रांची: रेल मंडल के लोको पायलट भी कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से रांची रेल मंडल के कर्मचारियों के बीच हड़कंप मची हुई है .अब तक 33 कर्मचारियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है और स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश पर एक-एक कर के इन कर्मचारियों को रिम्स भेजा जा रहा है. ताकि उनका कोविड-19 टेस्ट किया जा सके. लेकिन इसी कड़ी में लोको पायलट लगातार यह कह रहे हैं कि रांची रेल मंडल के अधिकारी फ्रंटलाइनर रनिंग स्टाफ की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.इसी मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की है.
जारी है सेनेटाइज की प्रक्रिया
पॉजिटिव पाए गए लोको पायलट के कांटेक्ट में फिलहाल 33 कर्मचारियों के होने की बात सामने आ रही है. अभी भी लोको पायलट के साथ कांटेक्ट हिस्ट्री की जांच की जा रही है. रेल कर्मियों के संक्रमण बढ़ने की आशंका से कार्यालय, स्टेशन और अन्य सभी कार्यालयों को बंद कर सेनेटाइजेशन की प्रक्रिया जारी है.
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया निर्देश
सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए रेल अस्पताल को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है. तो वहीं जो अधिकारी लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के निगरानी में है और रेलवे स्टेशन जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें होम क्वॉरेंटाइन करने का निर्देश जारी किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि रांची रेल मंडल अपने कार्यालयों को सेनेटाइज तो कर रही है. लेकिन फ्रंट पर काम करने वाले लोको पायलट पर रांची रेल मंडल का ध्यान नहीं है.
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ईटीवी भारत की टीम ने की पड़ताल
ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही कई लोको पायलट से जब रनिंग रूम जाकर उनसे विशेष रूप से बातचीत की. तब उन्होंने ऐसे कई बातें कहीं जो चौंकाने वाली हैं. उन्होंने बताया कि रेल मंडल ने उनके लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं की है. साथ ही कहीं पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. रनिंग रूम हो या फिर ट्रेन परिचालन के लिए कोई भी सुरक्षात्मक कदम उठाया नहीं गया है. किसी भी लोको पायलट को फुल फेस मास्क नही दिया गया है और ना ही किसी तरीके का पीपीई कीट का उपयोग करने का निर्देश जारी हुआ है.
सीपीआरओ से की विशेष रूप से बातचीत
इस संबंध में अपनी पीड़ा कई लोको पायलट ने साझा की है. मामले की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो.उन्होंने कहा कि अगर कैमरा के सामने कुछ भी कहेंगे तो उन पर कार्रवाई हो जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने उनकी परेशानी को लेकर सीपीआरओ से विशेष रूप से बातचीत की. उन्होंने कहा है कि अगर लोको पायलट को किसी भी तरह से परेशानी हो रही है. तो वह सीधे हमसे बात कर सकते हैं. इसके अलावा हर तरह की व्यवस्था देने की रेल मंडल कोशिश कर रही है.
बताते चले कि रांची रेल मंडल में कुल 300 लोको पायलट है. जो तीन कैटेगरी में ट्रेन का परिचालन करते हैं. मेल एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेन और गुड्स ट्रेन के लिए ये तीन सौ लोको पायलट तैनात रहते हैं. रांची रेल मंडल से चलने वाली 53 ट्रेनों की रनिंग में इनकी अहम भूमिका रहती है. वहीं 218 रनिंग स्टाफ गार्ड भी लगातार कोरोना काल के दौरान भी काम में डटे हुए हैं. लेकिन इन रनिंग स्टाफ की ओर रांची रेल मंडल का समुचित ध्यान नहीं है.