ETV Bharat / state

गुरूवार को होगी महागठबंधन की बैठक, शिबू सोरेन-फुरकान को राज्यसभा भेजने पर मंथन

प्रदेश की 2 राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को होना है. 27 फरवरी को महागठबंधन के घटक दलों की एक बैठक होनी है. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि गुरुजी शिबू सोरेन झामुमो के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदाय से किसी को उतार सकती है.

author img

By

Published : Feb 26, 2020, 7:39 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 10:37 PM IST

Rajya Sabha elections, राज्यसभा चुनाव
शिबू सोरेन और फुरकान अंसारी

रांची: प्रदेश की 2 राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले मतदान को लेकर सत्तारूढ़ महागठबंधन में सुगबुगाहट तेज हो गई है. इस बाबत उम्मीदवारों को लेकर मंथन भी शुरू हो गया है. हालांकि सत्ताधारी दलों के विधायकों की एक बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने जा रही है. बैठक में राज्यसभा चुनाव को लेकर भी डिस्कशन संभावित है. कुल 81 इलेक्टेड विधायकों की क्षमता वाले झारखंड विधानसभा में फर्स्ट प्रेफरेंस के 28 मत एक उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए जरूरी हैं.

देखें पूरी खबर

शिबू सोरेन के नाम की चर्चा

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने बुधवार को बताया कि इस बाबत 27 फरवरी को महागठबंधन के घटक दलों की एक बैठक होनी है. उन्होंने कहा कि चूंकि झामुमो बड़ी भूमिका में है, ऐसे में गुरुजी शिबू सोरेन झामुमो के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदाय से किसी को उतार सकती है.

क्या कहते हैं आंकड़े ?

आंकड़ों पर गौर करें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस और राजद के गठबंधन में बनी सरकार को 47 विधायकों का समर्थन है. इकलौते झामुमो के पास 30 विधायक हैं जो एक उम्मीदवार की जीत के लिए काफी हैं. वहीं दूसरे उम्मीदवार की जीत के लिए महागठबंधन को अन्य विधायकों के साथ सेकंड प्रेफरेंस में जोड़-तोड़ करनी होगी. चूंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनकर आए थे इसी वजह से फिलहाल झारखंड विधानसभा में फिलहाल कुल 80 इलेक्टेड विधायक हैं.

ये भी पढ़ें- आसान नहीं होगी BJP में वापसी के बाद बाबूलाल की डगर, सिपहसलारों और बीजेपी कैडर के बीच बनाना होगा बैलेंस

विपक्ष का है यह समीकरण

वहीं, विपक्षी खेमे पर नजर डालें तो सबसे बड़ी संख्या के साथ बीजेपी 25 विधायकों वाली पार्टी है. हालांकि बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह आंकड़ा 26 हो गया. बावजूद इसके बीजेपी को दो और विधायकों के मत की आवश्यकता होगी जो उसके राज्यसभा उम्मीदवार की जीत दर्ज करा सके. ऐसी परिस्थिति में लेफ्ट, एनसीपी और निर्दलीय विधायकों के बाद आजसू पार्टी के विधायकों का महत्व काफी बढ़ जाता है.

आजसू पार्टी पर टिकी है नजर

दरअसल, आजसू के दो विधायक झारखंड विधानसभा में सदस्य हैं. वैसे तो आजसू की किसी भी गठबंधन से नजजदीकियां आधिकारिक तौर पर नहीं है. लेकिन राज्य में लंबे समय तक वह एनडीए के साथ जुड़ा रहा है. ऐसे में एनडीए की तरफ से आजसू को राज्यसभा चुनाव में साथ लेकर चलने की कवायद शुरू हो सकती है.

अभी तय होनी है उम्मीदवारी

वहीं, उम्मीदवारों की तरफ नजर डालें तो झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन राज्यसभा की एक सीट के लिए उम्मीदवार हो सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी के साथ किया हुआ वादा भी निभा सकती है. ऐसी स्थिति में झामुमो के एक और कांग्रेस के एक उम्मीदवार को लेकर समझौता हो सकता है. वहीं बीजेपी की तरफ नजर डालें तो पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी राज्यसभा भेजने की कवायद कर सकती है. हालांकि अभी उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर साफ नहीं है.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति का झारखंड दौरा: सुरक्षा के लिए 12 IPS, 24 DSP, 60 इंस्पेक्टर और 250 सबइंस्पेक्टर तैनात

बता दें कि निर्दलीय सांसद परिमल नथवाणी और राजद के सांसद प्रेमचंद गुप्ता का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है. इसी के मद्देनजर इन दो राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. तय शेड्यूल के अनुसार 6 मार्च को इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी जाएगी और 13 मार्च तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे. राज्य में कुल 6 राज्यसभा की सीटें हैं

रांची: प्रदेश की 2 राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले मतदान को लेकर सत्तारूढ़ महागठबंधन में सुगबुगाहट तेज हो गई है. इस बाबत उम्मीदवारों को लेकर मंथन भी शुरू हो गया है. हालांकि सत्ताधारी दलों के विधायकों की एक बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने जा रही है. बैठक में राज्यसभा चुनाव को लेकर भी डिस्कशन संभावित है. कुल 81 इलेक्टेड विधायकों की क्षमता वाले झारखंड विधानसभा में फर्स्ट प्रेफरेंस के 28 मत एक उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए जरूरी हैं.

देखें पूरी खबर

शिबू सोरेन के नाम की चर्चा

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने बुधवार को बताया कि इस बाबत 27 फरवरी को महागठबंधन के घटक दलों की एक बैठक होनी है. उन्होंने कहा कि चूंकि झामुमो बड़ी भूमिका में है, ऐसे में गुरुजी शिबू सोरेन झामुमो के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदाय से किसी को उतार सकती है.

क्या कहते हैं आंकड़े ?

आंकड़ों पर गौर करें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस और राजद के गठबंधन में बनी सरकार को 47 विधायकों का समर्थन है. इकलौते झामुमो के पास 30 विधायक हैं जो एक उम्मीदवार की जीत के लिए काफी हैं. वहीं दूसरे उम्मीदवार की जीत के लिए महागठबंधन को अन्य विधायकों के साथ सेकंड प्रेफरेंस में जोड़-तोड़ करनी होगी. चूंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनकर आए थे इसी वजह से फिलहाल झारखंड विधानसभा में फिलहाल कुल 80 इलेक्टेड विधायक हैं.

ये भी पढ़ें- आसान नहीं होगी BJP में वापसी के बाद बाबूलाल की डगर, सिपहसलारों और बीजेपी कैडर के बीच बनाना होगा बैलेंस

विपक्ष का है यह समीकरण

वहीं, विपक्षी खेमे पर नजर डालें तो सबसे बड़ी संख्या के साथ बीजेपी 25 विधायकों वाली पार्टी है. हालांकि बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह आंकड़ा 26 हो गया. बावजूद इसके बीजेपी को दो और विधायकों के मत की आवश्यकता होगी जो उसके राज्यसभा उम्मीदवार की जीत दर्ज करा सके. ऐसी परिस्थिति में लेफ्ट, एनसीपी और निर्दलीय विधायकों के बाद आजसू पार्टी के विधायकों का महत्व काफी बढ़ जाता है.

आजसू पार्टी पर टिकी है नजर

दरअसल, आजसू के दो विधायक झारखंड विधानसभा में सदस्य हैं. वैसे तो आजसू की किसी भी गठबंधन से नजजदीकियां आधिकारिक तौर पर नहीं है. लेकिन राज्य में लंबे समय तक वह एनडीए के साथ जुड़ा रहा है. ऐसे में एनडीए की तरफ से आजसू को राज्यसभा चुनाव में साथ लेकर चलने की कवायद शुरू हो सकती है.

अभी तय होनी है उम्मीदवारी

वहीं, उम्मीदवारों की तरफ नजर डालें तो झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन राज्यसभा की एक सीट के लिए उम्मीदवार हो सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी के साथ किया हुआ वादा भी निभा सकती है. ऐसी स्थिति में झामुमो के एक और कांग्रेस के एक उम्मीदवार को लेकर समझौता हो सकता है. वहीं बीजेपी की तरफ नजर डालें तो पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी राज्यसभा भेजने की कवायद कर सकती है. हालांकि अभी उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर साफ नहीं है.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति का झारखंड दौरा: सुरक्षा के लिए 12 IPS, 24 DSP, 60 इंस्पेक्टर और 250 सबइंस्पेक्टर तैनात

बता दें कि निर्दलीय सांसद परिमल नथवाणी और राजद के सांसद प्रेमचंद गुप्ता का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है. इसी के मद्देनजर इन दो राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. तय शेड्यूल के अनुसार 6 मार्च को इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी जाएगी और 13 मार्च तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे. राज्य में कुल 6 राज्यसभा की सीटें हैं

Last Updated : Feb 26, 2020, 10:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.