रांची: लीडरशिप स्कूल योजना को लेकर शिक्षा विभाग के सचिव राहुल शर्मा अपने स्तर पर निरीक्षण कर रहे हैं. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारियों के साथ विभागीय सचिव रांची के जिला स्कूल पहुंचे और लीडरशिप स्कूल योजना के क्रियान्वयन को लेकर शिक्षकों से विशेष रूप से बातचीत की. इस दौरान लीडरशिप स्कूल को लेकर जिला स्कूल को भी चयनित किए जाने की जानकारी दी.
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योजना को धरातल पर उतारने के लिए कवायद तेज
शिक्षा विभाग की ओर से लीडरशिप स्कूल योजना के तहत राज्य के विभिन्न स्कूलों को चिन्हित किया गया है. इसमें से रांची स्थित जिला स्कूल भी है. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग के सचिव राहुल शर्मा के साथ-साथ विभागीय तमाम पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक भी शुक्रवार को जिला स्कूल पहुंचे और जिला स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर का निरीक्षण किया. साथ ही लीडरशिप स्कूल को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया. बातचीत में स्कूल परिसर के इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर तरीके से व्यवस्थित करने को लेकर चर्चा हुई. विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी, कॉमन रूम, कैंटीन के साथ-साथ तमाम सुविधाएं इस लीडरशिप स्कूल योजना के तहत इस स्कूलों में होंगी. मौके पर शिक्षकों की कमी को लेकर भी चर्चा हुई और स्कूल में शिक्षकों की तमाम खाली रिक्त पदों को भरे जाने को लेकर भी विशेष रूप से प्रधान अध्यापक के साथ विचार-विमर्श किया गया.
जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से सभी प्रखंड प्रसार पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से रांची के विद्यालयों से बच्चों की ओर से बोली जाने वाली 5 मातृभाषा के संबंध में जानकारी मांगी गई है. इसके तहत संताली, मुंडारी, कुडुख और खड़िया भाषा बोलने और पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी विस्तृत रूप से दिए जाने को लेकर निर्देश दिया गया है. इसके तहत एक फॉर्मेट भी भेजा गया जिसमें विद्यार्थियों की संख्या बोले जाने वाली भाषा और विद्यालयों के नाम लिखना अनिवार्य किया गया है.
योजनाओं को लेकर शिक्षा विभाग का निर्देश जारी
शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जनवरी से मार्च 2021 तक मिड डे मील दिए जाने को लेकर भी एक निर्देश जारी हुआ है. जिसमें राशन के साथ-साथ मध्यान भोजन बनाने के लिए कॉस्ट की राशि भी विद्यार्थियों को दी जाएगी. राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के विद्यार्थियों को 17 मार्च से 31 दिसंबर 2020 तक का मिड डे मील के चावल का भुगतान पहले ही कर दिया गया था. फिलहाल स्कूल अभी भी बंद है. इसे देखते हुए इस योजना को निरंतर चलाने का निर्देश जारी हुआ है. इसके अलावे पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को अक्टूबर महीने से ही कुकिंग कोस्ट की राशि की जगह सामान खरीद कर दिए जा रहे हैं. तमाम स्कूल प्रबंधकों को इस योजना को बेहतर तरीके से चलाने का निर्देश जारी हुआ है. इसमें कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों और शिक्षकों पर कार्रवाई भी होगी. शिक्षा विभाग ने एक बार फिर इस पूरे योजना के तहत अब तक कितने जिलों में चावल और कुकिंग कॉस्ट दी गई है. फिलहाल प्रारंभिक स्कूलों के खुलने का कोई आसार नहीं दिख रहा है. इसी को देखते हुए चावल और सामग्री वितरण करने का निर्णय विभाग की ओर से लिया गया है.
राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यरत अनुबंध सहायक शिक्षकों का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह के दूसरे दिन भी शिक्षक राजभवन के समीप डटे रहे. गौरतलब शिक्षक निश्चित मासिक मानदेय के साथ 65 वर्षों की आयु तक सेवा विस्तार करने की मांग को लेकर इस आंदोलन की शुरुआत गुरुवार से की है. शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा. तब तक यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा. फिलहाल राजभवन के समक्ष शिक्षक सत्याग्रह आंदोलन के तहत धरने पर बैठे हैं.