साइबर अपराधियों के साथ जुड़ गए.


600 से ज्यादा साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी
झारखंड में अपराधियों और नक्सली से ज्यादा गिरफ्तारी साइबर अपराध की हुई है. सीआईडी से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में 600 से ज्यादा साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी झारखंड के अलग-अलग जिलों से हुई है. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि सबसे ज्यादा साइबर अपराध में गिरफ्तारी देवघर जिले से हुई है. देवघर जिले से अब तक 400 से अधिक साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनके पास से फर्जी डॉक्यूमेंट और हजारों की संख्या में आधार कार्ड बरामद किए गए हैं.

साइबर अपराधियों के खिलाफ जागरूकता अभियान
साइबर अपराधियों खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के लिए सीआईडी की टीम ने साल 2020 में हिंदी और अंग्रेजी में एक बुकलेट भी जारी किया है. बुकलेट में साइबर अपराधी किस तरह के दांव पेच अपनाते है और कैसे लोगों को अपना शिकार बनाते है इसकी जानकारी तो दी ही गई है. इसके अलावा उनसे बचने के लिए क्या-क्या कदम उठाने हैं इसकी भी विस्तृत रूप से जानकारी दी गई है.

ऑनलाइन साइबर अपराध
झारखंड में साइबर अपराधी ऑनलाइन के जरिए होने वाले हर ट्रांजैक्शन पर ठगी का जाल बुनते है, जो इन में फंसता है. उसके खाते से पैसे खाली हो जाते है. झारखंड में साइबर अपराधी सबसे ज्यादा ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देते है. इनमें फोन बंद करने की धमकी, खाता बंद करने की धमकी के अलावा दूसरे तरह के ऑनलाइन खातों को बंद करने की धमकी देकर लोगों से उनके बैंक डिटेल ले लेते है और खातों से पैसे उड़ा देते है. लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधियों के निशाने पर सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे आए ऑनलाइन क्लासेज के चक्कर में कई गार्जियन के खाते खाली हो गए.


इसे भी पढ़ें-पुलिस या सेना में नौकरी करना चाहता था पुनई, नाकाम रहने के बाद थामा हथियार और बन गया उग्रवादी



झारखंड पुलिस कर रही लोगों को जागरूक
साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए झारखंड पुलिस लगातार जागरूकता अभियान तो चला ही रही है. यह पहली बार हुआ है कि जब जामताड़ा जिले में 2 आईपीएस अधिकारियों को तैनात कर साइबर अपराधियों से निपटने की जिम्मेदारी दी गई है. दोनों आईपीएस अधिकारी सिर्फ और सिर्फ साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए जामताड़ा जिले में काम कर रहे है. हाल के दिनों में साइबर अपराधियों ने ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भी अपना शिकार बनाना शुरू किया है, जिसके बाद अब झारखंड पुलिस मुखिया और सहिया को साइबर अपराध से निपटने के तरीके सिखा रही है, ताकि वह गांव-गांव जाकर लोगों को साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता ला सकें.

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