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नकली या मिलावटी शराब से मौत हुई तो मुआवजे के लिए जाना होगा कोर्ट, कई सवालों के साथ झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक पारित

झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 (Jharkhand Excise Amendment Bill 2022) को गुरुवार को संदन की मंजूरी मिल गई है. अब नकली या मिलावटी शराब से मौत (Death due to spurious or adulterated liquor) होने पर 10 लाख तक का मुआवजा मिल सकता है.

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Published : Aug 4, 2022, 7:48 PM IST

रांची: झारखंड में अगर अवैध, नकली या मिलावटी शराब पीने से किसी मौत (Death due to spurious or adulterated liquor) हो जाती है तो उसे दस लाख रुपए तक के मुआवजा के लिए न्यायालय जाना पड़ेगा. क्षतिपूर्ति का भुगतान न्यायालय के आदेश पर होगा. मिलावटी शराब के सेवन से निशक्तता या बीमार होने पर पांच लाख तक के मुआवजे के लिए भी कोर्ट जाना पड़ेगा. अगर, न्यायालय द्वारा तय क्षतिपूर्ति को दोषी नहीं दे पाता है तो उसकी चल या अचल संपत्ति से वसूला जाएगा.

ये भी पढ़ें- सदन में दीपिका पांडे सिंह ने कहा- प्रदीप यादव करते हैं इंटरप्ट, स्पीकर को करना पड़ा हस्तक्षेप

झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 (Jharkhand Excise Amendment Bill 2022) के कई प्रावधानों पर भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने आपत्ति दर्ज करायी और इसे प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि शराब के नाम पर गलत तरीके से भी छापेमारी होती है. इस संशोधन के मुताबिक अगर किसी के पास से 20 लीटर से कम अवैध शराब जब्त होता है तो अधिकारी को छोड़ने या जेल भेजने के लिए अपने विवेक के इस्तेमाल की इजाजत होगी. उन्होंने कहा कि इस आड़ में तो लोगों को परेशान किया जाने लगेगा. बेहतर होता कि जुर्माना का प्रावधान किया जाता. विनोद कुमार सिंह ने इस बात पर भी सवाल खड़े किए कि शराब की बिक्री में अनियमितता पाए जाने पर दुकान में काम करने वालों पर कार्रवाई होगी. इसमें दुकान मालिक और एजेंसी को क्यों संरक्षण दिया जा रहा है.

लंबोदर महतो ने कहा कि 1 मई 2022 से नई नीति के तहत कहा गया था कि शराब दुकानों में इंप्लायमेंट एक्सचेंज के मार्फत लोगों को काम मुहैया कराया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. एजेंसियां मनमानी कर रही हैं. शराब दुकानों में काम करने वालों को मई माह से अबतक मानदेय नहीं मिला है.

इसपर प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्यहित में संशोधन किया जा रहा है. पूर्व में कई बार निर्दोष को भी जेल भेज दिया जाता था. 20 लीटर से कम शराब बरामद होने पर भी जेल भेजा जाता था. पूर्व में नकली या मिलावटी शराब पीने से मौत होने पर समझौते का भी प्रावधान था. लेकिन अब लोग 5 से 10 लाख का मुआवजा पा सकेंगे. उन्होंने कहा कि उड़न दस्ता पर भी फोकस किया गया है. सड़कों के किनारे और बाग-बगीचों में शराब पीने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद बहुमत से झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 स्वीकृत हो गया.

रांची: झारखंड में अगर अवैध, नकली या मिलावटी शराब पीने से किसी मौत (Death due to spurious or adulterated liquor) हो जाती है तो उसे दस लाख रुपए तक के मुआवजा के लिए न्यायालय जाना पड़ेगा. क्षतिपूर्ति का भुगतान न्यायालय के आदेश पर होगा. मिलावटी शराब के सेवन से निशक्तता या बीमार होने पर पांच लाख तक के मुआवजे के लिए भी कोर्ट जाना पड़ेगा. अगर, न्यायालय द्वारा तय क्षतिपूर्ति को दोषी नहीं दे पाता है तो उसकी चल या अचल संपत्ति से वसूला जाएगा.

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झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 (Jharkhand Excise Amendment Bill 2022) के कई प्रावधानों पर भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने आपत्ति दर्ज करायी और इसे प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि शराब के नाम पर गलत तरीके से भी छापेमारी होती है. इस संशोधन के मुताबिक अगर किसी के पास से 20 लीटर से कम अवैध शराब जब्त होता है तो अधिकारी को छोड़ने या जेल भेजने के लिए अपने विवेक के इस्तेमाल की इजाजत होगी. उन्होंने कहा कि इस आड़ में तो लोगों को परेशान किया जाने लगेगा. बेहतर होता कि जुर्माना का प्रावधान किया जाता. विनोद कुमार सिंह ने इस बात पर भी सवाल खड़े किए कि शराब की बिक्री में अनियमितता पाए जाने पर दुकान में काम करने वालों पर कार्रवाई होगी. इसमें दुकान मालिक और एजेंसी को क्यों संरक्षण दिया जा रहा है.

लंबोदर महतो ने कहा कि 1 मई 2022 से नई नीति के तहत कहा गया था कि शराब दुकानों में इंप्लायमेंट एक्सचेंज के मार्फत लोगों को काम मुहैया कराया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. एजेंसियां मनमानी कर रही हैं. शराब दुकानों में काम करने वालों को मई माह से अबतक मानदेय नहीं मिला है.

इसपर प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्यहित में संशोधन किया जा रहा है. पूर्व में कई बार निर्दोष को भी जेल भेज दिया जाता था. 20 लीटर से कम शराब बरामद होने पर भी जेल भेजा जाता था. पूर्व में नकली या मिलावटी शराब पीने से मौत होने पर समझौते का भी प्रावधान था. लेकिन अब लोग 5 से 10 लाख का मुआवजा पा सकेंगे. उन्होंने कहा कि उड़न दस्ता पर भी फोकस किया गया है. सड़कों के किनारे और बाग-बगीचों में शराब पीने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद बहुमत से झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 स्वीकृत हो गया.

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