रांची: प्रवर्तन निदेशालय झारखंड में अवैध तरीके से की गई जमीनों की खरीद बिक्री और घोटाले की जांच कर रही है. इसी क्रम में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है. इससे पहले पिछले वर्ष नवंबर महीने में भी ईडी ने अवैध खनन मामले में हेमंत सोरेन से पूछताछ की थी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जब पहली बार ईडी ने अवैध खनन मामले पूछताछ के लिए बुलाया था, तब राज्य में ED की कार्रवाई को भाजपा के इशारे पर हुई कार्रवाई बताकर झामुमो, राजद और कांग्रेस का विरोध राजधानी की सड़कों पर दिखा था. इस बार जब अवैध तरीके से जमीन की खरीद बिक्री के मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री को तलब किया गया है, तो फिर से सत्ताधारी दलों में आक्रोश दिख रहा है.
इस मामले को लेकर झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि जिस तरह से भाजपा के इशारे पर एक आदिवासी के बेटे को परेशान किया जा रहा है, उससे राज्य की जनता में आक्रोश होना स्वभाविक है. झामुमो नेता ने कहा कि पिछली बार भी पार्टी की ओर से लोगों से रांची नहीं आने की अपील की गई थी, लेकिन जब एक धरतीपुत्र के बेटे को प्रताड़ित किया जाएगा तो आक्रोश स्वाभाविक है. क्योंकि भाजपा आदिवासियों को ललकारने में लगी है. ऐसे में वह अपने कार्यकर्ताओं को कितना रोक पाएंगे यह कहा नहीं जा सकता.
झारखंड कांग्रेस ने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी गौरव महासभा का आयोजन किया. इस मौके पर कांग्रेस नेताओं ने जमकर बीजेपी पर निशाना साधा. हेमंत सोरेन से ईडी की होने वाली पूछताछ को बन्ना गुप्ता ने भाजपा की राजनीतिक चाल करार दिया है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने ललकारने वाले अंदाज में कहा कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो वह सरकार को अपदस्थ करके दिखलाए. उन्होंने कहा कि जब राज्य की जनता ने सरल सहज स्वभाव वाले हेमंत सोरेन को राज्य की गद्दी सौप दी, तब से भारतीय जनता पार्टी ED, CBI का दुरुपयोग कर सरकार को अपदस्थ करने की कोशिशों में लगी है. बन्ना गुप्ता ने चुनौती भरे लहजे में कहा कि अगर भाजपा के हिम्मत है तो राज्य में लोकप्रिय सरकार को अपदस्थ कर धारा 356 लगाकर दिखाएं.
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि पूरी कांग्रेस हेमंत सोरेन के पीछे खड़ी है. उन्होंने कहा कि जहां भाजपा या उसके सहयोगी दलों की सरकार नहीं है वहां भाजपा षड्यंत्र कर जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करने करती है. लेकिन यहां हम सभी लोग एकजुट हैं और अगर हेमंत सोरेन को एक खरोंच भी आई तो राज्य की जनता सड़कों पर होगी.
इनके अलावा I.N.D.I.A में शामिल दलों जैसे राजद, जदयू, वाम मोर्चा, आप, टीएमसी ने भी कहा कि केंद्र के इशारे पर ई़डी विरोधी दलों को परेशान कर रही है जिसका पूरी एकजुटता के साथ विरोध किया जाएगा.
साहिबगंज में अवैध खनन के मामले में वर्ष 2022 में भी ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए बुलाया था तब रांची की सड़कों पर जोरदार विरोध दिखा था. झारखंड मुक्ति मोर्चा के अलग-अलग जिले से आए कार्यकर्ताओं ने आक्रोश मार्च निकाला था.