रांची: झारखंड में राज्य सरकार संक्रमण से बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं, राजनीतिक दलों के द्वारा आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों को लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है.
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एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रही पार्टियां
झारखंड की राजनीतिक पार्टियां कोरोना के चलते मौत को लेकर एक दूसरे के सिर पर ठीकरा फोड़ रही है. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में झारखंड में तीन हजार से भी ज्यादा मौतें हुई हैं जिसका जिम्मेदार राज्य सरकार केंद्र को ठहरा रही है तो वहीं भाजपा इसे राज्य सरकार की लापरवाही बता रही है. सरकार में शामिल वाम दलों का कहना है कि दूसरी लहर में हुई मौत का कारण सिर्फ केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि राज्य सरकार भी है. राज्य सरकार को भी अपने स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत रखनी चाहिए जो बिल्कुल नहीं है.
वाम दलों का राज्य सरकार पर हमला
सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता प्रकाश विप्लव का कहना है कि इस कोरोना में झारखंड के कई लोगों ने अपनों को खोया है. ऐसे में जरूरी है कि सरकार अपने राज्य की जनता के लिए स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था करे न कि केंद्र के माथे पर ठीकरा फोड़े. भाकपा माले नेता भुवनेश्वर केवट ने भी सिर्फ केंद्र सरकार को ही नहीं बल्कि राज्य सरकार को भी कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों का कारण बताया है. प्रकाश विप्लव और बी केवट के बयानों से साफ प्रतीत हो रहा है वामदल सरकार में शामिल है, उसके बावजूद भी हेमंत सरकार पर निशाना साध रही है.
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत पर जब वाम दल की वरिष्ठ नेता वृंदा करात आंदोलन कर रही थी, उस वक्त भी जिला प्रशासन के रवैये से वाम दल के नेता संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा था.