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48 घंटे में अधिवक्ता की हत्या और एक जज की संदिग्ध हालात में मौत ने पकड़ा तूल, क्या न्यायपालिका से जुड़े लोग निशाने पर ? - तमाड़ में अधिवक्ता की हत्या

झारखंड में पिछले 48 घंटे में तमाड़ में अधिवक्ता की हत्या और धनबाद में जज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत से अधिवक्ताओं में उबाल है. अधिवक्ता इसे ज्युडिशियरी से जुड़े लोगों पर हमला करार दे रहे हैं. इधर झारखंड हाई कोर्ट ने भी मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है.

lawyer murder in ranchi and death of judge in dhanbad under suspicious circumstances case became burning issue in jharkhand
48 घंटे में अधिवक्ता की हत्या और एक जज की संदिग्ध हालात में मौत ने पकड़ा तूल
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Published : Jul 29, 2021, 2:13 PM IST

Updated : Jul 29, 2021, 6:01 PM IST

रांचीः 48 घंटे के भीतर झारखंड में एक अधिवक्ता की हत्या और जज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत का मामला तूल पकड़ने लगा है. घटना को लेकर झारखंड के अधिवक्ता आक्रोशित हैं. वकील की हत्या के विरोध में जहां शुक्रवार को प्रदेश भर के अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे तो जज की संदिग्ध हालात में मौत का मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है. झारखंड के अधिवक्ता इन दोनों मामलों को एक दूसरे से जोड़ रहे हैं. उनका कहना है कि ज्युडिशियरी से जुड़े लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-धनबाद जज मौत मामलाः पुलिस ने ऑटो चालक को गिरिडीह से किया गिरफ्तार

ऐसे हुईं दोनों घटनाएं

पहली घटना 26 जुलाई की है, जब तमाड़ के अधिवक्ता को अपराधियों ने गोली मार दी. वारदात में अधिवक्ता मनोज कुमार झा की मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना 28 जुलाई को धनबाद की है. धनबाद में जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक में जा रहे थे. उसी दौरान एक घटना में उनकी मौत हो गई. सीसीटीवी फुटेज से ऐसा लग रहा है, जैसे उन्हें जानबूझकर टक्कर मार गई है. इन दोनों घटनाओं के बाद बार एसोशियशन के सदस्य प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर


ये भी पढ़ें-हजारीबाग में जज उत्तम आनंद का अंतिम संस्कार, परिजनों ने की CBI जांच की मांग

झारखंड में ज्युडिशियरी से जुड़े लोग भी सुरक्षित नहींः राजीव कुमार

झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार का कहना है कि बड़े-बड़े अपराधी जेल के अंदर बैठकर ही अपने गुर्गों से इस तरह के कार्य करा रहे हैं. ताकि डर और दहशत का माहौल कायम हो. उन्होंने कहा कि एक पीआईएल मैंने इस संबंध में दायर की है. अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने अदालत को बताया कि जिस तरीके से अभी तक अपराधी आम लोगों पर हावी थे और आए दिन उनको निशाना बना रहे थे. अब तमाड़ और धनबाद की घटनाओं को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि अब जुडिशरी से जुड़े लोग भी झारखंड में सुरक्षित नहीं हैं.

ऐसे हुई थी जज उत्तम आनंद की मौत
ज्युडिशियरी से जुड़े लोगों को बनाया जा रहा निशानाः अधिवक्ता राजीव कुमारधनबाद के जज उत्तम आनंद के साथ घटी घटना को लेकर राजीव कुमार ने कहा कि सीसीटीवी में यह साफ दिख रहा है कि एक ऑटो द्वारा किस तरीके से जानबूझकर टक्कर मारी गई है, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि कई घंटों तक वह बेसुध लावारिस हाल में पड़े रहे, उनके बॉडीगार्ड द्वारा उनकी पहचान की गई. इसके बाद अस्पताल में लाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. राजीव कुमार ने कहा कि 26 जुलाई को तमाड़ में अपराधियों की ओर से अधिवक्ता की हत्या भी इसी तरह की घटना लग रही है. उनका कहना है कि ऐसा लग रहा है कि अब ज्युडिशियरी से जुड़े लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील की है कि सतर्कता के साथ कार्य करें क्योंकि उनके साथ न तो बॉडीगार्ड रहते हैं और न ही कोई सुरक्षाकर्मी रहते हैं.

रांचीः 48 घंटे के भीतर झारखंड में एक अधिवक्ता की हत्या और जज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत का मामला तूल पकड़ने लगा है. घटना को लेकर झारखंड के अधिवक्ता आक्रोशित हैं. वकील की हत्या के विरोध में जहां शुक्रवार को प्रदेश भर के अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे तो जज की संदिग्ध हालात में मौत का मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है. झारखंड के अधिवक्ता इन दोनों मामलों को एक दूसरे से जोड़ रहे हैं. उनका कहना है कि ज्युडिशियरी से जुड़े लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.

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ऐसे हुईं दोनों घटनाएं

पहली घटना 26 जुलाई की है, जब तमाड़ के अधिवक्ता को अपराधियों ने गोली मार दी. वारदात में अधिवक्ता मनोज कुमार झा की मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना 28 जुलाई को धनबाद की है. धनबाद में जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक में जा रहे थे. उसी दौरान एक घटना में उनकी मौत हो गई. सीसीटीवी फुटेज से ऐसा लग रहा है, जैसे उन्हें जानबूझकर टक्कर मार गई है. इन दोनों घटनाओं के बाद बार एसोशियशन के सदस्य प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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झारखंड में ज्युडिशियरी से जुड़े लोग भी सुरक्षित नहींः राजीव कुमार

झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार का कहना है कि बड़े-बड़े अपराधी जेल के अंदर बैठकर ही अपने गुर्गों से इस तरह के कार्य करा रहे हैं. ताकि डर और दहशत का माहौल कायम हो. उन्होंने कहा कि एक पीआईएल मैंने इस संबंध में दायर की है. अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने अदालत को बताया कि जिस तरीके से अभी तक अपराधी आम लोगों पर हावी थे और आए दिन उनको निशाना बना रहे थे. अब तमाड़ और धनबाद की घटनाओं को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि अब जुडिशरी से जुड़े लोग भी झारखंड में सुरक्षित नहीं हैं.

ऐसे हुई थी जज उत्तम आनंद की मौत
ज्युडिशियरी से जुड़े लोगों को बनाया जा रहा निशानाः अधिवक्ता राजीव कुमारधनबाद के जज उत्तम आनंद के साथ घटी घटना को लेकर राजीव कुमार ने कहा कि सीसीटीवी में यह साफ दिख रहा है कि एक ऑटो द्वारा किस तरीके से जानबूझकर टक्कर मारी गई है, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि कई घंटों तक वह बेसुध लावारिस हाल में पड़े रहे, उनके बॉडीगार्ड द्वारा उनकी पहचान की गई. इसके बाद अस्पताल में लाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. राजीव कुमार ने कहा कि 26 जुलाई को तमाड़ में अपराधियों की ओर से अधिवक्ता की हत्या भी इसी तरह की घटना लग रही है. उनका कहना है कि ऐसा लग रहा है कि अब ज्युडिशियरी से जुड़े लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील की है कि सतर्कता के साथ कार्य करें क्योंकि उनके साथ न तो बॉडीगार्ड रहते हैं और न ही कोई सुरक्षाकर्मी रहते हैं.
Last Updated : Jul 29, 2021, 6:01 PM IST
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