रांची: झारखंड में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन अब तक महागठबंधन का स्वरूप तैयार नहीं हुआ है. ऐसे में महागठबंधन में हो रही देरी की वजह से विपक्षी दलों का सत्तारूढ़ बीजेपी को उखाड़ फेंकने का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल लग रहा है. प्रदेश कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा है कि लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन की मजबूती के लिए पार्टी त्याग करने के लिए तैयार है.
विधानसभा की 81 सीटों को लेकर महागठबंधन के घटक दल लगातार अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं. विपक्षी दलों का साफ तौर पर कहना है कि किसी भी पार्टी ने महागठबंधन में शामिल होने से इनकार नहीं किया है, लेकिन अब तक महागठबंधन का स्वरूप सामने नहीं आया है. जो स्थितियां हैं उससे यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विपक्षी दल महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे या फिर अलग-अलग. ऐसे में महागठबंधन का स्वरूप अब तक तय नहीं होना, विपक्ष के लक्ष्य को पूरा करने में बाधा डाल सकता है. वहीं, लगातार विपक्षी दल का बयान आ रहा है कि कुछ पेंच है, जिसकी वजह से महागठबंधन का स्वरूप पूरा नहीं हुआ है, इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
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कांग्रेस पार्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि वह महागठबंधन के लिए हर त्याग करने को तैयार है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि विपक्ष का महागठबंधन जनता को केंद्र बिंदु पर रखते हुए बनाया जाना है. उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता के हित में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ा जाएगा. ऐसे में सभी दलों को मजबूत महागठबंधन के लिए त्याग करने की जरूरत है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भी बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए त्याग किया था और विधानसभा चुनाव के लिए भी पार्टी त्याग की भावना रखती है.