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2 साल बाद फिर से साक्षरता अभियान की होगी शुरुआत, सीएम को भेजा जाएगा प्रस्ताव

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Published : Dec 25, 2020, 10:18 AM IST

झारखंड सरकार की ओर से राज्य के अलग-अलग जिले में फिर से साक्षरता अभियान शुरुआत की जाएगी. जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा. जिसके लिए स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से राज्य के तमाम जिलों में इस चलाने को लेकर चिन्हित किया गया है.

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झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् कार्यालय

रांची: स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से राज्य में साक्षरता की दर बढ़ाने के लिए साक्षरता अभियान की शुरुआत की जाएगी. इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. इस प्रस्ताव को सीएम की सहमति के बाद कैबिनेट की बैठक में भेजा जाएगा. प्रस्ताव के तहत 15 से 35 वर्ष और 36 से 50 और 51 से अधिक आयु वर्ग के निरीक्षर लोगों को जागरुक कर साक्षरता के साथ जोड़ा जाएगा.

इसे भी पढ़ें- पैसे और सत्ता के बल पर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रहे सीएम हेमंतः बाबूलाल मरांडी

2 साल बाद फिर से अभियान की शुरूआत
साल 2020-25 तक राज्य के निरीक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य में 2 वर्ष बाद एक बार फिर निरक्षर लोगों को साक्षर करने को लेकर अभियान शुरू किया जाएगा. इस अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षर लोगों को साक्षर करने को लेकर अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाया जाएगा. उन्हें अक्षर का ज्ञान दिया जाएगा. इसके लिए भारत सरकार के साथ तालमेल बैठाकर योजना तैयार किया जा रहा है.

कैबिनेट मंजूरी के बाद अभियान की शुरूआत
जानकारी के मुताबिक 60 फीसदी भारत सरकार और 40 फीसदी का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से इस अभियान का प्रस्ताव तैयार किया गया है. जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा. स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से राज्य के तमाम जिलों में इस चलाने को लेकर चिन्हित किया गया है. विभिन्न सरकारी कर्मचारियों के अलावे सेवानिवृत्त अवसरों का भी सहयोग इस अभियान को सफल बनाने को लेकर लिया जाएगा.

रांची: स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से राज्य में साक्षरता की दर बढ़ाने के लिए साक्षरता अभियान की शुरुआत की जाएगी. इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. इस प्रस्ताव को सीएम की सहमति के बाद कैबिनेट की बैठक में भेजा जाएगा. प्रस्ताव के तहत 15 से 35 वर्ष और 36 से 50 और 51 से अधिक आयु वर्ग के निरीक्षर लोगों को जागरुक कर साक्षरता के साथ जोड़ा जाएगा.

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2 साल बाद फिर से अभियान की शुरूआत
साल 2020-25 तक राज्य के निरीक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य में 2 वर्ष बाद एक बार फिर निरक्षर लोगों को साक्षर करने को लेकर अभियान शुरू किया जाएगा. इस अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षर लोगों को साक्षर करने को लेकर अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाया जाएगा. उन्हें अक्षर का ज्ञान दिया जाएगा. इसके लिए भारत सरकार के साथ तालमेल बैठाकर योजना तैयार किया जा रहा है.

कैबिनेट मंजूरी के बाद अभियान की शुरूआत
जानकारी के मुताबिक 60 फीसदी भारत सरकार और 40 फीसदी का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से इस अभियान का प्रस्ताव तैयार किया गया है. जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा. स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से राज्य के तमाम जिलों में इस चलाने को लेकर चिन्हित किया गया है. विभिन्न सरकारी कर्मचारियों के अलावे सेवानिवृत्त अवसरों का भी सहयोग इस अभियान को सफल बनाने को लेकर लिया जाएगा.

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