रांची: झारखंड लेक्चरर नियुक्ति घोटाला मामले के आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत के समक्ष अपना दलील रखा गया. उन्होंने बताया कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत है. अदालत ने याचिकाकर्ता की बात को पूरी कर ली है. वहीं सीबीआई को 30 जून को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.
लेक्चरर नियुक्ति घोटाले पर सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में लेक्चरर नियुक्ति घोटाला मामले के आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
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सीबीआई को रखना होगा अपना पक्ष
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हमारे ऊपर लगाए गए आरोप सभी गलत है. हमने किसी भी तरह का कोई भ्रष्टाचार का काम नहीं किया है, इसलिए सीबीआई की तरफ से मेरे ऊपर जो पीसी एक्ट लगाया गया है वह गलत है. उन्होंने कहा जहां तक नंबर बढ़ाने की बात है. उसमें हम लोगों की कोई भूमिका नहीं होती है. उसमें लोक सेवा आयोग के सदस्य और मेंबर की भूमिका होती है, इसलिए सीबीआई की तरफ से हम लोगों पर लगाया गया आरोप गलत और बेबुनियाद है. अदालत ने याचिकाकर्ता की पक्ष को पूरी तरह सुनने के उपरांत 30 जून को सीबीआई को अपना पक्ष पूरा करने को कहा है.
अग्रिम जमानत याचिका दायर
बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से लेक्चरर नियुक्ति परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप सामने आने पर मामले की जांच सीबीआई को दी गई. मामले की जांच सीबीआई कर रही है. उसी मामले में याचिकाकर्ता रोज उरांव और अन्य कई जो परीक्षा में अभ्यार्थी थे. बाद में लेक्चरर बने उन्हें आरोपी बनाया गया है, जिन लोगों को सीबीआई ने आरोपी बनाया है. उसी में रोज उरांव और अन्य कई ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है उसी याचिका पर सुनवाई हुई.