रांची: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्न काल की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने वेल में आकर जमकर हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि 4 साल तक बोलने नहीं दिया गया. अब 4 मिनट तो बोलने दिया जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की वजह से झारखंड की बदनामी हो रही है. राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. मुख्यमंत्री खुद एजेंसी के समन की अवहेलना कर रहे हैं, जो सही नहीं है. सीएम खुद कहते फिर रहे हैं कि हर स्थिति के लिए तैयार हैं. ऐसे में सरकार को इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए. इस मसले पर बहस करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि धीरज साहू कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं लेकिन उनके ठिकानों से सैकड़ो करोड़ रुपए बरामद होने के मसले पर इसलिए चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि वह झारखंड के रहने वाले हैं. उनकी वजह से झारखंड की बदनामी हुई है. जो पैसे बरामद हुए हैं, वह जल, जंगल और जमीन का लूटा हुआ पैसा है.
अमर बाउरी ने कहा कि सरकार अपने कार्यकाल का 4 साल पूरा करने वाली है. सरकार को ऐसे मौके का सदुपयोग करना चाहिए था शीतकालीन सत्र की अवधि लंबी रखनी चाहिए थी. सरकार अपनी उपलब्धियां गिना सकती थी लेकिन छोटा सत्र बुलाकर सरकार अपनी नाकामियां छुपाना चाह रही है.
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि विधायक प्रदीप यादव को होमगार्ड की बहाली से जुड़ा अल्प सूचित प्रश्न पूछना था, लेकिन वह जातीय जनगणना से जुड़ा प्रश्न पूछ रहे हैं. यह कहां से आ गया. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग सदन का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडा को पूरा करने के लिए कर रहे हैं.
इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सीएम पर सदन में सवाल नहीं उठाना चाहिए वो इडी को जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कहना कि सत्ता पक्ष सदन का दुरुपयोग करता है यह बिल्कुल बेबुनियाद है. उन्होंने विपक्ष पर सदन को राजनीतिक प्लेटफार्म के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.