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राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार बोले- दिल्ली की घटना शर्मनाक, किसान नेताओं को लेनी चाहिए जिम्मेदारी

दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली पर भाजपा के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि ऐसी अराजकता किसी आंदोलन में नहीं दिखी. इस रैली से एक बात स्पष्ट हो गई कि जो लोग खुद को किसानों का नेता कहते थे, उन लोगों ने उन्माद पैदा कर दी. रैली में न नेतृत्व दिखा और न ही कोई तैयारी दिखी.

mahesh poddar
महेश पोद्दार
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Published : Jan 26, 2021, 7:25 PM IST

Updated : Jan 26, 2021, 7:49 PM IST

नई दिल्ली. झारखंड से भाजपा के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में जो कुछ हुआ उससे कई बातें स्पष्ट हो गई. जो लोग खुद को देश के किसानों का नेता कहते थे उन लोगों ने आग लगाकर, भीड़ में उन्माद पैदा करके खुद गायब हो गए. महेश पोद्दार ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ एक सार्थक संवाद की जो संभावना थी और किसानों के हित में कुछ और सुधार हो सकते थे, उसकी संभावनाओं को भी वे लोग खत्म कर गये.

देखिये पूरी खबर

महेश पोद्दार ने कहा कि आजादी की लड़ाई में जितने भी आंदोलन हुए उसमें भी इस तरह की अराजकता नहीं दिखी. उसमें भी एक नेतृत्व था और तैयारी थी. जो लोग खुद को किसानों का नेता बताते हैं उन्होंने आज लोगों को बुला लिया लेकिन कोई नियंत्रण और तैयारी नहीं थी. दिल्ली पुलिस ने जो संयम दिखाया वैसा आज तक भारत के इतिहास में नहीं हुआ.

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री के सामने ही विधायक भाई ने लोगों से कहा, बीडीओ-CO नहीं सुनते और आप जूता-चप्पल नहीं चला रहे तो अफसोस है

बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली. कई जगह दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई. किसान लाल किले पर चढ़ गए और वहां अपना झंडा फहराया. किसान रूट से भटक गए और हालात बेकाबू हो गये थे. कई जगह इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी.

नई दिल्ली. झारखंड से भाजपा के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में जो कुछ हुआ उससे कई बातें स्पष्ट हो गई. जो लोग खुद को देश के किसानों का नेता कहते थे उन लोगों ने आग लगाकर, भीड़ में उन्माद पैदा करके खुद गायब हो गए. महेश पोद्दार ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ एक सार्थक संवाद की जो संभावना थी और किसानों के हित में कुछ और सुधार हो सकते थे, उसकी संभावनाओं को भी वे लोग खत्म कर गये.

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महेश पोद्दार ने कहा कि आजादी की लड़ाई में जितने भी आंदोलन हुए उसमें भी इस तरह की अराजकता नहीं दिखी. उसमें भी एक नेतृत्व था और तैयारी थी. जो लोग खुद को किसानों का नेता बताते हैं उन्होंने आज लोगों को बुला लिया लेकिन कोई नियंत्रण और तैयारी नहीं थी. दिल्ली पुलिस ने जो संयम दिखाया वैसा आज तक भारत के इतिहास में नहीं हुआ.

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बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली. कई जगह दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई. किसान लाल किले पर चढ़ गए और वहां अपना झंडा फहराया. किसान रूट से भटक गए और हालात बेकाबू हो गये थे. कई जगह इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी.

Last Updated : Jan 26, 2021, 7:49 PM IST
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