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कुड़मी आंदोलन के दौरान घाघरा में देर रात उपद्रव और लाठीचार्ज, कई पुलिसकर्मी जख्मी, रेल सेवा बहाल - Jharkhand news

कुड़मी आंदोलन को भले ही वापस ले लिया गया है लेकिन, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई जगह बवाल किया. घाघरा में देर रात उपद्रव के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. हालांकि अब सभी जगह रेल सेवा बहाल हो चुकी है.

Nuisance And Lathicharge in Saraikela
Nuisance And Lathicharge in Saraikela
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 21, 2023, 3:39 PM IST

रांची: लाठीचार्ज, पत्थरबाजी और आंसू गैस के गोले दागे जाने की घटनाओं के बाद शुक्रवार सुबह 8 बजे एसटी दर्जा की मांग को लेकर कुड़मी समाज का आंदोलन झारखंड के सभी चार रेलवे स्टेशनों पर पूरी तरह समाप्त हो गया. खास बात है कि गुरुवार रात करीब 9.30 बजे से 10 बजे के बीच पश्चिमी सिंहभूम के घाघरा में पुलिस की आंदोलनकारियों के साथ झड़प भी हुई. चाईबासा के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि पुलिस बार-बार ट्रैक से हटने की अपील कर रही थी. इसी बीच रात के वक्त आंदोलनकारियों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी गई. इसकी वजह से एक एसडीपीओ, एक बीडीओ के अलावा आठ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. हालात से निपटने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. घाघरा में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. हालांकि आंदोलनकारियों की दलील है कि पुलिस ने ही लाठीचार्ज किया था.

ये भी पढ़ें: Lathi charge on Kudmi agitators: सरायकेला में कुड़मी आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज, आक्रोशित लोगों ने किया सुरक्षाबलों पर पथराव

इधर, 21 सितंबर की सुबह 8 बजे प्रशासन से वार्ता के बाद सरायकेला के नीमडीह स्टेशन से थोड़ी दूर तिल्ला फाटक के पास ट्रैक पर बैठे आंदोलनकारी भी वापस चले गये. यहां आदिवासी कुड़मी समाज के कार्यकर्ता सूरज कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि 20 सितंबर को आंदोलन के लिए जमा होने के दौरान पुलिस ने सख्ती की थी. इसकी वजह से माहौल बिगड़ गया था क्योंकि पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. गुरुवार को पुलिस लाठीजार्च के जवाब में आंदोलनकारियों ने भी पत्थरबाजी की थी. इस उपद्रव की वजह से भी कई लोग जख्मी हुए हैं. कार्यकर्ता सूरज के मुताबिक पुलिस ने चार आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया है.

Nuisance And Lathicharge in Saraikela
प्रशासन द्वारा जारी पत्र की प्रति

प्रशासन से क्या मिला है आश्वासन: सरायकेला के एडीएम, लॉ एंड ऑर्डर ने आंदोलनकारियों को लिखित में दिया कि जिले के डीसी की पहल पर मुख्य सचिव ने बातचीत के लिए 25 सितंबर को रांची बुलाया है. पत्र में आदिवासी कुड़मी समाज के सलाहकार अजित प्रसाद महतो समेत अन्य को संबोधित करते हुए उनकी मांगों का जिक्र किया गया है. पत्र के मुताबिक कुड़मी समाज को एसटी में सूचीबद्ध करने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने और सरना धर्म कोड लागू करने के लिए रेल चक्का जाम कर रहे आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिंडल से बातचीत के लिए मुख्य सचिव तैयार हैं. 25 सितंबर को 10.30 बजे बुलाई गई बैठक में टीआरआई के निदेशक भी शामिल होंगे. पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि आंदोलन के दौरान रेलवे की संपत्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

झारखंड में कहां-कहां हुआ आंदोलन: दरअसल, टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा समेत अन्य कुड़मी संगठनों ने एसटी दर्जा की मांग को लेकर 20 सितंबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल चक्का जाम आंदोलन शुरू किया था. यह आंदोलन रांची के मूरी, धनबाद के गोमो, सरायकेला के नीमडीह और चाईबासा के घाघरा रेलवे स्टेशन पर शुरू होना था. लेकिन घाघरा और नीमडीह में पुलिस की सख्ती के कारण आंदोलनकारियों ने स्टेशन से कुछ दूर जाकर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया था. इसकी वजह से दर्जनों ट्रेनें प्रभावित हुईं. वहीं गोमो में पुलिस ने आंदोलनकारियों को रेलवे ट्रैक पर नहीं पहुंचने दिया. सभी जगहों पर धारा 144 लगाया गया था. लेकिन मूरी में महिलाओं की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस को पीछे हटना पड़ा. मूरी में शांतिपूर्ण तरीके से टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार के नेतृत्व में दिनभर लोग ट्रैक पर जमे रहे. शाम के वक्त प्रशासन से बातचीत का आश्वासन मिलने पर मूरी और गोमो में आंदोलन को समाप्त कर दिया गया. लेकिन घाघरा और नीमडीह में लोग जमे रहे.

आदिवासी कुड़मी समाज के कार्यकर्ता सूरज कुमार ने बताया कि 25 सितंबर को मुख्य सचिव से वार्ता के बाद कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता है तो 2 अक्टूबर को संगठन के लोग राय-मशविरा कर आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे. इधर, चक्रधरपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम ने बताया कि चाईबासा और सरायकेला ट्रैक पर रेलवे का परिचालन सामान्य हो गया है. वहीं कल शाम को ही मूरी और गोमो से गुजरने वाली सभी रद्द ट्रेनों की सेवा को बहाल कर दिया गया था.

रांची: लाठीचार्ज, पत्थरबाजी और आंसू गैस के गोले दागे जाने की घटनाओं के बाद शुक्रवार सुबह 8 बजे एसटी दर्जा की मांग को लेकर कुड़मी समाज का आंदोलन झारखंड के सभी चार रेलवे स्टेशनों पर पूरी तरह समाप्त हो गया. खास बात है कि गुरुवार रात करीब 9.30 बजे से 10 बजे के बीच पश्चिमी सिंहभूम के घाघरा में पुलिस की आंदोलनकारियों के साथ झड़प भी हुई. चाईबासा के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि पुलिस बार-बार ट्रैक से हटने की अपील कर रही थी. इसी बीच रात के वक्त आंदोलनकारियों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी गई. इसकी वजह से एक एसडीपीओ, एक बीडीओ के अलावा आठ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. हालात से निपटने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. घाघरा में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. हालांकि आंदोलनकारियों की दलील है कि पुलिस ने ही लाठीचार्ज किया था.

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इधर, 21 सितंबर की सुबह 8 बजे प्रशासन से वार्ता के बाद सरायकेला के नीमडीह स्टेशन से थोड़ी दूर तिल्ला फाटक के पास ट्रैक पर बैठे आंदोलनकारी भी वापस चले गये. यहां आदिवासी कुड़मी समाज के कार्यकर्ता सूरज कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि 20 सितंबर को आंदोलन के लिए जमा होने के दौरान पुलिस ने सख्ती की थी. इसकी वजह से माहौल बिगड़ गया था क्योंकि पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. गुरुवार को पुलिस लाठीजार्च के जवाब में आंदोलनकारियों ने भी पत्थरबाजी की थी. इस उपद्रव की वजह से भी कई लोग जख्मी हुए हैं. कार्यकर्ता सूरज के मुताबिक पुलिस ने चार आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया है.

Nuisance And Lathicharge in Saraikela
प्रशासन द्वारा जारी पत्र की प्रति

प्रशासन से क्या मिला है आश्वासन: सरायकेला के एडीएम, लॉ एंड ऑर्डर ने आंदोलनकारियों को लिखित में दिया कि जिले के डीसी की पहल पर मुख्य सचिव ने बातचीत के लिए 25 सितंबर को रांची बुलाया है. पत्र में आदिवासी कुड़मी समाज के सलाहकार अजित प्रसाद महतो समेत अन्य को संबोधित करते हुए उनकी मांगों का जिक्र किया गया है. पत्र के मुताबिक कुड़मी समाज को एसटी में सूचीबद्ध करने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने और सरना धर्म कोड लागू करने के लिए रेल चक्का जाम कर रहे आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिंडल से बातचीत के लिए मुख्य सचिव तैयार हैं. 25 सितंबर को 10.30 बजे बुलाई गई बैठक में टीआरआई के निदेशक भी शामिल होंगे. पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि आंदोलन के दौरान रेलवे की संपत्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

झारखंड में कहां-कहां हुआ आंदोलन: दरअसल, टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा समेत अन्य कुड़मी संगठनों ने एसटी दर्जा की मांग को लेकर 20 सितंबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल चक्का जाम आंदोलन शुरू किया था. यह आंदोलन रांची के मूरी, धनबाद के गोमो, सरायकेला के नीमडीह और चाईबासा के घाघरा रेलवे स्टेशन पर शुरू होना था. लेकिन घाघरा और नीमडीह में पुलिस की सख्ती के कारण आंदोलनकारियों ने स्टेशन से कुछ दूर जाकर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया था. इसकी वजह से दर्जनों ट्रेनें प्रभावित हुईं. वहीं गोमो में पुलिस ने आंदोलनकारियों को रेलवे ट्रैक पर नहीं पहुंचने दिया. सभी जगहों पर धारा 144 लगाया गया था. लेकिन मूरी में महिलाओं की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस को पीछे हटना पड़ा. मूरी में शांतिपूर्ण तरीके से टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार के नेतृत्व में दिनभर लोग ट्रैक पर जमे रहे. शाम के वक्त प्रशासन से बातचीत का आश्वासन मिलने पर मूरी और गोमो में आंदोलन को समाप्त कर दिया गया. लेकिन घाघरा और नीमडीह में लोग जमे रहे.

आदिवासी कुड़मी समाज के कार्यकर्ता सूरज कुमार ने बताया कि 25 सितंबर को मुख्य सचिव से वार्ता के बाद कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता है तो 2 अक्टूबर को संगठन के लोग राय-मशविरा कर आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे. इधर, चक्रधरपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम ने बताया कि चाईबासा और सरायकेला ट्रैक पर रेलवे का परिचालन सामान्य हो गया है. वहीं कल शाम को ही मूरी और गोमो से गुजरने वाली सभी रद्द ट्रेनों की सेवा को बहाल कर दिया गया था.

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