रांची: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने कूल अंदाज और सटीक फैसले के लिए जाने जाते हैं. अपनी कप्तानी में उन्होंने देश के लिए दो-दो वर्ल्ड कप जीते. इसलिए क्रिकेट में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. सेना में भी अपनी सेवा दे चुके धोनी अब ‘किसान’ की भूमिका में दिख रहे हैं. वे अपने रांची स्थित फार्म हाउस में इन दिनों तरह-तरह की खेती कर रहे हैं. धोनी के फार्म हाउस के एग्रीकल्चर कंसलटेंट रौशन कुमार से हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने काम को लेकर धोनी की सोच और उनके व्यवहार पर चर्चा की.
रौशन कुमार ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी कभी भी मालिक की तरह व्यवहार नहीं करते हैं. वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि आप जो भी काम करें उसमें सौ फीसदी दें और सही प्लान के साथ काम करें. फार्म में जब भी धोनी आते हैं तो सभी के साथ मित्रवत व्यवहार करते हैं और खुद किसान की तरह अनुभव करना चाहते हैं. रोशन ने बताया कि फार्म में ऑर्गेनिक तरीके से खेती की जा रही है, लेकिन ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट 3 साल बाद मिलता है, इसलिए महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी के सुझाव पर ईजा फार्म्स के साथ 'ग्रोइंग विद लव' शब्द जोड़े गए हैं.
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रौशन ने बताया कि धोनी चाहते हैं कि आसपास के किसान उन्हें देखकर प्रेरित हों. इस फार्म में आसपास के किसानों को आने की छूट है. उन्होंने बताया कि जब लॉकडाउन के कारण कामकाज ठप था तो आसपास के गांव के दर्जनों किसान हर दिन इस फार्म हाउस में आकर काम करते थे. फिलहाल इस फार्म हाउस में प्रतिदिन 40 से 45 लोग काम करते हैं.