रांची: अफीम की खेती के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई से हतोत्साहित अफीम माफिया अब महिलाओं को आगे कर अफीम की फसल बचाने की कोशिश करने में लग गए हैं. ग्रामीण महिलाओं को बरगला कर अफीम के खिलाफ अभियान में बाधा डाला जा रहा है. रांची के बुंडू, दशम और तमाड़ इलाको में ऐसे मामले सामने आए हैं जब महिलाओं ने पुलिस को अफीम की फसल नष्ट करने से रोक दिया.
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कई जगह विरोध: रांची के ग्रामीण इलाकों में इस बार भी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई है, जानकारी मिलने पर पुलिस की टीम के द्वारा उन्हें लगातार नष्ट भी किया जा रहा है. दूसरी तरफ माफिया अपनी करोड़ों की कमाई को नष्ट होता देख ग्रामीण महिलाओं का इस्तेमाल कर अफीम बचाने की कोशिश में लग गए हैं. गुरुवार को रांची के दशम इलाके में अफीम नष्ट करने गई पुलिस की टीम को परंपरागत हथियारों से लैस महिलाओं ने घेर लिया. सभी महिलाएं पुलिस को वापस लौट जाने का जवाब दे रही थी. मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया जिसके बाद विरोध कर रही महिलाएं वहां से वापस चली गईं. मामले में महिलाओं को चिन्हित कर उन पर प्राथमिकी की तैयारी की जा रही है. रांची के कई और इलाकों से भी इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं जहां महिलाओं को आगे कर अफीम की फसल नष्ट करने का विरोध किया जा रहा है.
सुरक्षित अभियान चलाने का निर्देश: लगातार विरोध की खबरों के बीच पुलिस की टीम भी अलर्ट हो गई है, वरीय अधिकारियों ने यह निर्देश जारी किया है कि घनघोर जंगल वाले इलाके में जब भी पुलिस की टीम अफीम की फसल नष्ट करने जाएगी तो उनकी संख्या बल अधिक रहेगी. पुलिस की टीम जब अपने वाहन सड़क पर छोड़ कर अफीम की खेती तक पहुंचती है तो उस दौरान वाहनों की सुरक्षा के लिए भी टीम तैनात करने का निर्देश दिया गया है. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि कई जगह से अफीम की फसल नष्ट करने के दौरान विरोध की खबरें आई हैं वैसे लोगों को चिन्हित कर उन पर प्राथमिकी दर्ज की जा रही है उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
खेती करने वाले राडार पर: रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस बार भी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती नशे के सौदागरों के द्वारा ग्रामीणों की मदद से की गई है. अफीम की फसल में फूल भी उगाए हैं, इस बार अफीम की फसल को तो नष्ट किया ही जा रहा है, लेकिन जिन लोगों के द्वारा अफीम की खेती की गई है, उनके बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है. अफीम की खेती पर ब्रेक लगाने के लिए अफीम माफिया और खेती करने वाले दोनों पर नकेल कसना बेहद जरूरी है. तमाम जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी अफीम की खेती होना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण है. ग्रामीण एसपी के अनुसार हमें हर हाल में ग्रामीणों को यह समझाना होगा कि अफीम की वजह से किन-किन तरह की समस्याएं सामने आती है. माफिया अफीम को पोस्ता बताकर ग्रामीणों को भड़काने में लगे हुए हैं.
कहां कहां हुई है खेती: राजधानी रांची में जिन थाना क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई है, उन सभी की जानकारी पुलिस तक पहुंच गई है. ड्रोन से युक्त रांची पुलिस की एक टीम लगातार बीहड़ों में अफीम की खेती का पता लगाकर उसकी जानकारी थाना प्रभारियों तक पहुंचा रही है. जिसके बाद उन्हें नष्ट करने का काम किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार रांची के नामकुम, दशम, तुपुदाना, पिठोरिया, बुढ़मू और रांची खूंटी के बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई है. रांची पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी महीने से लेकर अब तक 30 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया जा चुका है.
जल्द करना होगा नष्ट: पुलिस अधिकारियों के अनुसार अफीम की फसल लगभग तैयार होने की स्थिति में है ऐसे में उन्हें जल्द से जल्द नष्ट करना बेहद जरूरी है. अगर जल्द ही उन्हें नष्ट नहीं किया गया तो अभी माफिया उसे निकालने में कामयाब हो जाएंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले चौकीदारों और पुलिस के एसपीओ को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अफीम की खेती पर नजर रखें अगर खेत से अफीम निकालने के लिए कोई पहुंचता है तो उसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दें ताकि वैसे लोगों पर कार्रवाई की जा सके.