रांची: जिले के चर्चित अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए रांची पुलिस हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को रिमांड पर लेगी. अरगोड़ा पुलिस लोकेश चौधरी को 3 दिन के लिए रिमांड पर लेने के लिए अदालत में आवेदन दिया है. पिछले डेढ़ साल से फरार चल रहे हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने बीते बुधवार को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था.
अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोकनगर रोड नंबर के स्थित एक न्यूज चैनल के कार्यालय में 6 मार्च 2019 को दो सगे भाइयों हेमंत और महेंद्र अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप लोकेश चौधरी और उसके एक सहयोगी एमके सिंह पर लगा था. जिस समय हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था. उस दौरान लोकेश चौधरी के बॉडीगार्ड और ड्राइवर भी वहां मौजूद थे. सबसे पहले उन्हीं तीनों की गिरफ्तारी पुलिस ने की थी और हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल को भी बरामद कर लिया गया था. हालांकि उसके बाद से ही लोकेश और एमके सिंह फरार हो गए थे.
लोकेश को नहीं ढूंढ पाई थी पुलिस
दोनों भाइयों की हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद लोकेश चौधरी अपने पूरे परिवार के साथ नेपाल भाग गया था. इस दौरान उसके लिए लुकआउट नोटिस तक जारी हुआ था, लेकिन वह पुलिस के पकड़ में नहीं आ सका था. लोकेश चौधरी को गिरफ्तार करने के लिए एसआईटी भी गठिन हुआ था, लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. आखिरकार लोकेश ने मौका पाकर खुद ही कोर्ट में सरेंडर कर दिया. लोकेश चौधरी के संपर्क कई बड़े नेताओं और अधिकारियों से थे. अपनी ऊंची पहुंच के बल पर वह लगातार पुलिस से बचता रहा.
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हत्या की वजह क्या रही, अब तक बना है रहस्य
6 मार्च 2019 को रांची के सबसे रिहायशी इलाकों में शुमार अशोकनगर स्थित एक न्यूज चैनल के दफ्तर में दो सगे भाइयों हेमंत और महेंद्र अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या करने के बाद लोकेश चौधरी एमके सिंह और उसके बाकी साथी न्यूज चैनल के दफ्तर को बंद कर फरार हो गए थे. इधर दोनों भाइयों के परिजनों ने रांची के लालपुर थाने में उनकी गुमशुदगी और लोकेश चौधरी की तरफ से दी गई धमकी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. जिसके बाद पुलिस उन दोनों की तलाश कर रही थी. मामले में लोकेश चौधरी का नाम आने के बाद पुलिस 7 नवंबर को न्यूज चैनल के दफ्तर में लोकेश चौधरी को ढूंढने पहुंची थी, लेकिन वहां ताला बंद था. ताला तोड़ने पर एक कमरे से दोनों भाइयों का शव बरामद किया गया था. अब तक मिली जानकारी के अनुसार पैसे के लेनदेन को लेकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था, लेकिन आज तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि कितने पैसे का लेनदेन को लेकर विवाद था या फिर ऐसी कौन सी बात आई कि जिससे अपने ही कार्यालय में लोकेश चौधरी ने दोनों भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई.