रांचीः रांची नगर निगम तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं को वेंडर लाइसेंस निर्गत करने वाला देश का पहला नगर निगम बन गया है. अब बिना लाइसेंस तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी. मेयर आशा लकड़ा ने तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं के लिए वेंडर लाइसेंस के क्रियान्वयन के लिए दिशा निर्देश का विमोचन मंगलवार को किया.
इस वेंडर लाइसेंसिंग प्रक्रिया से तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानों को रेगुलेट कर बच्चों और युवाओं की तम्बाकू उत्पादों से दूर रखने में मदद मिलेगी. मेयर आशा लकड़ा की अध्यक्षता में वेंडर लाइसेंसिंग के सफल कार्यान्वयन के लिए सम्वेदीकरण कार्यशाला का आयोजन नगर निगम के सभागार में आयोजित की गई . इस कार्यशाला में वेंडर लाइसेंसिंग से संबंधित विस्तृत दिशा निर्देश का विमोचन किया गया.
जिसमें तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनोमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी ( सीड्स ) , झारखंड एंड दी यूनियन नई दिल्ली द्वारा दिया गया.
इस मौके पर उप नगर आयुक्त शंकर यादव ने बताया कि यूं तो तम्बाकू का उपयोग पूरी दुनियां के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन इसका कारोबार और उपयोग विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है.
उनका पूरा जोर भारत जैसे विकासशील देशों पर है. इसके लिए वे तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं . तम्बाकू उद्योगों का मुख्य निशाना बच्चे, अवस्क और युवा वर्ग के लोग होते है. ताकि ये वर्ग लम्बे समय तक इन तम्बाकू कम्पनियों के ग्राहक बने रहें .
सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि झारखण्ड के तम्बाकू सेवन का आंकड़ा वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण 2009-10 के आंकड़े के अनुसार 50.1 प्रतिशत था , जो वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण 2016-17 में घटकर 38.9 प्रतिशत पर आ गया है, लेकिन राज्य में धूम्रपान करने वालों की संख्या में 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जो हमारे लिए एक चिंता का विषय है.
उन्होंने बताया कि रांची नगर निगम में तम्बाकू नियंत्रण की शुरूआत 2017 में ही हो गई थी . 2018 से हीं वेंडर लाइसेंस की प्रक्रिया की भी शुरूआत हुई.
उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से तम्बाकू सेवन की गम्भीरता को दर्शाया . उन्होंने बताया कि वैसे तो कई नगर निगम, नगर पालिकाओं ने वेंडर लाइसेंस का प्रावधान किया है. लेकिन रांची नगर निगम पूरे देश में पहला ऐसा निगम है. जहां तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को लाइसेंस देने का प्रावधान किया है.
अब तक तकरीबन 200 से ज्यादा दुकानदारों को अनुज्ञप्ति निर्गत की जा चुका है. वहीं नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने तम्बाकू नियंत्रण कानून की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सघन अभियान चलाने का निर्देश दिया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि तम्बाकू के दुष्परिणामों से आमजनों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने सभी तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों से अपील करते हुए कहा कि सभी तम्बाकू उत्पाद विक्रेता जल्द से जल्द अपना लाइसेंस नगर निगम से प्राप्त कर लें.
नहीं तो तम्बाकू बेचने वालों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सीटी इनफोर्समेंट टीम को नगर निगम के 500 मीटर की परिधि में प्रतिबंधित पान मसाला और तम्बाकू उत्पादों को जब्त करने का निर्देश दिया है.
युवाओं और बच्चों को बचाना आवश्यक
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने बताया कि तम्बाकू सेवन से युवाओं और बच्चों को बचाना आवश्यक है. साथ ही उन्होंने अपने पड़ोस की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि उनके एक पड़ोसी तम्बाकू सेवन की वजह से मुंह के कैंसर से पीड़ित हो गए थे, जिसकी बजह उनकी आवाज स्पष्ट नहीं निकल पाता है, जिसे देखकर काफी बुरा लगता है.
साथ ही कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि रांची नगर निगम द्वारा बच्चों को तम्बाकू उत्पाद की भयावहता से बचाने के लिए वेंडर लाइसेंसिंग के लिए एक विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया जा रहा है. जो तम्बाकू उत्पाद के विक्रेताओं को लाइसेंस लेने और वेंडर लाइसेंस की प्रक्रिया के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करेगा.
इस कार्य को पूर्ण करने के लिए रांची नगर निगम के पदाधिकारियों और सहयोगी संस्था सीड्स और दी यूनीयन के अधिकारियों के सुझाव को लागू किया जाएगा .
दी यूनियन के वरीय तकनीकी सलाहकार डा. निधि सेजपाल ने तम्बाकू विक्रेताओं के लिए निर्गत किए जाने वाले वेंडर लाइसेंसिंग की प्रक्रिया से अवगत कराया .
इस कार्यक्रम का संचालन कार्यालय अधीक्षक संदीप कर्ण ने किया . कार्यशाला में चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष उपाध्यक्ष सदस्य , वार्ड पार्षद, सह स्थाई समिति सदस्य , रांची नगर निगम और टाउन वेंडिंग समिटि के सदस्यगण , जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के जिला नोडल पदाधिकारी , जिला परामर्शी, सीड्स, झारखण्ड के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी , कार्यक्रम समन्वयक , दी यूनियन के कार्यक्रम पदाधिकारी उपस्थित हुए.