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लंबे समय से खाली पड़े बोर्ड निगम में होगी नियुक्ति, बीजेपी नेताओं की बनी लिस्ट

झारखंड में लोकसभा में हुए जीत से उत्साहित बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत करने जा रही है. बीजेपी अपने वैसे पदाधिकारियों की एक लिस्ट तैयार की गई है जिन्होंने पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन पदाधिकारियों को निगम और बोर्ड में अध्यक्ष सहित दूसरे पदों पर नियुक्ति की जाएगी.

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Published : May 29, 2019, 9:29 PM IST

रांचीः राज्य के 14 में से 12 लोकसभा सीटों पर जीत से उत्साहित सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकार राज्य में खाली पड़े बोर्ड और निगम में अध्यक्ष और अन्य पदों पर नियुक्ति को लेकर एक्टिव हो गई है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का माने तो कुछ वैसे पदाधिकारियों की एक लिस्ट तैयार की गई है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन पदाधिकारियों में प्रदेश उपाध्यक्ष से लेकर कुछ प्रवक्ता और अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं. इन्हें कथित तौर पर बोर्ड और निगमों में तैनात कर पार्टी कैडर में एक मैसेज देने की तैयारी की जा रही है.

देखें वीडियो

बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में लंबे मंथन के बाद वैसे लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई है जिसमें प्रदेश के उपाध्यक्ष आदित्य साहू और प्रदीप वर्मा समेत कुछ पदाधिकारियों के नाम पर भी चर्चा की गई. पार्टी सूत्रों पर यकीन करें तो ये लिस्ट झारखंड सरकार तक पहुंचा दी गई है. उम्मीद की जा रही है कि इस पर जल्द ही फैसला होगा.

बीजेपी खेमे में है उत्साह

बीजेपी के प्रदेश मीडिया कमेटी के सदस्य प्रदीप सिन्हा ने बताया कि यह एक नेचुरल कोर्स है. सत्ताधारी दल अपने कार्यकर्ताओं को बोर्ड और निगम में जगह देकर उन्हें पुरस्कृत करती आ रही हैं. ये पुरानी परंपरा है. उन्होंने कहा कि चूंकि दिसंबर तक राज्य में विधानसभा चुनाव संभावित है इसलिए ऐसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

ये भी पढ़ें-धनबाद में सरकारी अस्पतालों का हाल-बेहाल, होम्योपैथी डॉक्टर करते हैं एलोपैथिक इलाज

क्या कहते हैं आयोग के पूर्व सदस्य

झारखंड राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग के पूर्व सदस्य मनोज कुमार की माने तो राज्य सरकार इन पदों पर नियुक्ति में देर कर अपनी बचत कर रही है. लॉन्ग टर्म में समाज के लोगों को इससे नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग में 22 अप्रैल के बाद अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है. अब हाल ये है कि राज्य के 50 लाख से अधिक बच्चे इससे प्रभावित हो रहे हैं.

लगभग एक दर्जन बोर्ड और निगम में है वैकेंसी

प्रदेश के लगभग एक दर्जन बोर्ड और निगम ऐसे हैं जहां या तो अध्यक्ष नहीं है या फिर सदस्यों की कमी है. उनमें झारखंड राज्य खनिज विकास निगम, पर्यटन विकास निगम, झारखंड राज्य खादी ग्राम उद्योग बोर्ड, झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, सुन्नी वक्फ बोर्ड और युवा आयोग प्रमुख है.

रांचीः राज्य के 14 में से 12 लोकसभा सीटों पर जीत से उत्साहित सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकार राज्य में खाली पड़े बोर्ड और निगम में अध्यक्ष और अन्य पदों पर नियुक्ति को लेकर एक्टिव हो गई है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का माने तो कुछ वैसे पदाधिकारियों की एक लिस्ट तैयार की गई है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन पदाधिकारियों में प्रदेश उपाध्यक्ष से लेकर कुछ प्रवक्ता और अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं. इन्हें कथित तौर पर बोर्ड और निगमों में तैनात कर पार्टी कैडर में एक मैसेज देने की तैयारी की जा रही है.

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बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में लंबे मंथन के बाद वैसे लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई है जिसमें प्रदेश के उपाध्यक्ष आदित्य साहू और प्रदीप वर्मा समेत कुछ पदाधिकारियों के नाम पर भी चर्चा की गई. पार्टी सूत्रों पर यकीन करें तो ये लिस्ट झारखंड सरकार तक पहुंचा दी गई है. उम्मीद की जा रही है कि इस पर जल्द ही फैसला होगा.

बीजेपी खेमे में है उत्साह

बीजेपी के प्रदेश मीडिया कमेटी के सदस्य प्रदीप सिन्हा ने बताया कि यह एक नेचुरल कोर्स है. सत्ताधारी दल अपने कार्यकर्ताओं को बोर्ड और निगम में जगह देकर उन्हें पुरस्कृत करती आ रही हैं. ये पुरानी परंपरा है. उन्होंने कहा कि चूंकि दिसंबर तक राज्य में विधानसभा चुनाव संभावित है इसलिए ऐसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

ये भी पढ़ें-धनबाद में सरकारी अस्पतालों का हाल-बेहाल, होम्योपैथी डॉक्टर करते हैं एलोपैथिक इलाज

क्या कहते हैं आयोग के पूर्व सदस्य

झारखंड राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग के पूर्व सदस्य मनोज कुमार की माने तो राज्य सरकार इन पदों पर नियुक्ति में देर कर अपनी बचत कर रही है. लॉन्ग टर्म में समाज के लोगों को इससे नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग में 22 अप्रैल के बाद अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है. अब हाल ये है कि राज्य के 50 लाख से अधिक बच्चे इससे प्रभावित हो रहे हैं.

लगभग एक दर्जन बोर्ड और निगम में है वैकेंसी

प्रदेश के लगभग एक दर्जन बोर्ड और निगम ऐसे हैं जहां या तो अध्यक्ष नहीं है या फिर सदस्यों की कमी है. उनमें झारखंड राज्य खनिज विकास निगम, पर्यटन विकास निगम, झारखंड राज्य खादी ग्राम उद्योग बोर्ड, झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, सुन्नी वक्फ बोर्ड और युवा आयोग प्रमुख है.

Intro:रांची। लोकसभा चुनाव राज्य की 14 में से 12 लोकसभा सीटों पर जीत से उत्साहित सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार राज्य में खाली पड़े बोर्ड और निगम में अध्यक्ष और अन्य पदों पर नियुक्ति को लेकर एक्टिव हो गई है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो बाकायदा कुछ वैसे पदाधिकारियों की एक लिस्ट तैयार की गई है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वैसे पदाधिकारियों में प्रदेश उपाध्यक्ष से लेकर कुछ प्रवक्ता और अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं जिन्हें कथित तौर पर बोर्ड और निगमों में तैनात कर पार्टी कैडर में एक मैसेज देने की तैयारी की जा रही है।


Body:पिछले दिनों बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में लंबे मंथन के बाद वैसे लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई है जिसमें प्रदेश के उपाध्यक्ष आदित्य साहू और प्रदीप वर्मा समेत कुछ पदाधिकारियों के नाम पर भी चर्चा की गई है। पार्टी सूत्रों पर यकीन करें तो यह लिस्ट झारखंड सरकार तक पहुंचा दी गई है। उम्मीद की जा रही है कि इस पर जल्द ही फैसला होगा।

बीजेपी खेमे में है उत्साह
बीजेपी के प्रदेश मीडिया कमेटी के सदस्य प्रदीप सिन्हा के अनुसार यह एक नेचुरल कोर्स है। सत्ताधारी दल अपने कार्यकर्ताओं को बोर्ड और निगम में जगह देकर उन्हें पुरस्कृत करती आ रही है। यह पुरानी परंपरा है। उन्होंने कहा कि चूंकि दिसंबर तक राज्य में विधानसभा चुनाव संभावित है इसलिए ऐसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।


Conclusion:क्या मानते हैं आयोग के पूर्व सदस्य
झारखंड राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग के पूर्व सदस्य मनोज कुमार की मानें तो राज्य सरकार इन पदों पर नियुक्ति में देर कर अपनी बचत कर रही है। जबकि लॉन्ग टर्म में समाज के लोगों को इससे नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग में 22 अप्रैल के बाद अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है। अब हाल यह है कि राज्य के 50 लाख से अधिक बच्चे इससे प्रभावित हो रहे हैं।

लगभग एक दर्जन बोर्ड और निगम में है वैकेंसी
प्रदेश के लगभग एक दर्जन बोर्ड और निगम ऐसे हैं जहां या तो अध्यक्ष नहीं है या फिर सदस्यों की कमी है। उनमें झारखंड राज्य खनिज विकास निगम, पर्यटन विकास निगम, झारखंड राज्य खादी ग्राम उद्योग बोर्ड, झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, सुन्नी वक्फ बोर्ड और युवा आयोग प्रमुख है।
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