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बाजार में मिलने वाली जलेबी आपकी सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक, एक्सपर्ट से जानिए, कैसे करें पहचान - adulteration of sweets

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बाजार में मिठाई की बिक्री धड़ल्ले से होती है. मांग ज्यादा होती है तो कई लोग ज्यादा पैसा कमाने की चाहत में लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने से भी बाज नहीं आते. ऐसे में स्वतंत्रता दिवस पर बिकने वाली जलेबी में मिलावट (adulteration in sweet Jalebi) की पहचान कैसे करें (how to identify adulteration), ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए, क्या कहते हैं एक्सपर्ट.

Know from experts how to identify adulteration of sweet Jalebi sold on Independence Day
जलेबी
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Published : Aug 15, 2022, 7:19 AM IST

रांची: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सबसे ज्यादा मिठाइयों में जलेबी की बिक्री होती है, क्योंकि स्वतंत्रता दिवस के दिन जलेबी बांटना और इसे खाने का परंपरा बहुत (Jalebi sold on Independence Day) पुरानी है. 15 अगस्त की पूर्व संध्या से ही राजधानी रांची सहित विभिन्न स्थानों पर जगह-जगह स्टॉल लगाकर दुकानदार जलेबी बेचते नजर आते हैं. लेकिन कई लोग इसमें मिलावट (adulteration of sweets) करने से भी बाज नहीं आते हैं. इसलिए खरीदने से पहले इसकी पहचान करें और सावधान रहें.


स्वतंत्रता दिवस के दिन जलेबी को लेकर लोगों में एक अलग ही क्रेज होता है. लेकिन लोगों के इस उत्साह का कुछ लोग गलत फायदा भी उठाते हैं. जलेबी में कई रासायनिक पदार्थ मिलाकर बाजार में बेचते (adulteration in sweet Jalebi) हैं, जो आम लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है.

चतुर्भुज मीणा इंचार्ज झारखंड राज्य खाद्य प्रयोगशाला


हानिकारक रंगों का किया जाता प्रयोग: ऐसे हानिकारक जलेबी की पहचान (how to identify adulteration) और लोगों को सचेत करने के लिए ईटीवी भारत (Etv Bharat) के माध्यम से झारखंड राज्य खाद्य प्रयोगशाला के इंचार्ज चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि कई बार जलेबी को आकर्षक बनाने में दुकानदार हानिकारक रंग का प्रयोग करते हैं. वैसे रंगों का प्रयोग किया जाता है जो कपड़े रंगने में काम आते हैं. इससे जलेबी आकर्षक और रसदार हो जाते हैं और खाने वाले ग्राहकों को भी स्वादिष्ट लगता है. लेकिन ऐसे हानिकारक रंग के उपयोग से बनाए गए जलेबी लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर करता है जिससे कई तरह की बीमारियां होने की भी संभावना होती है.

मिलावट वाली जलेबी की कैसे करें पहचान: झारखंड राज्य खाद्य प्रयोगशाला के इंचार्ज चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि आम आदमी अगर ऐसे हानिकारक रंग की पहचान करना चाहते हैं तो जलेबी के एक टुकड़े को कांच के बर्तन में रख दें और उसमें थोड़ा पानी डालकर जलेबी के टुकड़े पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) का प्रयोग करें. इसका प्रयोग करते हैं हानिकारक रंग वाले जलेबी बैगनी हो जाएगी. जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि जलेबी में अखाद्य रासायनिक पदार्थ प्रयोग किए गए हैं जो कि लोगों के स्वास्थ्य को सीधा हानि पहुंचाता है.

मिठाइयों में मिलावट को लेकर जिला प्रशासन का सख्त आदेश: वहीं जिला प्रशासन की तरफ से सभी मिठाई दुकानदार एवं व्यापारियों को हिदायत दी है कि लोगों को बेचे जाने वाले किसी प्रकार की मिठाइयों में मिलावट (adulteration of sweets) ना करें. वहीं अगर लोगों को किसी मिठाई पर शक होता है तो वह सीधा झारखंड राज्य खाद्य प्रयोगशाला में इंट्री कराकर उस खाद्य पदार्थ की जांच करा सकते हैं.

रांची: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सबसे ज्यादा मिठाइयों में जलेबी की बिक्री होती है, क्योंकि स्वतंत्रता दिवस के दिन जलेबी बांटना और इसे खाने का परंपरा बहुत (Jalebi sold on Independence Day) पुरानी है. 15 अगस्त की पूर्व संध्या से ही राजधानी रांची सहित विभिन्न स्थानों पर जगह-जगह स्टॉल लगाकर दुकानदार जलेबी बेचते नजर आते हैं. लेकिन कई लोग इसमें मिलावट (adulteration of sweets) करने से भी बाज नहीं आते हैं. इसलिए खरीदने से पहले इसकी पहचान करें और सावधान रहें.


स्वतंत्रता दिवस के दिन जलेबी को लेकर लोगों में एक अलग ही क्रेज होता है. लेकिन लोगों के इस उत्साह का कुछ लोग गलत फायदा भी उठाते हैं. जलेबी में कई रासायनिक पदार्थ मिलाकर बाजार में बेचते (adulteration in sweet Jalebi) हैं, जो आम लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है.

चतुर्भुज मीणा इंचार्ज झारखंड राज्य खाद्य प्रयोगशाला


हानिकारक रंगों का किया जाता प्रयोग: ऐसे हानिकारक जलेबी की पहचान (how to identify adulteration) और लोगों को सचेत करने के लिए ईटीवी भारत (Etv Bharat) के माध्यम से झारखंड राज्य खाद्य प्रयोगशाला के इंचार्ज चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि कई बार जलेबी को आकर्षक बनाने में दुकानदार हानिकारक रंग का प्रयोग करते हैं. वैसे रंगों का प्रयोग किया जाता है जो कपड़े रंगने में काम आते हैं. इससे जलेबी आकर्षक और रसदार हो जाते हैं और खाने वाले ग्राहकों को भी स्वादिष्ट लगता है. लेकिन ऐसे हानिकारक रंग के उपयोग से बनाए गए जलेबी लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर करता है जिससे कई तरह की बीमारियां होने की भी संभावना होती है.

मिलावट वाली जलेबी की कैसे करें पहचान: झारखंड राज्य खाद्य प्रयोगशाला के इंचार्ज चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि आम आदमी अगर ऐसे हानिकारक रंग की पहचान करना चाहते हैं तो जलेबी के एक टुकड़े को कांच के बर्तन में रख दें और उसमें थोड़ा पानी डालकर जलेबी के टुकड़े पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) का प्रयोग करें. इसका प्रयोग करते हैं हानिकारक रंग वाले जलेबी बैगनी हो जाएगी. जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि जलेबी में अखाद्य रासायनिक पदार्थ प्रयोग किए गए हैं जो कि लोगों के स्वास्थ्य को सीधा हानि पहुंचाता है.

मिठाइयों में मिलावट को लेकर जिला प्रशासन का सख्त आदेश: वहीं जिला प्रशासन की तरफ से सभी मिठाई दुकानदार एवं व्यापारियों को हिदायत दी है कि लोगों को बेचे जाने वाले किसी प्रकार की मिठाइयों में मिलावट (adulteration of sweets) ना करें. वहीं अगर लोगों को किसी मिठाई पर शक होता है तो वह सीधा झारखंड राज्य खाद्य प्रयोगशाला में इंट्री कराकर उस खाद्य पदार्थ की जांच करा सकते हैं.

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