रांची: पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री की ओर से मेडिकल प्रोटेक्शन बिल (Medical Protection Bill ) के प्रारूप को मंजूरी दी गई. अब इस बिल को लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सरकार को समर्थन दे रहे वामदल ने भी बिल का विरोध करना शुरू कर दिया है और पुतला भी फूंका है.
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वामदलों के नेता राजधानी के अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचे और मेडिकल प्रोटेक्शन बिल के विरोध में नारे लगाए. इसके साथ ही बिल का पुतला भी फूंका. इस दौरान मासस नेता सुशांतो मुखर्जी ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन बिल डॉक्टरों की रक्षा नहीं बल्कि कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बिल से बड़े-बड़े हॉस्पिटलों के संचालकों की रक्षा होगी. उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन बिल लागू होने के बाद कॉर्पोरेट घरानों के अस्पताल निडर और निर्भीक हो जाएंगे और मजबूर-लाचार मरीजों का आर्थिक दोहन करेंगे.
शुरू करनी चाहिए जनकल्याणकारी योजना
सुशांतो मुखर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूर्व की रघुवर सरकार में मेडिकल प्रोटेक्शन बिल का विरोध कर चुके हैं. इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री की ओर से बिल लाया जा रहा है, जो समझ से पड़े है. उन्होंने कहा कि सरकार को मेडिकल प्रोटेक्शन बिल के बदले गरीब मरीजों के लिए जनकल्याण योजना की शुरुआत करनी चाहिए. लेकिन, हेमंत सरकार कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है.
20 अगस्त को आया था स्वास्थ्य मंत्री का बयान
20 अगस्त को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी देते हुए कहा कि बिल से संबंधित फाइल कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दी गई है, ताकि उसे मानसून सत्र के दौरान पास कराया जा सके. अब देखना यह होगा कि वामदल के विरोध के बाद राज्य सरकार क्या निर्णय लेती है.