रांचीः गर्मी शुरू होने के साथ ही राजधानी रांची में पेयजल संकट से राजधानीवासियों को जूझना पड़ता है. ईटीवी भारत ने यह जानने की कोशिश की कि राजधानी में राजनीतिक दलों के प्रदेश कार्यालयों में रिचार्ज पिट हैं या नहीं और वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग की क्या स्थिति है. अपनी तहकीकात में ईटीवी की टीम ने पाया कि ज्यादातर राजनीतिक दलों के कार्यालय में भूगर्भ जल को वर्षा जल से रिचार्ज करने का कोई सिस्टम नहीं लगा है. यह और बात है कि किसी दल के नेता इस कमी को स्वीकार करते हैं तो कोई बड़ी साफगोई से इसे छुपाने की कोशिश करते दिखते हैं.
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रांची में भूगर्भ जल को लगातार रिचार्ज होना क्यों जरूरी हैः राजधानी रांची में भूगर्भ जल स्तर यानी ग्राउंड वाटर लेवल लगातार पाताल लोक की ओर जा रहा है. राजधानी रांची के ही कांके, मोरहाबादी सहित कई क्षेत्रों में ग्राउंड वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है. चापाकल और बोरिंग के सूखने की वजह से रोक के बावजूद चोरी-चुपके हर दिन राजधानी के अलग अलग इलाके में डीप बोरिंग करते मशीन दिख जाएंगे. धरती के अंदर का पानी लगातार सूखने की वजह यह है कि हम ग्राउंड वाटर को रिचार्ज नहीं कर पा रहे हैं. पठारी क्षेत्र होने के नाते बिना धरती की प्यास बुझाए वर्षा जल बह जा रहा है.
रांची में लगातार पाताल लोक में जाते भूगर्भ जल का स्तर बनाये रखने के लिए रांची नगर निगम ने सख्त निर्देश भी जारी कर रखा है. इसके बावजूद सवा 2 लाख घरों में से 90 फीसदी के करीब घर ऐसे हैं जहां वर्षा जल से ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने का सिस्टम नहीं लगा हुआ है. ऐसे में रांची में हर वर्ष औसतन लगभग 1154 mm मानसूनी बारिश के बावजूद राजधानी में ग्राउंड वाटर रिचार्ज नहीं हो रहा है. दूसरी ओर राजधानी बनने के बाद लगातार रांची शहर का विस्तार हो रहा है, जनसंख्या बढ़ने से पानी की जरूरतें बढ़ रही है और अधिक मात्रा में ग्राउंड वाटर का दोहन हो रहा है.
ज्यादातर राजनीतिक दलों के दफ्तर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का अभावः लेकिन दुखद बात यह है कि राजनीतिक दलों के ज्यादातर प्रदेश कार्यालयों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा हुआ है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में उनके प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा, भले ही ईटीवी के कैमरे पर यह दावा करें कि उनके प्रदेश कार्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है पर हकीकत में वह नहीं है. भाजपा के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि उनके कार्यालय में भूगर्भ जल को रिचार्ज करने की व्यवस्था है लेकिन वहां भी कार्यालय के एक्सटेंशन वाले भाग में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं होने की बात स्वीकारते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने भरोसा दिलाया कि जल्द वर्षा जल को धरती के अंदर पहुंचाने का सिस्टम बना लिया जाएगा. इसी तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा के वर्तमान कैंप कार्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा नहीं है लेकिन बरियातू में बन रहे नए बहुमंजिली पार्टी ऑफिस में इसकी व्यवस्था होने की बात केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय करते हैं. आजसू पार्टी कार्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की क्या व्यवस्था है इसकी जानकारी नहीं हो सकी.
ईटीवी भारत की पड़तालः ईटीवी भारत की तहकीकात से साफ है कि रांची में पेयजल संकट और ग्राउंड वाटर के पाताल लोक में जाने को लेकर राजनीति और एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाने वाले राजनीतिक दलों के प्रदेश कार्यालयों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर गंभीरता नहीं दिखती चाहे वह बड़े और राष्ट्रीय दल हों या फिर छोटे क्षेत्रीय दल.