रांचीः सोमवार को महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री लुईस मरांडी ने अति कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि 2015-16 में जहां राज्य में 63,187 बच्चे कुपोषित थे. वहीं, 2019-20 में यह आंकड़ा घटकर 19,218 हो गया है.
मंत्री लुईस मरांडी ने संख्या में कमी को राज्य सरकार की योजनाओं का परिणाम बताया है. उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की मॉनिटरिंग विभाग कर रही है. इसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को बकायदा ट्रेनिंग दी गई है. उनसे रिपोर्ट भी ली जाती है. अपने विभाग की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताते हुए मंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी विभाग की एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि 2015 में सेविकाओं के मानदेय में आंशिक बढ़ोतरी की गई थी. हाल की बढ़ोतरी के बाद उन्हें 5900 प्रतिमाह दिए जाते हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के बारे में उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में जरूरतमंद लोगों के लिए वार्षिक आय में 72 हजार रूपए के स्लैब को शामिल कराने के लिए सरकार को लिखा गया है. सुकन्या योजना के तहत 2018-19 में 1.10 लाख से अधिक लाभुक थे, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 29 लाख पार कर गया है. मौके पर मौजूद विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि अभी विभाग द्वारा कुल 7 पेंशन योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिनमें 6 योजनाओं की लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रिव्यू की जाती है.
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उन सभी पेंशन योजनाओं का जून महीने तक का भुगतान भी क्लियर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि केवल दिव्यांगों को दी जाने वाली योजना को लेकर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं. उसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 20.27 लाख पेंशनधारी हैं. वहीं, बाल अधिकार के संरक्षण के लिए बने आयोग के खाली पड़े पदों के संबंध में उन्होंने कहा कि वैसे पदों को जल्द भर लिया जाएगा. विभाग के सचिव कौशल ने कहा कि जुलाई महीने के अंत तक सारे पदों पर नियुक्ति कर ली जाएगी.